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दरभंगा बिहार अपडेट

27 मई : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

वृक्षारोपण व रक्तदान करेगा भारत विकास परिषद्

दरभंगा : भारत विकास परिषद्,  विद्यापति शाखा, दरभंगा की आम बैठक अध्यक्ष प्रो रामानंद यादव की अध्यक्षता में दोनार इंडस्ट्रियल एरिया, दरभंगा में हुई, जिसमें प्रांतीय महासचिव राजेश कुमार, सचिव डॉ आरएन चौरसिया, कोषाध्यक्ष आनंद भूषण, डॉ अंजू कुमारी, प्रेरणा नारायण सविता कुमारी, इंदिरा कुमारी, पुनम कुमारी, रेणु अग्रवाल, डॉ भक्तिनाथ झा, ओंकार प्रसाद सिंह, श्रीरमण अग्रवाल, सुशील कुमार, डॉ शंकर झा, डॉ सुमित कुमार कोले, डॉ नीलमणि सिंह, अनिल कुमार, संजीव कुमार, विजय कुमार यादव, कुमार शिवम, प्रणव नारायण, डॉ अवधेश प्रसाद यादव, रंजीत कुमार श्रीवास्तव, डॉ अच्युतानंद प्रसाद, डॉ कैलाश कुमार चौधरी, उज्ज्वल कुमार, दिलीप कुमार महासेठ, सुनैना कुमारी, बबलू कुमार आदि ने भाग लिया। बैठक में सर्वसम्मति से चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 8 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति के गठन को स्वीकृति दी गई, जिनमें अध्यक्ष के रूप में प्रो रामानंद यादव, सचिव डॉ आर एन चौरसिया, कोषाध्यक्ष आनंद भूषण, उपाध्यक्ष ओंकार प्रसाद सिंह, संयुक्त सचिव डॉ अवधेश प्रसाद यादव, संस्कार संयोजक डॉ शंकर झा, सेवा संयोजक सुशील कुमार तथा महिला एवं बाल विकास संयोजक डॉ अंजू कुमारी शामिल हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी अंतरराष्ट्रीय रक्तदान दिवस के अवसर पर 14 जून को परिषद् द्वारा पश्चिम दिग्घी में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। बैठक में परिषद् में हाल ही में शामिल 12 सदस्यों का फूलमाला तथा पुष्पगुच्छ से वरीय सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया।

इस अवसर पर प्रांतीय महासचिव राजेश कुमार ने बताया कि परिषद् 15 जून से जिला में सघन एवं सुरक्षित वृक्षारोपण प्रारंभ करेगा। बैठक में 8 जून को आयोजित होने वाली परिषद् की प्रांतीय कार्यशाला को अनुकरणीय एवं ऐतिहासिक बनाने का निर्णय लिया गया, जिसमें विभिन्न जिलों के 80 से अधिक चुने हुए प्रतिनिधि भाग लेंगे। सचिव डॉ आरएन चौरसिया ने बताया कि परिषद् सामाजिक सरोकार से संबद्ध कार्यों, यथा स्वच्छता एवं स्वास्थ्य, शिक्षा एवं साक्षरता, महिला कल्याण एवं बाल विकास तथा पर्यावरण-सुरक्षा एवं वृक्षारोपण आदि से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता देगा। अध्यक्ष प्रो रामानंद यादव ने बताया कि परिषद् का वेवसाइट तैयार है, जिसे अगले महीने चालू किया जाएगा। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि परिषद् की एक पत्रिका का प्रकाशन जुलाई महीने में किया जाएगा।

