डिजिटाइजेशन से छात्रों का समय बचेगा, शिक्ष​कों को सेवानिवृत्ति लाभ तत्क्षण : राज्यपाल

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सारण : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में अध्यक्षता कर रहे बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने कहा कि भारतीय परिवेश तथा मालवीय टोपी भारतीय संस्कृति का पहचान दिलाती है। इसका इस देश की मिट्टी से संबंध है। जब देश आजाद नहीं हुआ था, उस समय से ही इस टोपी का प्रचलन हमारे पूर्वज करते आ रहे हैं। इसलिए गाउन की जगह पर अपनी सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक मालवीय टोपी का प्रयोग होना चाहिए। उन्होंने डिजिटाइजेशन को को लेकर कहा कि कार्यालयों में ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो जाने से समय की बचत के साथ साथ धन की बचत तथा छात्रों शिक्षकों को सहूलियत प्रदान होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अब शिक्षकों की दौड़ने की जरूरत नहीं है, जिस दिन सेवानिवृत्ति होगी उसके दूसरे दिन ही सभी का हिसाब—किताब घर उसको मिलने वाला धनराशि उपलब्ध करा दिया जाएगा। राज्यपाल ने यह भी बताया कि शिक्षा के सुधार में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में छात्रों को शिक्षकों को प्रत्यक्ष लाभ दिखेगा।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता एनसीईआरटी नई दिल्ली के पूर्व निर्देशक पद्मश्री जगमोहन सिंह राजपूत द्वारा ने अपने संबोधन में कहा कि देश की तरक्की छोटे—छोटे विद्यालयों महाविद्यालयों से ही तय होती है उन्होंने कहा कि जापान की तरक्की का कारण वहां का शिक्षा नीति है। आज दुनिया में जापानी तकनीकी का वर्चस्व को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए उन्होने कहा कि भारत विश्व गुरु बनने को जा रहा है। यह तभी संभव है जब यहां की शिक्षा नीति मैं सुधार हो। बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए 25 एकड़ जमीन में बनाए जा रहे मेडिकल कॉलेज तथा हॉस्पिटल का विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए जमीन के लिए आभार प्रकट करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के विकास में यह विभाग कारगर साबित होगा, जिससे इस क्षेत्र के जनता के साथ—साथ विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र व अधिकारी व पदाधिकारियों को भी स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होगी। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपना अभिभाषण प्रस्तुत किया।

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इससे पूर्व जयप्रकाश विश्वविद्यालय के चौथा दीक्षांत समारोह में बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन 3ः00 बजे विशेष हेलीकाप्टर से छपरा विश्वविद्यालय प्रांगण में बने हेलीपैड पर लैंड किए, जिसके बाद प्रशासन द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मंच संचालन कर रहे विवि के रजिस्टार ने आए अतिथियों का स्वागत किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुल गीत बनारस से आए संगीत के छात्र—छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बनारस संस्कृत विद्यालय के छात्राओं द्वारा मंगलाचरण के साथ शुभारंभ हुआ। राष्ट्रगान के साथ इस कार्यक्रम का समापन हुआ।

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