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5 मई : नवादा की मुख्य ख़बरें

अवैध रूप से वेतन भुगतान मामले में गोविदपुर के बीईओ सस्पेंड

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविदपुर प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा के निदेशक अरविद कुमार वर्मा की ओर से यह कार्रवाई की गई है। बीईओ पर भोजपुर जिला के उदवंतनगर प्रखंड में रहते हुए नियोजित किए गए तीन शिक्षकों को अवैध रूप से वेतन भुगतान करने का आरोप था। द्वितीय शिक्षक नियोजन 2008 को निरस्त किए जाने के बावजूद उस वर्ष में नियोजित तीन शिक्षकों को अवैध रूप से वेतन भुगतान करने का आरोप लगा था। इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी, भोजपुर, आरा के पत्रांक 1804 दिनांक 10 दिसंबर 2018 की ओर से बीईओ के खिलाफ उक्त आरोप में कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। निदेशालय से जारी पत्र में कहा गया है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी, भोजपुर के उक्त पत्र एवं सत्येंद्र कुमार पर लगाए गए आरोप से संबंधित अभिलेखों के अवलोकन के उपरांत उनके विरुद्ध लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही पाया गया।

पत्र में लिखा गया है कि बीईओ पर लगा आरोप काफी गंभीर है। इनकी लापरवाही से राज्य सरकार को वित्तीय क्षति हुई है। इसलिए बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के प्रावधानों के तहत वर्तमान समय में गोविदपुर बीईओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। साथ ही विभागीय कार्रवाई के लिए अधीन किया जाता है। निदेशालय की ओर से जारी पत्र में जिक्र किया गया है कि निलंबित हुए बीईओ सत्येंद्र कुमार अपने निलंबन अवधि में गया मुख्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में रहेंगे।

उक्त कार्रवाई के तहत पटना प्रमंडल पटना को संचालन पदाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी, भोजपुर उपस्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रपत्र क एवं साक्ष्यों की प्रति संलग्न करते हुए संचालन पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि उक्त विभागीय कार्रवाही को विधिवत जांच कर 45 दिनों में रिपोर्ट देंगे।

गोविदपुर व अकबरपुर में नए बीईओ

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के रूप में सत्येंद्र कुमार के निलंबन के बाद कार्यक्रम पदाधिकारी रामनरेश सिंह को गोविदपुर का नया प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बनाया गया है। वहीं कार्यक्रम पदाधिकारी मो. जमाल मुस्तफा को अकबरपुर प्रखंड का नया बीईओ बनाया गया है।

गौरतलब है कि सत्येंद्र कुमार गोविदपुर व अकबरपुर दोनों ही प्रखंडों के प्रभार में थे। लिहाजा, इन दोनों ही जगहों पर नए पदाधिकारी को प्रभार दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इस बावत पत्र जारी कर दिया है।

झपट्टामार गिरोह ने राहगीर के उड़ाए एक लाख रुपये

नवादा : नगर के शहीद भगत सिंह चौक के समीप बाइक पर सवार झपट्टामार गिरोह ने एक व्यक्ति के एक लाख रुपये से भरे थैले लेकर फरार हो गए। बताया जाता है कि मुफस्सिल थाना के समाय गांव निवासी मनोज सिंह की बच्ची की शादी थी। उन्होंने रामनगर स्थित एसबीआइ की एडीबी शाखा से एक लाख रुपये की निकासी किया और घर वापस लौटने के लिए रामनगर के समीप ई-रिक्शा पर सवार होकर ऑटो स्टैंड आ रहे थे। इसी दौरान शहीद भगत सिंह चौक के समीप एक बाइक पर सवार दो बदमाशों ने रुपये से भरे थैला छीन लिए। शोर मचाने पर जबतक लोग कुछ समझ पाते उचक्के नजरों से ओझल हो चुके थे। पीड़ित मनोज सिंह ने नगर थाना पहुंचकर पुलिस को घटना की सूचना दी।

नगर थानाध्यक्ष ने बताया कि पीड़ित द्वारा एक लाख रुपये छिनतई होने की शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

