पटना : क्रिकेट वर्ल्ड कप का सुरूर जोरों पर है। भारत का पहला मैच पिछले दिनों साउथ अफ्रीका के साथ था। हालाँकि यह मैच भारत जीत गया, पर विवाद इसी मैच से शुरू हुआ। भारतीय टीम के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने इस मैच में ‘बलिदान बैज’ लगा हुआ ग्लव्स पहना था। विवाद इस ‘बलिदान बैज’ से ही उत्पन्न हुआ। आईसीसी ने नियमों का हवाला देते हुए बीसीसीआई को कहा कि धोनी को ऐसा करने से रोके। धोनी ने यह बलिदान बैज सेना के प्रति सम्मान जताने के लिए लगाया है।
बता दें कि धोनी को 2011 में सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। बीसीसीआई ने पहले ही इस ‘बलिदान बैज’ की अनुमति के लिए आईसीसी से अनुमति मांगी थी। आईसीसी का कहना है कि कोई भी खिलाड़ी व्यावसायिक, धार्मिक या सैन्य प्रतीक का इस्तेमाल नहीं कर सकता। इसका जवाब देते हुए बीसीसीआई प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय ने बताया कि इससे किसी नियम का उलंघन नहीं होता। क्योंकि यह ‘बलिदान बैज’ व्यावसायिक, धार्मिक और न ही सैन्य है।
धोनी के बचाव में उतरी केंद्र सरकार, जदयू
भारत सरकार के केन्द्रीय खेल मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि सरकार इन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती पर जब मामला देश का हो तब लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल प्राधिकरण स्वतंत्र है। सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी पर बीसीसीआई को अपना पक्ष आईसीसी में मजबूती से रखना चाहिए। इधर जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने धोनी का बचाव करते हुए कहा कि धोनी ने कोई गलती नहीं की है। धोनी और बीसीसीआई सही हैं। आईसीसी को अपने निर्णय पर विचार करने की जरुरत है।
इस ममाले में पाकिस्तान ने क्या कहा
यह मामला इतना तूल पकड़ लिया है कि सोशल मीडिया पर भी धोनी के पक्ष और विपक्ष में कमेंट आने शुरू हो गए हैं। इसी क्रम में पाकिस्तान के विज्ञानं एवं तकनीकी मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि धोनी वंहा क्रिकेट खेलने गए हैं या महाभारत।
विमल कुमार सिंह