दो दिवसीय जॉब ड्राइव कार्यक्रम का हुआ संचालन

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह के निर्देशानुसार मिथिलांचल के नवयुवकों को उनकी प्रतिभा के अनुरूप पढ़ाई, प्रशिक्षण एवं नवयुवकों को आमदनी के उपायों की अभूतपूर्व पहल विश्वविद्यालय में काफी लंबे समय से की जा रही है। इस संदर्भ में आज दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के द्वारा दो दिवसीय ELSP (Employment Linked Skilling Program) जॉब ड्राइव (Job Drive) कार्यक्रम संचालित किया गया। इस कार्यक्रम के तहत कई कंपनियों आज इन नवयुवकों का साक्षात्कार के तहत विभिन्न पदों के लिए चयन करेगी। प्रथमदिन के कार्यक्रम में आज 70 छात्र/छात्राओ की उपस्थिति दर्ज की गई। कार्यक्रम के आरंभ में छात्र/छात्राओं को एचआर टीम कोलकाता से सीनियर रेक्विटर देवाशीष ने छात्रों को जॉब ओरिएंटेड कार्यक्रम के तहत कम्पनी में चयन होने हेतु कई प्रकार के विचार दिए। विश्वविद्यालय के अध्यक्ष, छात्र कल्याण प्रो. रतन कुमार चौधरी ने साक्षात्कार के लिए आये नवयुवकों को इस बेहतर कार्यक्रम में चयनित होने की शुभकामनाएं दी और उन्होंने कहा की पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण और कमाई होना यह अपने आप मे चहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है। जिससे छात्र ज्ञान, प्रशिक्षण और आय तीनों चीजें ज्ञान के रूप में अर्जित करेगा। मेधावी और बेरोजगार नवयुवकों को इस कार्यक्रम से काफी लाभ होगा।

इस कड़ी के तहत आज Microfinance  Manufacturing Production, Retail और Sales के क्षेत्र में जॉब ड्राइव का आयोजन किया जा रहा है। आज प्रथम दिन मदुरा फाइनेंस, चेन्नई के लिए आए हुए अभ्यर्थियों में से 28 का चयन किया गया कार्यक्रम में निदेशालय के निदेशक डॉ. सरदार अरविंद सिंह,  सहायक निदेशक डॉ. शम्भू प्रसाद, डॉ. अखिलेश मिश्र आदि उपस्थित थे।

309 छात्र-छात्राओं को दिया गया उपाधि तथा 11 को पदक

दरभंगा : वैश्विक स्तर पर तेजी से बदलते शिक्षा की दशा और दिशा का हमारे विश्वविद्यालय की शिक्षा पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। पढाई के अत्याधुनिक तौर-तरीकों का इस्तेमाल करके ही हम आगे बढ़ सकते हैं तथा विश्व स्पर्धा में मजबूती के साथ  टिके रह सकते हैं। अतः आवश्यकता है कि छात्र पारंपरिक ज्ञान एवं संस्कार को आगे बढ़ाने के साथ-साथ न सिर्फ पढ़ाई के आधुनिक तौर-तरीकों का इस्तेमाल करें बल्कि स्वाबलंबी एवं रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाएं।

मिल्लत कॉलेज में आयोजित प्रथम दीक्षांत समारोह के अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में दीक्षांत संबोधन प्रस्तुत करते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा तथा आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना के पूर्व कुलपति डॉ  एसपी सिंह ने ये बातें कहीं। पदकों एवं उपाधियों  से नवाजे जा रहे सभी छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए उन्होंने आगे भी ज्यादा से ज्यादा ज्ञान और शिक्षा प्राप्त करने पर बल दिया। उन्होंने कक्षा में पूरे बिहार में छात्रों की कम उपस्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षकों से ही इसका निदान खोजने का अनुरोध किया।

मिल्लत कॉलेज के तेजी के साथ विकास करने, यहां बिहार के कोने-कोने से पढ़ने आए छात्रों खासकर अल्पसंख्यक बच्चियों के लिए इसके पसंदीदा संस्थान के रूप में उभरकर सामने आने की चर्चा करते हुए डॉ एसपी सिंह ने कहा कि इस संस्थान ने वास्तव में सामाजिक एवं सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

बिहार के महाविद्यालयों में दीक्षांत समारोह के माध्यम से उपाधियां एवं पदक प्रदान करने की शुरुआत ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के द्वारा की गई है। इस कड़ी में आज मिल्लत कॉलेज के इतिहास में पहली बार दीक्षांत समारोह आयोजित की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा व्यक्तित्व के निर्माण का सबसे आवश्यक तत्व है, जो छात्र के अंदर सत्य, निष्ठा, ईमानदारी, सहयोग तथा आपसी भाईचारा जैसे मानवीय मूल्यों का निर्माण करता है तथा जिसके आधार पर वह एक चरित्रवान व्यक्ति के रूप में जीवन में आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और शिक्षा के द्वारा मिला जीवन मूल्य छात्र को विनम्र, विवेकशील, धैर्यवान तथा आत्मविश्वासी व्यक्ति के रूप में स्थापित करता है।