बाइक की डिक्की तोड़कर उड़ाए 50 हजार रुपये

नवादा : नगर के राजेंद्र नगर बस पड़ाव स्थित पूजा स्वीट्स दुकान के समीप शनिवार को अपराधियों ने बाइक की डिक्की तोड़कर 50 हजार रुपये उड़ा लिए। बाइक की डिक्की से रुपये निकालने का फुटेज दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुका है। जिसमें हाफ पैंट पहने एक युवक डिक्की से रुपये निकालते दिखा है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है।

बताया जाता है कि नालंदा जिला के बाजितपुर गांव निवासी कुमार शानू नगर के एसबीआइ बैंक की मुख्य शाखा से 50 हजार रुपये निकालकर बाइक की डिक्की में रखकर बस पड़ाव स्थित पूजा स्वीट्स के समीप पहुंचे। बाइक को बाहर में खड़ीकर नाश्ता करने होटल के अंदर चले गए। कुमार शानू का कहना है कि नाश्ता करने के बाद जब बाहर निकले तो देखा कि बाइक का डिक्की खुला है और रुपये गायब था।

उन्होंने बताया कि मेरे मामा ने रुपये भेजा था। जिसे बैंक से निकालकर ले जा रहा था। इस संबंध कुमार शानू द्वारा नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की जांच आरंभ की है ।

कार्यपालक पदाधिकारी ने रैन बसेरा पहुंचकर सुविधाओं का लिया जायजा

नवादा : नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी देवेंद्र सुमन ने सदर अस्पताल परिसर में संचालित हो रहे रैन बसेरा का जायजा लिया। दो मंजिला इस रैन बसेरा भवन में आम जनों के ठहरने व खाना खाने की व्यवस्था है। इसके लिए सरकारी स्तर से रेट तय है।

यहां एक दिन ठहरने का महज 15 रुपये व एक बार के भोजन का 30 रुपये लगता है।

खाना में रोटी-सब्जी अथवा चावल-दाल, सब्जी दी जाती है। यानि 45 रुपये में एक बार खाना के साथ ठहरने का पूरा इंतजाम है। सोने के लिए यहां अलग-अलग बेड लगाई गई है। यह योजना मुख्य रूप से वैसे लोगों के लिए बनाई गई है जो लोग बाहर से शहर में आते हैं और कुछ दिन रूकने के लिए उन्हें सस्ती दर पर जगह चाहिए होती है।

केंद्र सरकार की योजना से बने इस रैन बसेरा में पहुंचे कार्यपालक पदाधिकारी ने वहां के केयर टेकर से वहां की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। साफ-सफाई के लिए एक सफाई कर्मी देने पर विचार हुआ। यहां महिलाओं, पुरुषों व वृद्धजनों के लिए ठहरने का अलग-अलग हॉल है। यहां बाथरूम से लेकर शौचालय हर तरह की सुविधा है। कार्यपालक पदाधिकारी देवेंद्र सुमन ने कहा कि यहां की सुविधा संतोषजनक है। यहां बिजली से लेकर दूसरी सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई है। सुरक्षा के लिए यहां सीसीटीवी भी लगाया गया है। कार्यपालक पदाधिकारी ने आम जनों से भी इस रैन बसेरा के प्रचार-प्रसार को लेकर अपील की।

इस मौके पर नगर प्रबंधक विनय प्रकाश, शशिकांत कुमार सिंह, वार्ड 13 के पार्षद अनिल कुमार व केयर टेकर उपस्थित थे।

फुटपाथी दुकानदारों को आवंटित की जाएगी जमीन

नवादा : नगर क्षेत्र के फुटपाथी दुकानदारों को बहुत ही जल्द निर्धारित वेडिग जोन में दुकान लगाने के लिए जमीन आवंटित की जाएगी। इसके लिए विभागीय कवायद तेज कर दी गई है। शनिवार को नगर परिषद कार्यालय में टाउन वेडिग कमेटी की बैठक हुई। जिसमें शहर में चिन्हित हुए वेडिग जोन स्थल को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। कमेटी सदस्यों ने जल्द से जल्द सारी प्रक्रिया पूरी कर फुटपाथी दुकानदारों को उक्त जगह पर जमीन आवंटित कराने पर जोर दिया।

