अररिया : जहां एक तरफ नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने बथनाहा-बिराटनगर इंडो-नेपाल रेल प्रोजेक्ट को शीघ्र चालू होने की उम्मीद जताई है, वहीं दूसरी ओर फंड के अभाव में यह प्रोजेक्ट दम तोड़ने लगा है। प्रोजेक्ट के जानकारों की मानें तो सरकारी राशि के अभाव में निर्माण कंपनी कार्यरत एजेंसियों को भुगतान नहीं कर रही है। इसीलिए काम अटका पड़ा है।
मालूम हो कि 373 करोड़ रुपए की लागत वाली 18.6 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना का 8 किलोमीटर बथनाहा से नेपाल कस्टम तक लगभग बन कर तैयार है। मगर शेष कार्य खासकर बथनाहा एवं भारत तथा नेपाल के कस्टम यार्ड में अतिरिक्त रेल लाइन के निर्माण का कार्य प्रभावित हो गया है। इरकॉन के अंतर्गत कार्यरत विभिन्न एजेंसियों द्वारा भी भुगतान का रोना रोया जा रहा है।
खास बात यह कि निर्माण कंपनी इरकॉन के अधिकारी राशि की उपलबधता चुनाव परिणाम के बाद होने की बात कह रहे हैं। बता दें, यह परियोजना भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा वित्त प्रदत है और निर्माण कार्य रेल मंत्रालय की सहयोगी एजेंसी इरकॉन के द्वारा संचालित की जा रही है। सबसे मजे की बात यह है कि जहां एक तरफ नेपाल की राष्ट्रपति ने इस परियोजना में दिलचस्पी दिखाई है, वहीं दूसरी ओर विगत 20 अप्रैल को फारबिसगंज की चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस परियोजना के जल्द पूरा होने की चर्चा की थी। इस संबंध में इरकॉन के अपर महाप्रबंधक व परियोजना प्रभारी अश्वनी कुमार ने बताया कि परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए फिलहाल 40 से 50 करोड़ रुपये की जरूरत है।
इसके लिए एनएफ रेलवे मालीगांव स्थित महाप्रबंधक तथा मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को पत्र लिखा गया है। उन्होंने नई सरकार गठन के बाद ही राशि आने की उम्मीद जताई है। इधर इरकॉन के अंतर्गत कार्यरत एजेंसी मेसर्स ईशानी कंस्ट्रक्शन के एमडी राकेश कुमार ने कहा कि जो भी कार्य चल रहे हैं, उसकी गति काफी धीमी है। राशि के अभाव में सप्लायर तथा कर्मियों में त्राहिमाम मचा हुआ है।
संजीव कुमार झा