कुलपति ने छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए छात्रों के साथ साथ शिक्षकों को भी कड़ी मेहनत करने तथा एक बड़ी सोच के साथ आगे बढ़ने का सुझाव दिया। कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह ने लोगों से मिथिला तथा बिहार के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया जिसके लिए पर्याप्त ज्ञान, शिक्षा तथा कौशल का होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि आप अपने आप को हमेशा ही एक छात्र के रूप में बनाए रखें तथा जीवन भर सीखने की प्रवृत्ति अपनाएं।

कुलपति प्रोफेसर सिंह ने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति, कठिन परिश्रम, सहयोग तथा संवेदनशीलता के साथ विवेकपूर्ण निर्णय के द्वारा हम जीवन में बड़ी से बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। उन्होंने मिल्लत कॉलेज के तेजी के साथ प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने की चर्चा करते हुए इस कॉलेज के योगदान की सराहना की।

समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए प्रति कुलपति प्रोफेसर जय गोपाल ने कहा कि छात्र-छात्राएं इस अवसर पर संकल्प लें कि कभी भी ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे खुद को या परिवार अथवा समाज को शर्मिंदगी झेलनी पड़े, बल्कि सच्चाई, ईमानदारी तथा परिश्रम से भ्रष्टाचार मुक्त एवं समतामूलक समाज बनाने में अपना योगदान देते हुए बड़े लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।

इस अवसर पर रजिस्ट्रार कर्नल (सेवानिवृत्त) निशीथ कुमार राय ने कहा की लगन, मेहनत तथा सच्ची सोच के साथ समय सीमा में स्पष्ट उद्देश्य को सामने रखकर सक्रिय होकर आगे बढ़ने से जीवन में कुछ भी असंभव नहीं रह जाता है।

 309 छात्र-छात्राओं को दिया गया उपाधि तथा 11 को पदक

कार्यक्रम के दरम्यान कुल 309 छात्र छात्राओं को उपाधियां दी गई जबकि सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाल 11 छात्र-छात्राओं को कुलपति ने बेस्ट ग्रैजुएट अवार्ड तथा पदक प्रदान किए। पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के नाम इस प्रकार हैं-अफरीन, मो शमशेर नयीम, आलिशान फातिमा, सालेहा खातून, नाजरीन परवीन, मरियम जमीला, नाजनी फातिमा, सुनील कुमार शर्मा, कुदसिया तसकीन, मो बाबर अली तथा मो मेराज।

कुलपति ने किए एक साथ कई उद्घाटन

इस अवसर पर कुलपति ने कॉलेज के नए डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मल्टीपरपस हॉल, जिम हॉल, नए आई क्यू एसी सेल कक्ष तथा विज्ञान, कला एवं वाणिज्य विषयों के अलग-अलग स्मार्ट-क्लास का  उद्घाटन किया इसके साथ ही कॉलेज परिसर में एक दीक्षांत पेड़ भी लगाया गया।

प्रधानाचार्य ने प्रस्तुत किया उपलब्धियों का ब्यौरा

प्रधानाचार्य डॉक्टर मोहम्मद रहमतुल्ला ने कॉलेज के स्थापना काल से लेकर अभी तक की उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। 1957 में स्थापित इस महाविद्यालय की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिस गंगा जमुनी तहजीब तथा सामाजिक एवं सांप्रदायिक एकता की भावना के उद्देश्य से इस महाविद्यालय की स्थापना की गई उसमें यह महाविद्यालय पूर्ण सफल रहा है। 1976 में  अंगीभूत हुए तथा 2014 में नैक से बी ग्रेड प्राप्त इस महाविद्यालय में वर्तमान में इंटर सहित लगभग दस हज़ार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। यहां के पठन-पाठन तथा रिसर्च के माहौल की प्रशंसा करते हुए शिक्षकों के सेमिनार, कॉन्फ्रेंस तथा कार्यशाला में भाग लेते रहने सहित उनके कर्तव्य पालन की चर्चा की तथा विश्वास व्यक्त किया कि यह महाविद्यालय मेहनत के बल पर और अधिक उपलब्धियां हासिल करेगा।

