बिहारी ‘चाणक्य’ ने आंध्र के चंद्रबाबू नायडू को धूल चटाई, पढ़ें कैसे?

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पटना : मौजूदा चुनावों में जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी वापसी की है। पीके ने इस चुनाव में आंध्र प्रदेश में वाइएसआर कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई जिसमें वे पूरी तरह कामयाब रहे। विधानसभा व लोकसभा चुनावों में जहां पीके की रणनीति पर चलते हुए जगनमोहन रेड्डी ने शानदार जीत दर्ज की, वहीं चंद्रबाबू नायडू की करारी हार हुई। इस सफलता का श्रेय प्रशांत किशोर को दिया जा रहा है। पीके ने आज ट्वीट कर वाइएसआर कांग्रेस की जीत के लिए आंध्र की जनता व अपने सहयोगियों को बधाई दी।

वाइएसआर कांग्रेस के लिए तैयार की चुनावी रणनीति

बिहार के बक्सर निवासी प्रशांत किशोर चुनावी रणनीति और गुणा—गणित के लिए एक खास पहचान रखते हैं। वाइएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी के वे करीबी माने ​जाते हैं जिन्होंने उन्हें चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए राजी किया। पीके की आंध्र में रणनीति की एक खास बात यह रही कि उन्होंने रेड्डी को यह चुनाव किसी भी गठबंधन के साथ नहीं, बल्कि अकेले दम पर लड़ने की सलाह दी थी। टीम पीके ने वाईएसआर के लिए डेढ़ साल पहले काम शुरू किया जिसमें 20,000 नए युवकों को पार्टी से जोड़ा गया। इन 20000 युवाओं ने पीके की देखरेख में 175 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रचार का करीब 70 फीसद काम संभाला। यही नहीं पीके की सलाह पर ही जगन मोहन रेड्डी ने पदयात्राएं भी की जिसने उन्हें जनता के काफी करीब कर दिया और सफलता मिली।

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आंध्र का मुख्यमंत्री रहते कांग्रेस नेता वाइएसआर राजशेखर रेड्डी की एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत के बाद जगन मोहन रेड्डी को जब पार्टी ने उनके पिता की राजनीतिक विरासत नहीं सौंपी तब जगनमोहन ने वाइएसआर कांग्रेस पार्टी बना ली। इसके करीब एक दशक के बाद अब जगन मोहन रेड्डी का मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा हो रहा है जिसका काफी कुछ श्रेय प्रशांत किशोर को दिया जा रहा है।

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