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दरभंगा बिहार अपडेट

25 मई : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

बगैर प्रयोगशाला हमने किए कई शोध व अविष्कार

दरभंगा : आज तक हमनें वगैर प्रयोगशाला के केई शोध व अविष्कार किये हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के साथ-साथ इसकी सबसे पुरानी सभ्यता है। शोध के लिये शिक्षक शोध का विषय नहीं देते ब्लकि छात्रों को खुद प्रकृति एवं वातावरण से विषय चुनना चाहिए। नये बोतल में पुरानी दवाई भरकर आप डिग्री तो पा जाओगे परन्तु नौकरी नहीं पाओगे जबतक आप उद्यमकर्ता एवं खोजकर्ता नहीं बनोगे।

विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार पीएचडी कोर्स वर्क कर रहे छात्रों का प्रेरण वर्ग के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए ये बातें कुलाधिपति के शिक्षा सलाहकार पद्मश्री प्रो॰ रणवीर चन्द्र सोबती ने कही। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर एस के सिंह ने अपने अध्य़क्षीय उदबोधन में कहा कि सूचना एवं ज्ञान तबतक पूर्ण नहीं हेगा जबतक उसके साथ प्रज्ञता नहीं हो। हमें सृजनात्मक व रचनात्मक होना चाहिये।  पूर्वगामी, सृजनात्मकता एवं प्रेरणा की सीमा स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी छात्रों के साथ साथ फैकल्टी मेम्बर में होनी चाहिए। छात्रों को कहा कि कभी भी अपने गुरुओं से पारस्परिक विचार विमर्श का अवसर चूकना नहीं चाहिये।

सत्र के आरंभ में अतिथियों का मिथिला परंपरानुसार स्वागत किया गया। स्वागत भाषण करते हुए प्रतिकुलपति प्रो॰जय गोपाल ने कहा कि कुलपति प्रो॰ सिंह के निर्देशन में विश्वविद्यालय नें कई लकीरें खिंची है जिसमें सत्र नियमित करना भी है। कार्यक्रम के बारे में संक्षिप्त परिचय प्रो॰ अरुण कुमार सिंह उप परीक्षा नियंत्रक प्रथम ने दिया। परीक्षा नियंत्रक डा॰ अशोक कुमार मेहता नें पीएचडी कोर्शवर्क करने वाले छात्रों की संख्या 251 को शुभ मानते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय द्वारा किया गया तथा संचालन सीसीडीसी प्रो॰ मुनेश्वर यादव द्वारा किया गया। दूसरे सत्र में अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो॰ रतन कुमार चौधरी ने पावर प्लांट के जरिये शोधार्थियों को पीएचडी रेगुलेशन  2016 के प्रत्येक बिंदुओं पर बारिकी से प्रकाश डाला। आईक्यूएसी समन्वयक प्रो॰ बीबीएल दास ने रिसर्च मेथोडोलोजी पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।

कुलसचिव ने समाप्त कराया क्षात्रों की भूख हरताल

दरभंगा : मिथिला स्टूडेंट यूनियन के छात्रों की मांग पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने महामहिम कुलाधिपति कार्यालय को पत्र के द्वारा दीक्षांत समारोह में मिथिला के परिधान पाग चादर को ड्रेस कोड में लागू करने हेतु अनुशंसा करते हुए दिशा निर्देश हेतु आग्रह किया है तथा आज उन्हें महामहिम के शैक्षणिक सलाहकार प्रो. आरसी सोबती से उनकी मुलाकात कराई। ज्ञात हो कि इस मांग को लेकर इनलोगों ने चार दिनों से भूख हरताल कर रखी थी। पिछले दिन इनके साथ कुलसचिव कार्यालय में अध्यक्ष छात्र कल्याण एवं कुलानुशासक की वार्ता हुई। सहमति बनी की विश्वविद्यालय राजभवन को हमारी मांगों को अग्रसारित करते हुए पत्र लिखेगी तो भूख हरताल समाप्त हो जाएगा। कल राजभवन को भेजे गए पत्र की प्रति के साथ उप कुलानुशासक, अध्यक्ष छात्र कल्याण, सीसी. डीसी तथा महाविद्यालय निरीक्षक कला वाणिज्य धरना स्थल पर जाकर हरताल समाप्त करने की अपील की परन्तु उन्होंने हरताल समाप्त नहीं की। विश्वविद्यालय के कुलसचिव, अध्यक्ष छात्र कल्याण, उपकुलानुशासक पुनः आज धरना स्थल पर जाकर विश्वविद्यालय के सकारात्मक पहल पर अपना आंदोलन स्थगित करने की अपील की तथा भूख हरताल समाप्त कराया।

मुरारी ठाकुर