कई प्रमुख व्यक्ति रहे समारोह में उपस्थित

इस अवसर पर दरभंगा के मेयर श्रीमती वैजयंती देवी खेड़िया, परीक्षा नियंत्रक डॉ अशोक कुमार मेहता, पूर्व विधान पार्षद डॉ विनोद कुमार चौधरी, सिंडीकेट सदस्य डॉक्टर बैद्यनाथ चौधरी, पूर्व रजिस्ट्रार डॉ विजय प्रसाद सिंह, कॉलेज निरीक्षक (विज्ञान) डॉ रजी अहमद,एलएनमूटा महासचिव डॉ कन्हैया जी झा, पेंशन ऑफिसर डॉ एस एम जफर,एनएसएस पदाधिकारी डॉ विनोद बैठा,विश्वविद्यालय उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ एसएम रिजवानुल्लाह, सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ भक्ति नाथ झा, प्रो एसएम जावेद इकबाल, विश्वविद्यालय सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

मिथिला की परंपरा से सराबोर रहा यह कार्यक्रम

पूरे कार्यक्रम में मिथिला के पारंपरिक तौर-तरीकों का ही ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हुआ।  डाला – चंगेरा आदि की सहायता से ही सभी प्रकार एक्सके स्वागत सम्बन्धी तथा मेडल देने का काम पूरा किया गया साथ ही पूरे कार्यक्रम में मिथिला पेंटिंग की जगह जगह उपयोगिता देखी गई।

क्षात्रों की पहली पसंद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय

दरभंगा : स्नातक प्रथम खंड  वर्तमान सत्र (2019-22 ) में नामांकन के सभी रिकॉर्ड टूटेंगें। ज्ञात हो कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा पिछले वर्ष सूबे के छात्रों की पहली पसंद बन गया था। ओएफएसएस के माध्यम से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने स्नातक सत्र में नामांकन हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया था जिसमें सूबे के छात्रों का प्रथम च्वाईस ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय था। पिछले वर्ष बिहार के अधिकांश विश्वविद्यालयों के सत्र दो से तीन वर्ष पीछे चल रहा था जबकि इस विश्वविद्यालय का सत्र अन्य विश्वविद्यालयों की अपेक्षा नियमित चल रहा था। बात समझ में आ रही है कि सत्र नियमित होने की वजह से छात्रों ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को अपनी पहली पसन्द बनाया होगा। पिछले वर्ष सत्र (2018-21 ) में 1,19 ,889  छात्रों ने विश्वविद्यालय अंतर्गत बहत्तर अंगीभूत एवं सम्बद्ध कॉलेजों में नामांकन कराया था। इस सत्र में राज भवन के निर्देश से विश्वविद्यालय अपने स्तर से स्नातक प्रथम खंड (सत्र-2019 -22) में नामांकन हेतु दिनांक 30 अप्रैल, 2019 से 25 मई, 2019 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया था। दिनांक  25 मई,  2019  तक कुल एक लाख सत्तर हजार पॉंच सौ तीस छात्रों नें नामॉंकन हेतु आँनलाईन आवेदन किए हैं। जिसमें कला संकाय में लगभग एक लाख पन्द्रह हज़ार, विज्ञान संकाय में लगभग 42 हजार, वाणिज्य संकाय में लगभग तेरह हजार छ:सौ चालीस आवेदन किए गए हैं। जिला बार सूची पर अगर गौर करें तो समस्तीपुर जिला के कालेजों के लिये सबसे अधिक 54,576 आवेदन हुए। दरभंगा जिला के कालेजों में 45025 , बेगूसराय में 36,416  एवं मधुबनी जिला में 34511  छात्रों ने अपने नामांकन हेतु आवेदन किया है। सबसे अधिक आवेदन 36, 707 इतिहास प्रतिष्ठा हेतु उसके बाद 15762 भुगौल प्रतिष्ठा तथा 13272 आवेदन हिन्दी प्रतिंष्ठा हेतु छात्रों नें किया है।अब यह प्रश्न उठता है कि जब सभी विश्वविद्यालयों का सत्र लगभग नियमितीकरण की ओर अग्रसर है फिर भी यह विश्वविद्यालय छात्रों की पहली पसंद क्यों बनती जा रही है। इस संबंध में अध्यक्ष, छात्र कल्याण प्रो॰ रतन कुमार चौधरी ने बताया कि कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेंद्र कुमार सिंह के कुशल निर्देशन में  राज्य सरकार एवं राजभवन के निर्देशों का पालन करने में विश्वविद्यालय का  बिहार में अव्वल रहना,  कई क्षेत्रों में अन्य विश्वविद्यालयों से आगे चलना तथा स्नातक अंतिम वर्ष ( सत्र2016 -19 )का परीक्षाफल 15 मई को प्रकाशित कर विश्वविद्यालय ने जो इतिहास रचा है यही इसका मूल कारण है कि सूबे के छात्रों, अभिभावकों को इस विश्वविद्यालय में अपनी भविष्य की गारंटी नज़र आ रही है। छात्रों की माँग को देखते हुए कुलपति ने नामांकन हेतु ऑनलाइन आवेदन की समय सीमा को 30 मई, 2019 तक विस्तारित करने का आदेश दिया है। अनुमान है सारे पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इस बार आँनलाईन आवेदन की संख्या दो लाख पार कर जायेगी। अध्यक्ष छात्र कल्याण नें कहा कि सभी छात्रों का नामॉंकन हो जायगा क्योंकि हमारे विभिन्न महाविद्यालयों के सभी विषयों में नमॉंकन के लिये लगभग दो लाख पचास हजार सीट हैं।