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी देवेंद्र सुमन ने बताया कि नगर क्षेत्र में अब तक 15 जगहों पर वेडिग जोन चिन्हित किया गया है। इन स्थानों की नापी करने व उक्त जमीन का स्वामित्व रिपोर्ट को लेकर सहायक अभियंता व कनीय अभियंता को निर्देशित किया जाएगा। कनीय अभियंता अपनी रिपोर्ट कार्यपालक अभियंता को देंगे। जिसके बाद फुटपाथी दुकानदारों में नियमानुसार दुकान आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस बैठक में सदर एसडीपीओ विजय कुमार झा, मुन्ना साव, उमेश गोस्वामी, जानकी देवी, नगर प्रबंधक विनय प्रकाश, शशिकांत व अन्य उपस्थित थे।

शुरूआती चरण में सर्वेक्षित 1529 दुकानदारों को ही मिलेगी जमीन

-कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि शुरूआती चरण में पूर्व से सर्वेक्षित फुटपाथी दुकानदारों को ही जमीन आवंटित की जाएगी। इसके बाद जो भी जमीन शेष बच जाएगी उसे दूसरे फुटपाथी दुकानदारों को देने के बारे में विमर्श किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि एक साल के लिए जमीन दुकानदारों को दिया जाएगा। इसके बाद हरेक साल उसका रिनुअल कराना होगा। दुकान देने के एवज में नगर परिषद उक्त दुकानदारों से मासिक शुल्क भी लेगी। जो कि बहुत ही कम दर पर होगा। गौरतलब है कि नवादा नगर परिषद की ओर से पूर्व में फुटपाथी दुकानदारों का जो सर्वेक्षण किया गया है उसमे 1529 दुकानदार हैं। इन्हीं सर्वेक्षित दुकानदारों को शुरूआती चरण में दुकानें दी जाएगी।

क्रिमिनल बैकग्राउंड की जानकारी लेने के बाद हरेक फुटपाथी का बनेगा आइकार्ड

-वेडिग जोन में दुकान आवंटित कराने से पहले संबंधित दुकानदारों से कई दस्तावेज जमा लिए जाएंगे। जिसमें मुख्य रूप से आधार कार्ड शामिल होगा। कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि किसी भी दुकानदार को एक ही जमीन दी जाएगी। इससे पहले उसके क्रीमिनल बैकग्राउंड आदि के बारे में भी जानकारी ली जाएगी। साफ-सुथरी छवि वाले दुकानदार को ही दुकानें दी जाएगी।

हरेक दुकानदार को 20 वर्गफीट जमीन दिया जाएगा। हरेक दुकान के बगल में रास्ता के लिए भी जमीन रहेगी। दुकान आवंटित होने के साथ ही सभी फुटपाथी दुकानदारों को उनकी दुकान आवंटन स्थल के नाम-पता के साथ फोटोयुक्त आइकार्ड भी विभाग की ओर से निर्गत किया जाएगा।

जिनके नाम से आवंटित होगी जमीन वही लगा सकेंगे दुकान

नगर परिषद क्षेत्र में जो नया वेडिग जोन आवंटित किया जाएगा। उसमें स्पष्ट है कि जिसके नाम से दुकान आवंटित होगी वही शख्स अपनी निर्धारित जमीन पर दुकान लगाएंगे। ऐसा नहीं होगा कि दुकान अपने नाम पर लेकर किसी को किराया या भाड़ा पर दे दिया जाएगा। इस तरह की हरकत पर नगर परिषद के अधिकारी नजर रखेंगे। दोष पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि विजय बाजार स्थित मुख्य सब्जी मंडी में पूर्व से आवंटित दुकान के नाम पर दर्जनों दुकानदार गलत तरीके से दुकानें लगाते हैं। गांव-देहात से आकर दुकान लगाने वाले किसानों से चुंगी भी वसूली जाती है।

इस बाबत नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि इस बार जो वेडिग जोन में जमीन आवंटित कराई जाएगी उसमें नियम के पालन को लेकर सख्ती रहेगी। कमेटी भी समय-समय पर निरीक्षण करेगी।

