अररिया : फारबिसगंज के घोड़ाघाट में एक साथ चार नाबालिग लड़की के गायब होने से परिजन समेत गांववासियों में कोहराम मच गया। गायब सभी लड़कियां मकई खेत में काम करने गई थी। घटना सोमवार की बतायी जा रही है। मामले में पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद घोड़ाघाट के ही एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
उसका नाम मुस्तकीम, पिता अवैस बताया जाता है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। मामला मानव तस्करी से जुड़े होने की आशंका जतायी जा रही है। जिस युवक को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है वह पूर्व में भी मानव तस्करी और जिस्मफरोशी के धंधे का मास्टरमाइंड रहा है। जानकारी अनुसार मुस्तकीम पूर्व में भी कानपुर से एक लड़की लाकर स्थानीय समौल स्थित अपने फूफा के हाथों बेच चुका है। कानपुर और दिल्ली समेत कई महानगरों में मानव तस्करों और जिस्मफरोशी के दलालों और एजेन्टों से मुस्तकीम के ताल्लुकात बताये जा रहे हैं। बताया जाता है कि घटना के एक दिन बाद मंगलवार को मुस्तकीम एक पीड़ित परिजन के घर आकर सभी चारों लड़कियों के सीमांचल एक्सप्रेस से आनंद विहार से दिल्ली जाने की बात बोल रहा था। इस बात की भनक लगते ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।
पुलिस उसके मोबाइल को भी खंगाल रही है क्योंकि मोबाइल से लापता लड़कियों के नंबर से बात करने की बात सामने आ रही है। लापता लड़कियों में किसी की उम्र 16 वर्ष तो किसी की 15 बतायी जाती है। परिजनों ने बताया कि सभी लड़कियां मकई के खेत में काम करने गई थी जहां से अचानक लापता हो गयी। मामले को लेकर पीड़ित परिवार में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। मामले की पुष्टि करते हुए थाना अध्यक्ष शिव शरण साह ने बताया कि मुस्तकीम से पुलिस पूछताछ कर रही है।
थानाध्यक्ष ने पकड़े गए युवक की पूर्व से मानव तस्करी में संलिप्तता की पुष्टि कि है। घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। वहीं एक ही गांव से भागी चार लड़कियों के मामले में पुलिस सक्रिय हो गयी है। सभी लड़कियों के जोगबनी से आनंद विहार दिल्ली जाने वाली सीमांचल एक्सप्रेस से भागने की आशंका और मिल रहे सुराग को ले फारबिसगंज पुलिस ने गाजियाबाद और आनंदविहार रेल पुलिस से संपर्क साधा है।
10:30 बजे रात सीमांचल के गाजियाबाद पहुचने की संभावना है। गाजियाबाद और आनंदविहार स्टेशन पर मौजूद जीआरपी फारबिसगंज डीएसपी के संपर्क में है। डीएसपी पूरे मामले की मोनिटरिंग कर रहे हैं।फिलहाल पुलिस प्रशासन और नीतीश सुशासन के ऊपर कई सवाल उठ रहे हैं।
संजीव कुमार झा