पटना : लोकसभा चुनाव के नतीजे आने अभी बाकी हैं। लेकिन अपनी संभावित हार से बौखलाए महागठबंधन के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार और चुनाव आयोग का खुली धमकी दे डाली। महागठबंधन नेता और रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जनता में आक्रोश है। यही रवैया रहा तो सड़क पर खून की नदियां बहने लगेंगी। उनका मतलब साफ था कि ‘हारब त हुरब, जीतब त थूरब’। यानी जीतेंगे तो ठीक वर्ना हारेंगे तो खून की नदियां…। कुशवाहा के इस रवैये पर प्रतिक्रिया होनी ही थी। भाजपा, जदयू और लोजपा ने चौतरफा हमला करते हुए श्री कुशवाहा की बौखलाहट को उनका असली चरित्र का उजागर होना बताया।
लोकतंत्र में नहीं रही आस्था : नित्यानंद
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि महामिलावट के नेताओं द्वारा खून-खराबे की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है। संभावित हार से बिना वोटों की गिनती के ही बौखला उठना तथा संवैधानिक एवं स्वायत्त संस्थाओं को धमकी देने यह बताता है कि बिहार के विपक्षी दलों की लोकतंत्र और संविधान में आस्था नहीं रह गई है।
कुशवाहा के मुंह से खून-खराबे वाली बात सुनकर आश्चर्य है। क्या अब बिहार में राजनीति नैतिकता, सिद्धांत और मर्यादा को ताक पर रखकर की जायेगी?
बिहार में सुशासन, नहीं चलेगी गुंडई : मंगल
उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी कहा कि बिहार में सुशासन की सरकार है। बौखलाहट में कोई खून—खराबे की बात करेगा तो उसे यह ध्यान में रखना चाहिए कि यहां नीतीश कुमार का शासन है। राजद का सहयोगी होने के कारण उपेंद्र कुशवाहा की मानसिकता भी बदल गई है। महमिलावटी गठबंधन के लोग एग्जिट पोल में हार की आहट से घबरा गये हैं। परिणाम आने से पहले ही हार का ठीकरा ईवीएम मशीन पर फोड़ने में लगे हैं। आने वाले समय में जनता इनका और बुरा हाल करेगी।
चिराग ने की निंदा, हार के बाद डोल जायेंगे उपेंद्र : जदयू
इस मामले में एनडीए के घटक दल लोजपा के नेता व जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि कुशवाहा का बयान विपक्षी पार्टियों की हताशा है। यह निंदनीय है और इस तरह की बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने तंज कसते हुए कहा कि खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। वे ऐसा बयान हताशा में दे रहे हैं। 23 मई को जब ईवीएम बोलेगा तो ये लोग और डोल जाएंगे।