मिथिला की परंपरा से ओत-प्रोत रहेगा समारोह

दरभंगा : मिल्लत कॉलेज दरभंगा में 27 मई को आयोजित होने वाली प्रथम दीक्षांत समारोह को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कार्यक्रम के मिनट-टू-मिनट प्रोग्राम के तहत समारोह के संचालन की बारीकियों पर पूरा ध्यान रखा गया। पूर्वाभ्यास कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वप्रथम अतिथियों का स्वागत तथा शैक्षणिक  परिधान धारण करने का कार्य हुआ। तत्पश्चात शैक्षणिक शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा प्रशासनिक भवन के डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम मल्टीपर्पस हॉल से शुरू होकर बोटैनिकल गार्डन से गुजरते हुए कॉन्फ्रेंस हॉल पहुंची।

कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर मोहम्मद रहमतुल्लाह के नेतृत्व में शोभा यात्रा में कॉलेज के शैक्षणिक परिषद के सभी शिक्षक सदस्य शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस हॉल पहुंचने के बाद दीक्षांत कार्यक्रम का पूर्वाभ्यास किया गया जिसका संचालन  भौतिकी  विभागाध्यक्ष डॉक्टर महेश चंद्र मिश्र ने किया। इस पूर्वाभ्यास कार्यक्रम के दौरान मिनट- टू- मिनट प्रोग्राम का अनुपालन किया गया तथा  छात्र-छात्राओं को पूर्ण अनुशासन में रहते हुए दीक्षांत समारोह की मर्यादा के अनुकूल व्यवहार करने की हिदायत दी गई।

पूर्वाभ्यास कार्यक्रम के दरम्यान मंच पर अतिथि के रूप में प्राचार्य डॉक्टर मोहम्मद रहमतुल्ला सहित डॉ  मुस्तफा कमाल अंसारी, डॉक्टर महेश चंद्र मिश्र, डॉक्टर शहनाज बेगम,डॉ अताउर रहमान, डॉ अयाज अहमद तथा डॉक्टर सिया राम प्रसाद उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य डॉक्टर मोहम्मद रहमतुल्ला ने कहा कि इस पूर्वाभ्यास कार्यक्रम से तमाम लोगों के बीच नई स्फूर्ति तथा आत्मविश्वास पैदा हुआ है जिसका कल होने वाले दीक्षांत कार्यक्रम की पूर्ण सफलता में निश्चित रूप से बड़ा योगदान होगा। उन्होंने कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं तथा उससे संबंधित कार्य योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए लोगों से पूरी तरह मुस्तैद रहने का अनुरोध किया तथा सभी कमेटियों के बीच आपस में पूरे सामंजस्य से काम करने पर बल दिया।

डॉक्टर मोहम्मद रहमतुल्लाह ने बतलाया कि यह दीक्षांत समारोह बिहार के कुलाधिपति तथा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय के निर्देशानुसार आयोजित हो रहा है जो इस महाविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक घटना है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का आयोजन यहां पहली बार होने जा रहा है जिसको लेकर लोगों में जबरदस्त कौतूहल बना हुआ है।

