नवादा : बाल विवाह को लेकर समाज में आज भी कितनी भ्रांतियां हैं, इसकी मिसाल आज नवादा के उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड क्षेत्र में देखने को मिली। सिरदला के तकिया टोला महिमा नगर स्थित महादेवमठ मंदिर में हो रहे एक बाल विवाह को रोकने का आदेश रजौली एसडीओ ने दिया। जब उनके आदेश पर बाल विवाह को रोकने की कवायद की गई तो ग्रामीणों ने नवादा से पहुंचे तटवासी न्यास समाज के कर्मी रविरंजन शर्मा के साथ जमकर मारपीट की। स्थिति लगभग मॉब लिंचिंग जैसी बन गयी थी।सिरदला पुलिस के संतोष कुमार गुप्ता और सैफ जवानों की तत्परता तथा बीच—बचाव के बाद हालात को संभाला जा सका।
एसडीओ ने रोकी मठ महादेव मंदिर में हो रही शादी
मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के बरसोत गांव की एक नाबालिग बच्ची का विवाह रजौली के मलियातरी गांव के एक युवक से होने जा रहा था। एसडीओ चन्द्रशेखर आजाद के आदेश पर सिरदला बीडीओ पुलिस बल के साथ बाल विवाह को रोकने के लिए पहुंचे। इसके बाद विवाह मंडप पर पहुंची महिलाएं व पुरुष आक्रोशित हो गए। हंगामा बढ़ गया और बात ही बात में तटवासी न्यास समाज के सदस्य रवि रंजन शर्मा से ग्रामीण भिड़ गये।
तटवासी न्यास समाज के अभय कुमार व मार्कंडेय कुमार ने बताया कि उन्हें तकिया स्थित महादेवमठ मंदिर में एक नाबालिग लड़की की शादी किये जाने की गुप्त सूचना मिली थी। इसकी जानकारी उन्होंने रजौली एसडीओ चन्द्रशेखर आजाद को दी तथा इसके बाद शादी रोकने की कवायद शुरू की गयी। शादी रोकने के बाद लड़की की मां की तबीयत बिगड़ गयी। उसे इलाज के लिए सिरदला पीएचसी से एम्बुलेंस से पहुंचाया गया। स्थानीय पीएचसी में लड़की की मां का इलाज किया जा रहा है।
लड़के व लड़की के परिजनों को हिरासत में लेने के बाद भी पुलिस की लापरवाही के कारण वे भाग निकले। बीडीओ अखिलेश्वर कुमार जबतक कुछ समझ पाते, मारपीट शुरू हो गई और दूल्हा मंडप छोड़कर फरार हो गया। घंटों इंतजार के बाद भी लड़का और उसके माता—पिता नहीं मिले। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लड़की की बेहोश माता को लाकर पीएचसी में भर्ती कर इलाज शुरू कराया गया।
वहां मौजूद हर किसी का कहना था कि लड़की 18 वर्ष की उम्र होने के पहले ही प्रेम प्रसंग में फरार हो जाती है। तब कोई प्रशासन सांत्वना तक देने नहीं आता है। प्रशासन के विरूद्ध अनेकों तरह के नारे लगाकर उपस्थित विवाह समर्थकों ने पुलिस को उकसाने की कोशिश की। बीडीओ अखलेश कुमार ने बताया कि पुलिस बल पर्याप्त मात्रा में नहीं रहने के कारण बाल विवाह रुकवाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।