04 जून : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

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स्नातकोत्तर पीईटी 23 जून को होगी आयोजित

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर सत्र 2019-21 में नामॉकन हेतु पीईटी परीक्षा 2019 का आयेजन 23 जून, 2019 को सम्भावित है। इस बार स्नातकोत्तर विभागों एवं स्नातकोत्तर अध्यापन वाले महाविद्यालयों में पीईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेधा सूची तैयार की जायगी। जिन विषयों में कुल निर्धारित सीटों से कम आवेदन प्राप्त होंगें उन विषयों में स्नातक प्रतिष्ठा के अंक के आधार पर मेधा सूची बनाई जायगी। स्नातक परीक्षा में सबसिडियरी विषयों में 55 प्रतिशत अंक प्राप्त करनें वाले छात्र भी उन विषयों में स्नातकोत्तर में नामॉंकन के लिये अहर्ता रखतें हैं, परन्तु उन्हें भी पीईटी परीक्षा के आधार पर बनी मेधा सूची से नामॉंकन लेना होगा। अंकों के आधार पर बनायी गयी मेधा सूची में प्रतिष्ठा के छात्रों को नामॉंकन में प्राथमिकता मिलेगी। सीट खाली रहने पर सबसीडियरी के छात्रों का नामॉंकन होगा। नामॉंकन हेतु छात्रो से ऑनलाईन आवेदन दिनॉंक 23 जून, 2019 से स्वीकार किये जा रहे हैं। छात्र 12 जून, 2019 तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो॰ रतन कुमार चौधरी ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि कुलपति प्रो॰ सुरेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय पहली बार काउन्सिलिंग के द्वारा ऑनस्पॉट नामॉंकन कराये जाने का निर्णय लिया है। सत्र नियमितीकरण की दिशा में सबसे अग्रसर इस विश्वविद्यालय में स्नातक नामॉंकन हेतु एक लाख छिहत्तर हजार से अधिक छात्रों ने ऑनलाईन आवेदन किया है। इस विश्वविद्यालय नें सूबे में सबसे पहले पन्द्रह मई 2019 को स्नातक 2019 का परीक्षाफल प्रकाशित कर दिया है। सूबे के अधिकांश विश्वविद्यालयों के छात्रों का स्नातक 2019 का परीक्षाफल का प्रकाशन में विलम्ब है जिस कारण  स्नातक की तरह स्नातकोत्तर में अन्य विश्वविद्यालयों के वर्तमान सत्र के स्नातक के छात्र आवेदन नहीं कर सकेंगें। कई विश्वविद्यालयों के पिछले सत्र 2016-18 के स्नातक का परीक्षाफल हाल ही में प्रकाशित हुआ है। ऐसे छात्रों का इस विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर में नामॉंकन का यह अच्छा अवसर है।

82 साल पुराने लिफ्ट फिर से किया गया चालू

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विवि अपने परिसर में कई सालों से बंद पड़ी 82 साल पुरानी लिफ्ट को फिर से चालू किया है।

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विवि अपने परिसर स्थित मुख्य प्रशासनिक भवन में मुख्यालय भवन में जहॉं पहले से राज दरभंगा का लिफ्ट लगा था वहीं आज उस लिफ्ट संरक्षित किया गया। इस मौके पर आज माननीय कुलपति प्रो॰ सुरेन्द्र कुमार सिंह के हाथों उद्धघाटन किया गया। इस मौके पर कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह गौरव की बात है 82 वर्ष पुरानी लिफ्ट को विश्वविद्यालय द्वारा पुनर्जीवित उसी अवस्था मे किया गया है जिस अवस्था मे यह अपने मूल रूप में था। विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे धरोहरों को लेकर काफी सजग है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का पेंशन विभाग प्रथम तल पर है और ऐसे में बुजुर्ग पेंशनधारियो को विशेष लाभ मिलेगा। उन्होंने इस कार्य के लिए कुलसचिव महोदय का भूरी-भूरी प्रसंशा की।

