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31 मई : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

दूरस्थ शिक्षा निदेशालय सलाहकार समिति की आयोजित हुई 89वीं बैठक

दरभंगा : दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मुख्यालय के सलाहकार समिति की 89वीं बैठक आज विश्वविद्यालय के सभागार में माननीय कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। कुल 17 कार्यसूचियों पर सदस्यो द्वारा विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। सर्वप्रथम मद संख्या 1 के 88वीं बैठक को संपुष्ट किया गया वही मद 2 के आलोक में राष्ट्रीय शिक्षा परिषद (NCTE) नियमावली के आधार पर विज्ञापन कर तृतीय एवं चतुर्थ पदों के लिये विज्ञापन निकालने पर विचार किया गया। मद 3 के विषयानुसार दूरस्थ शिक्षा में कार्यरत कर्मियों के अग्रिम के संबंध में कर्मचारियों को आवश्यकता पड़ने पर अग्रिम के रूप में ऋण देने के लिए Welfare Fund Account खोलने पर सहमति बनी। यह भी निर्णय लिया गया कि दिए गए अग्रिम के राशि के अनुरूप 10 या 20 किस्तों में वेतन से इसकी वशूली की जाएगी। मद संख्या 4 में परीक्षा कार्य हेतु दर संशोधित करने हेतु आय-व्यय प्रस्ताव का आकलन करने हेतु वित्त परामर्शी, परीक्षा नियंत्रक एवं उपनिदेशक की एक त्रि- सदस्ययी कमिटी का गठन किया गया जिसका अनुमोदन बैठक में स्वीकृत किया गया। मद 5 जो कि नामांकित अध्धयन केंद्रों पर नियमानुसार सहायक एवं सहायक समन्यवयक से संबंधित है। निर्णय लिया गया कि जिन केन्द्रों पर छात्रों की संख्या 300 से 500 सौ के बीच है वहाँ एक अतिरिक्त्त सहायक समन्यवक तथा एक कार्यालय सहायक के कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई। मद 6 एवं 7 के कार्यसूची को स्वीकृत प्रदान की गई वही मद संख्या 8 सहायक निदेशक, उप-निदेशक एवं निदेशक के परिश्रमिक वृद्धि के प्रस्ताव को समिति द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया। मद 9 के आलोक में दिए गए मद के अनुसार बंगला नंबर 6 के विभिन्न कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई। वही मद 10 जो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के निर्गत सार्वजनिक सूचना के आलोक में चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा संचालित करने हेतु प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। मद संख्या 11 को अस्वीकृत एवं एवं अन्यान्य के पांचों मदों को स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में वित्त परामर्श मो. अमानुल हक़, कुलसचिव, कर्नल निशीथ कुमार राय, निदेशक, डॉ. सरदार अरविंद सिंह, स्नातकोत्तर, वाणिज्य विभाग के प्रो. अजीत कुमार सिंह, संकायाध्यक्ष, विज्ञान प्रो. शीला, वित्त पदाधिकारी, बिनोद कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशोक कुमार मेहता, वित्त समिति सदस्य अरविंद कुमार सिंह, सहायक निदेशक, डॉ. शम्भू प्रसाद आदि उपस्थित थे।

दूसरे दिन भी परीक्षा केंद्र पर डटे रहे प्रोवीसी

दरभंगा : कदाचारमुक्त परीक्षाओं के संचालन के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोवीसी प्रो0 चन्द्रेश्वर प्रसाद सिंह लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी भागलपुर के परीक्षा केंद्र राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में घण्टों डटे रहे। शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि स्वच्छ व साफ-सुथरी परीक्षा कराने के लिए प्रोवीसी स्तर के पदाधिकारी एक ही केंद्र पर निगरानी वास्ते दो दिनों से रुके हों। नतीजा यह रहा कि समय से पहले प्रोवीसी परीक्षा केंद्र पहुंचे और सारी विभागीय औपचारिकताएं अपने समक्ष पूरी कराये। परीक्षा कक्ष में छात्रों को बैठाने से लेकर दोनों पालियों की उत्तरपुस्तिकाओं के सील होने तक की व्यवस्था कड़ी हिदायत के साथ उन्होंने खुद चुस्त-दुरुस्त रखी।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि इसी क्रम में मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रोवीसी प्रो0 सिंह ने कदाचारमुक्त परीक्षा लेने के संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन के संकल्पों को आज फिर दोहराया। उन्होंने कहा कि छात्र हित में विश्वविद्यालय प्रशासन की उदारता सर्वविदित है लेकिन परीक्षा के मामले में कोई ढिलाई नहीं चलेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि परीक्षा पूर्व छात्र अगर समय का उचित प्रबंधन कर पढ़े तो हर परीक्षा में वे बाजी मार सकते हैं। यह कोई नई बात नहीं है बल्कि आजमाया हुआ फार्मूला है।छात्रों को सफलता के लिए इस ओर जरूर चिंतन करना चाहिए। अभिभावक को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों को लगातार बेहतर करने के लिए प्रेरित करे। हां, ज्ञान उन्नयन वास्ते शिक्षकों को भी नियमित वर्ग संचालन के लिए साकांक्ष व सचेष्ट रहना पड़ेगा। ऐसा करने से परीक्षा के दौरान चिट-पुर्जे का इस्तेमाल खुद रुक जाएगा।

बता दें कि भागलपुर केंद्र से ही प्रोवीसी ने मोबाइल के जरिये करीब करीब सभी 11 केंद्राधीक्षकों से परीक्षा की बाबत जानकारी ली एवम अपेक्षित निर्देश भी दिए। साथ ही उन्होंने आधा दर्जन भर केंद्रों से परीक्षा कक्षों की वीडियोग्राफी भी मंगाई एवम उसका अवलोकन भी किया।उल्लेखनीय है कि सभी केंद्रों पर इस बार करीब 12 हजार छात्र परीक्षा दे रहे हैं।

मुरारी ठाकुर