क्या नीतीश मानेंगे रघुवंश बाबू की बात? क्या मिला Offer ?

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पटना : राजद के बड़े नेता रघुवंश बाबू ने बड़ा बयान दिया है। महागठबंधन को हाल के चुनाव में मिली करारी हार और एनडीए में जारी खटपट के बीच उन्होंने आज सोमवार को कहा कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को पछाड़ने के लिए सभी गैर भाजपा दलों को एक होना होगा। उन्होंने यह भी साफ कहा कि इस गठजोड़ में जदयू भी खुले दिल से शामिल हो। स्पष्ट है कि रघुवंश बाबू ने जदयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को भी भाजपा से अलग होकर राजद के साथ आने का खुला आमंत्रण दिया है।

भाजपा बनाम विपक्ष का मोर्चा बनाने की कवायद

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि यदि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में मैदान मारना है तो हर हाल में सभी गैर भाजपाई पार्टियों को एकसाथ होना होगा। रघुवंश बाबू ने साफ—साफ कहा कि इन गैर भाजपाई पार्टियों में नीतीश कुमार की जदयू भी शामिल है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार कब किसका साथ छोड़ दें, कब फिर हाथ मिला लें, यह नहीं कहा जा सकता।

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राजद की हार पर क्या बोले रघुवंश बाबू

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने हाल के चुनाव में पार्टी की बड़ी हार पर कहा कि लालू के न होने से बड़ा फर्क हुआ। महागठबंधन में सीटों का बंटवारा सही नहीं हुआ। साथ ही टिकटों के बंटवारे में भी गड़बड़ी हुई। कमजोर उम्मीदवार होने के कारण हम टक्कर नहीं दे सके। महागठबंधन के दलों और नेतृत्व के बीच तालमेल की कमी रही। साथ ही राजद द्वारा सवर्ण आरक्षण बिल का विरोध करना भी भारी पड़ा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सवर्ण आरक्षण बिल के विरोध का फैसला गलत था। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव में राजद की हार के बाद दबी जुबान से ही सही राजद के कई नेताओं ने नेतृत्व से लेकर टिकट बंटवारे तक पर सवाल खड़े किए थे। अब रघुवंश बाबू खुलकर सामने आए हैं। उनके आज के बयान को बिहार में भविष्य की राजनीति को नई दिशा देने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

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