प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह ने बताया कि दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय  के सम्मानित कुलपति प्रो सुरेंद्र कुमार सिंह रहेंगे जबकि दीक्षांत भाषण हेतु मुख्य वक्ता होंगे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा तथा आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह। वहीं दूसरी ओर प्रति कुलपति प्रोफ़ेसर जय गोपाल,  रजिस्ट्रार कर्नल (सेवानिवृत्त) निशीथ कुमार राय तथा परीक्षा नियंत्रक डॉ अशोक कुमार मेहता विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कॉलेज शिक्षक संघ के सचिव डॉ महेश चंद्र मिश्र ने  जानकारी दी कि कुल 309 विद्यार्थियों को उपाधियां  दी जाएंगी। इसके साथ ही 16 विद्यार्थियों को बेस्ट ग्रैजुएट अवॉर्ड तथा  पदक प्रदान किया जाएगा। इन 16 विद्यार्थियों में  11 विद्यार्थी कुलपति महोदय से पदक लेने हेतु इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे जबकि अन्य 5 विद्यार्थियों  को अब्सेंशिया के तौर पर यह पदक दिया जाएगा। इसके पूर्व रजिस्ट्रार तथा वनस्पति शास्त्र  के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मुस्तफा कमाल अंसारी  ने छात्र छात्राओं को समारोह  मे शिष्टाचारपूर्वक भाग लेने से संबंधित कई तौर तरीके बताए।  कॉलेज के बर्सर डॉक्टर अताउर रहमान ने छात्र-छात्राओं के उत्साह को देखते हुए कहा कि इन छात्रों का यह उत्साह   इनके अंदर आत्मविश्वास और स्वाभिमान पैदा करने में मददगार होगा।

इस पूर्वाभ्यास कार्यक्रम में कॉलेज के वरीय शिक्षक डॉक्टर शहनाज बेगम, प्रोफ़ेसर मुस्तफा कमाल अंसारी, डॉक्टर मोहित ठाकुर, डॉक्टर अयाज अहमद, डॉक्टर इंसान अली, डॉक्टर सिया राम प्रसाद, डॉक्टर इफ्तिखार अहमद, डॉक्टर महेश चंद्र मिश्र, डॉ सोमा रानी कोले, डॉक्टर सोनी शर्मा,डॉक्टर अताउर रहमान,डॉ रिजवान,  मोहम्मद अल्ताफ उल हक के साथ ही डॉक्टर आर के पासवान, डॉ पूनम चौधरी, प्रोफ़ेसर मनीष कुमार,डॉक्टर इशरत जहां, प्रोफ़ेसर जेबा परवीन एवं ए के मेहरा, जलालुद्दीन मुजफ्फर,  मोहम्मद इरशाद, राम शंकर झा , प्रदीप कर्ण  प्रीति पीटर, आरज़ू,साजिद, आसिफ, सहित सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

ज्ञान हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता : प्रोफेसर सिंह

दरभंगा : यह शताब्दी वास्तव में ज्ञान की शताब्दी है। इस ज्ञान-केंद्रत समाज में केवल विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से स्वाभाविक अपेक्षा की जाती है कि वह अपने गुणात्मक क्रियाकलापों, खासकर शिक्षण एवं शोध के लिए वैश्विक समाज को अपना सर्वोत्तम अंशदान दें। उक्त बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रो एसके सिंह ने कहा। प्रो सिंह स्थानीय सी एम कॉलेज, दरभंगा में प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस नए युग में छात्रों की अकादमी क्षमता का निर्माण समय की मांग है। इसलिए यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए कि वैश्वीकरण के आविर्भाव और शनैः शनैः उसकी परिपक्वता के कालखंड में हमारा भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान आज बैश्विक प्रणाली का एक अभिन्न अंग बने। प्रो सिंह ने कहा कि सी एम कॉलेज, दरभंगा की पहचान इसकी अकादमी प्रतिष्ठा से रही है। 80 वर्षों से अधिक प्राचीन इस कॉलेज की स्थापना 1938 में हुई थी। इस कॉलेज ने मिथिलांचल में आधुनिक शिक्षा का एक नया युग शुरू किया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के स्नातकों को वैश्विक रूप से योग्य व्यक्ति से स्वस्थ प्रतियोगिता करनी होती है। ऐसे समय में हमें अपने छात्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के अकादमिक गुणों का विकास करना होता है। मुझे आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आप समस्त स्नातकों का इस विख्यात कॉलेज में अपने प्रतीक में उद्घोषित दर्शन के अनुरूप पूरे मनोयोग से शैक्षणिक व्यक्तित्व का निर्माण कर अपनी अकादमी क्षमता का विकास किया है। परिणामस्वरूप आज आप नियोजन की योग्यता प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें प्रसन्नता है कि सी एम कॉलेज ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सफलता का परचम लहराया है तथा वर्तमान में भी छात्रों के लिए प्राथमिकता रखता है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह का आयोजन का मूल उद्देश्य छात्रों की प्रतिभा, क्षमता और उपलब्धियों को सार्वजनिक महत्व प्रदान कर उन्हें सामाजिक व शैक्षणिक रूप से प्रतिष्ठित करना है।

