बेटे के चक्कर में क्या बिहार कांग्रेस को भी हुआ नुकसान?

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पटना : पुत्रमोह ने इस बार के आम चुनाव में कांग्रेस को देशभर मेें काफी नुकसान पहुंचाया। खासकर राजस्थान और एमपी में। तभी तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसके लिए अपने दो—दो सीएम की भूमिका पर सवाल उठाए। इसके बाद बिहार में भी कांग्रेस में पुत्रमोह के लिए पार्टी को दांव पर लगा देने की बात दबी जुबान उठी। इसे लेकर जब बिहार प्रदेश कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पर अंगुली उठी तो उन्होंने बीते दिन एक प्रेस वार्ता कर सफाई दी कि आलाकमान की मर्जी से ही नेता पुत्रों को टिकट मिलता है। मालूम हो कि अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र आकाश सिंह भी रालोसपा की टिकट पर हाल के चुनावों में पूर्वी चंपारण से चुनाव लड़े थे।

अखिलेश ने बेटे को रालोसपा से दिलवाया टिकट

हालांकि अखिलेश सिंह ने स्वीकार किया कि उन्होंने पूर्वी चंपारण में प्रचार के लिए अधिक समय दिया। साथ ही अखिलेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस की नौ सीटों पर भी उन्होंने पूरा समय दिया। अखिलेश सिंह ने यह सफाई भी दी कि उनपर मुंगेर और पूर्णिया के प्रत्याशियों को टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग करने के आरोप लगे। उन्होंने कहा कि पूर्णिया और मुंगेर में मिले वोटों को यदि देखें तो यह साबित हो जाता है कि पूर्व के चुनावों से इन सीटों पर कांगेस को इस बार अधिक वोट मिले हैं। महागठबंधन की हार पर अखिलेश ने कहा कि रालोसपा, हम और वीआइपी जैसे छोटे दलों को 11 सीटें दी गईं, लेकिन इनके वोट दूसरे घटक दलों को ट्रांसफर नहीं हुए। अगर वोट ट्रांसफर हुआ होता तो ऐसे परिणाम नहीं आते।

swatva

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