छात्रनेता चंद्रशेखर हत्याकांड में दोषियों को राहत नहीं, उम्रकैद बरकरार
पटना : आज पटना हाईकोर्ट ने बहुचर्चित जेएनयू के छात्रनेता चंद्रशेखर हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया। सिवान के रहने वाले जेएनयू छात्रनेता चंद्रशेखर हत्याकांड में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा पाए चारों अभियुक्तों को कोई भी राहत देने से इनकार करते हुए उनकी उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। न्यायमूर्ति एके त्रिवेदी और न्यायमूर्ति विनोद कुमार सिंह की खंडपीठ ने सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषियों को सुनाई गई सजा के खिलाफ की गई अपील पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज शुक्रवार को कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया।
चंद्रशेखर हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सजा पाने वालों में ध्रुव कुमार जायसवाल, इलियास वारिस, शेख मुन्ना और रुस्तम खां शामिल हैं। छात्रनेता चंद्रशेखर की हत्या 31 मार्च 1997 को उस समय कर दी गई थी जब वह सिवान शहर में एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। मामले की जांच सीबीआई ने की थी। इस मामले में राजद नेता शहाबुद्दीन पर अंगुली उठी थी।
सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दोषियों ने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। इस मामले की जांच पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी, बाद में जांच का कार्य सीबीआई को दे दिया गया।