पटना,बक्सर : नवनियुक्त केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय आवंटित किया गया है। पिछली सरकार में भी इन्हें इसी विभाग में राज्य मंत्री बनाया गया था। स्वास्थ्य विभाग के मंत्री बनने के बाद चौबे ने मंत्री के रूप में अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट की हैं। इन प्राथमिकताओं में सबसे महत्वपूर्ण आयुष्मान भारत योजना है जिसे पूरी तत्परता से लागू करना है, जिससे कि गरीब वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य सेवाओं में अधिकतम योगदान किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के मीडिया प्रभारी वेदप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि हमारी प्राथमिकता भारतवर्ष के 130 करोड़ लोगों में गरीब वर्ग उसमें भी विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों के स्वास्थ्य संवर्धन पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत हम विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत योजना’ को कार्यान्वित करने पर विशेष ध्यान देंगे।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 55 करोड़ लोगों, लगभग 40 प्रतिशत आबादी को हेल्थ कवरेज मिलेगा। आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ लेने वालों की संख्या 20 लाख से ज्यादा हो गयी है। कुल मिलाकर अब तक 3.07 करोड़ लाभार्थियों को योजना के तहत ई-कार्ड जारी किये गए हैं। इसके प्रगति को और तेज कर अधिकतम लोगों को इसका लाभ पहुंचाएंगे।
हमारी अगली प्राथमिकता वर्ष 2022 तक 30 साल तक के उम्र के हर नागरिक को निरोग बनाना है। इसके अंतर्गत वेलनेस सेंटर पर लोगों का रक्तचाप, डायबिटीज, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर सहित अनेक रोगों का मुफ्त इलाज, जांच और दवा की व्यवस्था होगी।
इसके उपरांत हमारी प्राथमिकता वर्ष 2022 तक सभी सीएचसी और पीएचसी को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बदलना है। अभी तक हम लोगों ने 20 हजार सीएचसी और पीएचसी को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बदल चुके हैं।
वर्ष 2014 के बाद हम लोगों ने बच्चों के टीकाकरण को 61 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 प्रतिशत तक किया है। इस साल के अंत तक इस को बढ़ाकर 90 प्रतिशत और अगले वर्ष 100 प्रतिशत करना हमारी प्राथमिकता है। पहले मात्र 7 टीके ही होते थे। हमने इसको बढ़ाकर 12 कर दिया है ताकि अधिकतम रोगों से बच्चों की रक्षा हो सके।
अमृत योजना के कारण दवाओं के खर्च में 90 प्रतिशत तक की कमी आई है, जिसको हम सख्ती से लागू करते हुए गरीबों को अधिकतम लाभ देंगे।
प्रधानमंत्री डायलिसिस योजना में 1.25 लाख लोगों का मुफ्त डायलिसिस किया गया और 25 लाख मुफ्त डायलिसिस सेशन का लाभ इनको मिला। इसको अधिकतम संख्या तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है ताकि गरीब लोगो की मौत डायलिसिस के अभाव में न हो।
इसके अतिरिक्त देश भर के मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों की स्थिति सुधारना, नए मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल खोलना और पहले से चली आ रही जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना और इसका लाभ लोगों तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकताओ में शामिल है।