दीक्षांत समारोह के मुख्य वक्ता इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, नई दिल्ली के निदेशक प्रो आश नारायण राय ने कहा कि शिक्षा का अर्थ समाज में समता का प्रकाश फैलाना है। मूल ज्ञान वह है जो व्यक्ति के अंदर के अंधकार को मिटाता है और दूसरों के लिए अवसर का मार्ग प्रशस्त करता है। प्रो राय ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि आज जिस शिक्षण संस्थान में दीक्षांत भाषण के लिए खड़ा हूं, जहां से मैंने शिक्षा ग्रहण किया। यह अवसर मेरे जीवन का सुखद पहलू है। आज वैश्वीकरण के दौर में आधुनिक शिक्षा के मापदंड को पूरा करना आवश्यक है। यदि हमारे छात्र आधुनिक तकनीक का लाभ उठाएंगे तो उनके ज्ञान में न केवल संवर्धन होगा, बल्कि वे जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सफल होंगे। शिक्षा सबसे सशक्त माध्यम है, जिसके द्वारा दुनिया को बदला जा सकता है। 21वीं सदी हमसे काफी उम्मीद रखता है। असफलता से छात्र न घबराए, क्योंकि हर सफल व्यक्ति कभी न कभी जीवन में जरूर असफल होता है।

विश्वविद्यालय के प्रति- कुलपति प्रो जय गोपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में शिक्षा का विशेष महत्व रहा है। गुरु की गरिमा को वैदिक ऋचाओं तथा उपनिषदों के सूक्तों में विद्या के अमृत तत्व को स्पष्ट किया गया है। विद्या के समान कोई दूसरा नेत्र नहीं होता, क्योंकि विद्या अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है। दीक्षांत समारोह विद्या का महापर्व होता है। इस दिन शिष्य को गुरु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गुरु अपने ह्रदय के अमृत से शिष्यों के पथ को प्रशस्त करने हेतु सिद्ध मंत्रों से अभिषेक करते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा के बल पर ही हम समाज और राष्ट्र को विकसित कर सकते हैं।

इस अवसर पर कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र स्थानीय विधायक संजय सरावगी को भी सम्मानित किया गया। सरावगी ने अपने सम्मान के लिए कॉलेज परिवार का आभार व्यक्त किया और दीक्षांत समारोह के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही छात्रों का भविष्य बदल सकता है और समाज की तस्वीर भी बदल सकती है। हम आशा करते हैं कि दीक्षांत समारोह का संदेश गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ओर अग्रसर होगा।

महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डा मुश्ताक अहमद ने इस अवसर पर अपने वार्षिक प्रतिवेदन में कहा कि 26 मई, 2019 सीएम कॉलेज के लिए ऐतिहासिक दिन बनने जा रहा है। महाविद्यालय के इतिहास में एक जीवंत,जागृत तथा सारस्वत अध्याय जुड़ गया है। दीक्षांत समारोह की यह शुरुआत है। हम लोगों ने एक नई चेतना पैदा हुई है। यह दीक्षांत समारोह का पुनर्नवा का उत्सव है। महाविद्यालय में एक नया संस्कार तथा नई उर्जा उत्पन्न हुई है। दीक्षांत समारोह का तात्पर्य दीक्षा के अंत से नहीं है, अपितु एक मंजिल तक पहुंच कर दूसरी नई मंजिल की ओर अग्रसर होना है। सी एम कॉलेज छात्र- छात्राओं की शिक्षा तथा व्यक्तित्व के प्रति समर्पित है। महाविद्यालय का मूल केंद्र वर्ग कक्षा से जुड़ा हुआ है, जिसमें राष्ट्र का निर्माण होता है। हमारा मिशन छात्र-छात्राओं में नेतृत्व क्षमता को विकसित करना है। साथ ही उनके संस्कार में नैतिकता को विकसित करने के लक्ष्य में हम जुटे हुए हैं। उनके जीवन एवं व्यक्तित्व के निर्माण की प्रयोगशाला के रूप में 8 दशकों से अपने लक्ष्य के प्रति निष्ठावान हैं। छात्र-छात्राओं में व्यक्तिगत जिम्मेदारी तथा नागरिक दायित्व के प्रति गंभीर चेतना विकसित करने हेतु हम प्रयत्नशील हैं। हम चाहते हैं कि छात्र-छात्राओं में तथा हमारे परिवार के सभी मान्य सदस्यों में मौलिक अधिकार के परिज्ञान के साथ मौलिक कर्तव्य की चेतना भी विकसित हो।हाल के वर्षों में सी एम कॉलेज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को नया आयाम देने के लिए ज्ञान-समाज(नॉलेज सोसायटी) तथा ज्ञान अर्थव्यवस्था से जुड़ता जा रहा है। संचार तकनीकी, स्मार्ट क्लास, वाई-फाई सुविधा तथा अन्य अनेक आधुनिकतम शिक्षण तकनीक का उपयोग महाविद्यालय में किया जा रहा है। शिक्षा में डिजिटल पहल हेतु विश्वविद्यालय स्तर पर चयनित 4 महाविद्यालयों में एक सी एम कॉलेज भी है।

सीएम कॉलेज परिवार का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को मात्र डिग्री देना या रोजगार पाने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक अच्छे इंसान का निर्माण करना है, क्योंकि समाज में सबसे बड़ी आवश्यकता मानवीय मूल्यों की रक्षा है। कालजयी कवि मिर्जा गालिब ने कहा है- बस के दुश्वार है, हर काम का आसां होना   आदमी को भी मयसर नहीं, इंसान होना। लेकिन हमारा सफर अभी जारी है, हम बेहतर से बेहतरीन की तलाश में हैं, हमारे सामने पूरा विश्व है और हम आकाश में भी अपनी रोशनी देखना चाहते हैं। अर्थात् सितारों से आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तिहां और भी हैं।

डा अहमद ने मिथिला के साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं बौद्धिक चेतनाओं के इतिहास पर प्रकाश डाला और सीएम कॉलेज की स्थापना से लेकर आज तक के शिक्षा के मशाल को जलाए रखने में कॉलेज की भूमिका पर प्रकाश डाला।प्रारंभ में कॉलेज की ओर से प्रधानाचार्य डॉ अहमद ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर एस के सिंह, कुलपति का सम्मान चादर एवं मोमेंटो से किया। बुके के स्थान पर सभी अतिथियों को जीवंत पौधा देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कुल 246 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई, उनमें 19 को गोल्ड मेडल दिए गए। मंच का संचालन प्रो इंदिरा झा ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में कर्नल निशिथ कुमार राय, कुलसचिव तथा परीक्षा नियंत्रक डॉ अशोक कुमार मेहता भी शामिल हुए। दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन छात्र-छात्राओं के उल्लास में चार चांद लगाने वाला था। डिग्री पाने वाले छात्रों के चेहरे पर एक उत्साह पूर्ण चमक दिखाई दे रही थी। विशेषकर गोल्ड मेडल पाने वाले छात्रों का उत्साह देखते ही बनता था। इस दीक्षांत समारोह को ऐतिहासिक बनाने में कॉलेज परिवार ने जो अथक परिश्रम किया और अतिथि सम्मान में तत्पर रहे, वह भी सराहनीय है। इस अवसर पर एनएसएस के स्वयंसेवक तथा एनसीसी के कैडेट ने सराहनीय कार्य कर समारोह को सफल बनाया। डॉ मुश्ताक अहमद, प्रधानाचार्य, सीएम कॉलेज दरभंगा

मुरारी ठाकुर