मौके पर विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि उनकी कोशिश है कि विवि की पुरानी और नष्ट हो रही चीजों को बचाया जाय। वे पूरे विवि परिसर को हेरिटेज घोषित करवाने की कोशिश कर रहे हैं।  ताकि मिथिला का मान भारत मे बढ़े। इसी कड़ी में प्रशासनिक भवन में लगी लिफ्ट को चालू करना एक कदम है। इसके चालू होने के बाद एक तरफ जहां धरोहर की रक्षा होगी वहीं दूसरी तरफ बुजुर्गों और पेंशन भोगियों को ऊपरी मंजिल पर जाने में भी सहूलियत होगी क्योंकि यह प्रथम मंजिल पर स्थित पेंशन कार्यालय के सामने खुलता है। कुलसचिव ने बताया कि लिफ्ट के पुराने पुर्जों को उनके इतिहास के साथ लिफ्ट के सामने लोगों को देखने के लिए एक दीर्घारूपी रूप दिया जाएगा। ज्ञॉंत हो कि इससे पूर्व राज दरभंगा का यूरोपियन गेस्ट हाउस जो विश्वविद्यालय का गॉंधी सदन के नाम से जाना जाता है, में गत फरबरी माह में एक लिफ्ट लगा था। कुलपति प्रो॰ सुरेन्द्र कुमार सिंह ने एक और लिफ्ट नरगौना मुख्य भवन में पूर्व से निर्धारित स्थान पर लगाने का आदेश दे दिया है। बहुत जल्द ही विश्वविद्यालय परिसर में तीसरा लिफ्ट लग जायगा। जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर पुराना लिफ्ट लगा था वह 1936 में इंग्लैंड से बनकर आया था। बता दें कि इस लिफ्ट को साल 1936 में दरभंगा के आखिरी महाराजा सर कामेश्वर सिंह ने अपने सचिवालय भवन जो आज विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन में लगवाया था। इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो॰ जय गोपाल, अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो॰ रतन कुमार चौधरी, कर्नल निशीथ कुमार राय, विश्वविद्यालय अभियंता ईं॰ सोहन चौधरी आदि उपस्थित थे।

लिफ्ट का इतिहास

लिफ्ट के इतिहास की जानकारी देते हुए अधिषद सदस्य संतोष कुमार ने बताया कि 1934 के भूकंप के बाद महाराजा कामेश्‍वर सिंह ने 1806 में निर्मित राज सचिवालय (वर्तमान में विश्वविद्यालय मुख्यालय) के क्षतिग्रस्‍त हिस्‍सों का न केवल मरम्‍मत कराया, बल्कि उसका विस्‍तारीकरण भी किया। एक मंजिला पुराने सचिवालय के पूर्व दो मंजिले मंत्रालय का निर्माण कराया गया। जिसमें मुख्‍य प्रबंधक समेत कई

अधिकारियों के आधुनिक सुविधायुक्‍त कक्ष और सभागार बनाये गये।

1938 में निर्मित इस एक्‍सटेशन भवन में बिजली की रोशनी के साथ साथ बिजली से चलनेवाले उपकरण भी लगाये गये। इसके लिए खास तौर से इंग्लैंड की कंपनी (24मार्च 1919 की कंपनी) R.A.Evans Ltd. Lift Makers,. England (यह कंपनी आज भी इंग्लैंड Evans के नाम से है) की कंपनी  से लिफ्ट खरीदा गया। राज पावर हाउस से वितरित डीसी करेंट से चलनेवाली इस लिफ्ट की क्षमता चार लोगों को एक साथ दूसरे तले पर ले जाने की थी। 1938 से 1975-76 तक इसका उपयोग किया जाता रहा।

1976 में एक ओर जहां यह मिथिला विश्‍वविद्यालय का मुख्‍य प्रशासनिक भवन बना वही दूसरी ओर सरकारी आदेश पर इस परिसर में डीसी करेंट का

वितरण बंद कर दिया गया। नये नये परिसर में आये विश्‍वविद्यालय प्रशासन ने डीसी करेंट से चलनेवाले पंखे और बल्‍ब जैसे आवश्‍यक उपकरणों

को तो एसी करेंट में बदला, लेकिन लिफ्ट, एसी, गीजर जैसे कई उपकरणों को एसी में नहीं बदले जाने से वो अनुपयोगी हो गये। उपयोग में नहीं रहने के कारण इनकी देखभाल भी ठीक से नहीं हुई। कुछ गायब हो गये, कुछ जर्जर हो कर नष्‍ट हो गये। जो कुछ भी बचा हुआ है उसके प्रति विश्‍वविद्यालय प्रशासन गंभीरता दिखाते हुए उन्‍हें संरक्षित करने का काम शुरु किया है और करीब 82 साल बाद एक बार फिर 1938 में लगी लिफ्ट फिर नये एसी मोटर के साथ सेवा देने को तैयार हो चुका है। बिहार के इस सबसे पुराने लिफ्ट के संरक्षण से न केवल विश्‍वविद्यालय का मान बढेगा, बल्कि दरभंगा में पर्यटन को भी बढावा मिलेगा।

पर्यावरण संरक्षण में शिक्षण संस्थाओ की भूमिका अहम

दरभंगा : दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा पर्यावरण दिवस पर कल कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसके तहत महात्मा गांधी की मूर्ति पर सबसे पहले माल्यार्पण की जाएगा। उसके बाद पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए पर्यावरण जागरूक रैली निकाली जाएगी। जो महात्मा गांधी सदन से निकलकर लीची गेट तक जाएगी। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय बीएड (नियमित) के राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई द्वारा वृक्षारोपण किया जाएगा। अपराह्न 10:00 बजे महात्मा गांधी सदन अवस्थित सभागार में पर्यावरण संरक्षण में शिक्षण संस्थाओं की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है । जिसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह करेंगे। वहीं एनजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली के प्रो. एनएन पाण्डे मुख्य अथिति वक्ता के रूप में भाग लेंगे।

मुरारी ठाकुर

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