वेडिग जोन शुरू होने से जाम से मिलेगी निजात

नवादा नगर परिषद की वेडिग जोन योजना एक ओर जहां फुटपाथी दुकानदारों को जमीन आवंटित कराने की है। तो वहीं दूसरी ओर इससे शहर में अवैध रूप से सड़क के किनारे दुकानें जो लगती है उससे भी निजात मिलेगी। इससे काफी हद तक जाम से भी निजात मिलने की उम्मीद जताई गई है। अभी नवादा में हरेक सड़क के किनारे-किनारे, चौक-चौराहों पर सैकड़ों फुटपाथी दुकानें हर रोज लगती है। इससे राहगीरों को पैदल चलने में दिक्कत तो होती ही है वाहन चालकों को भी परेशानी होती है।

राशन कार्ड के आवेदनों के निपटारे में लाएं तेजी-डीएम

नवादा : कलेक्ट्रेट में जिला पदाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक की गयी। इस बैठक में मुख्य रूप से आपूर्ति विभाग के कार्य की प्रगति की समीक्षा की गयी।

डीएम ने कहा कि आरटीपीएस काउंटर पर प्राप्त होने वाले राशन कार्ड बनाने को लेकर आवेदन को एक सप्ताह में ज्यादा से ज्यादा निष्पादित करें। उन्होंने अंत्योदय को लेकर कहा कि अंत्योदय मैच के बाद शेष को शीघ्र बंद करें। उन्होंने कहा कि कार्ड होल्डर को आधार नम्बर से जोड़ने के कार्याें में तेजी लायें। सभी एमओ को निर्देश दिया कि पंचायत एवं डीलर स्तर पर आरसी वन में शत प्रतिशत इंट्री शीघ्र करना सुनिश्चित करें। राशन कार्ड में नाम आधार कार्ड के अनुसार होना आवश्यक है। उन्होंने डीएम एसएफसी की भी समीक्षा की। खाद्यान्न उठाव की स्थिति से अवगत हुए।

डीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि डीलरों द्वारा एसआइओ पेमेंट जल्द कराएं। ई-चलान इसी माह में जून का खाद्यान्न उठाव के लिए जमा करने को कहा। चावल एवं गेहूं का उठाव समय से करने का निर्देश दिया गया तथा वितरण सुनिश्चित करने को भी अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देशित किया गया। डीएम ने कहा कि खाद्यान्न वितरण का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

इस बैठक में अपर समाहर्ता ओम प्रकाश, अनुमंडल पदाधिकारी नवादा सदर अनु कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी रजौली चन्द्रशेखर आजाद, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी अर्चना कुमारी, डीएम एसएफसी, सभी एमओ आदि उपस्थित थे।

चिकित्सकों की कमी झेल रहा स्वास्थ्य विभाग

नवादा : जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। आधुनिक उपकरणों की कोई कमी नहीं है, लेकिन इलाज के लिए चिकित्सक नहीं हैं। हालात यह है कि आयुष चिकित्सकों के भरोसे स्वास्थ्य सेवा की गाड़ी खींच रही है। ऐसे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सदर अस्पताल तक नवजात से लेकर अन्य मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सिर्फ चिकित्सकों की ही नहीं बल्कि अन्य कर्मियों की भी घोर कमी है। अप्रशिक्षित कर्मियों के सहारे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का काम चलाए जाने से मरीजों की चिकित्सा भगवान भरोसे है। हालात यह है कि अवकाश प्राप्त करने वाले कर्मियों के एवज में अबतक बहाली नहीं हुई है। प्रतिमाह अवकाश प्राप्त करने वालें की संख्या में वृद्धि के बावजूद रिक्त पदों पर बहाली के मामले में विभाग उदासीनता बरत रहा है। और तो और संविदा पर नियुक्त कर्मी भी धीरे-धीरे कार्य छोड़ कर जा रहे हैं। जिससे स्थिति सुधरने की बजाय दिनों दिन बिगड़ती जा रही है।

जिले के स्वास्थ्य महकमे में जिस प्रकार से चिकित्सकों व कर्मियों के पद रिक्त पडे़ हैं, उस लिहाज से नियुक्ति नहीं हो पा रही है। हाल में 46 संविदा चिकित्सकों में से 14 की नियुक्ति हो सकी थी। इसमें से मात्र 5-6 ही अभी अपनी सेवा दे पा रहे हैं। हालांकि जिला स्वास्थ्य समिति लगातार राज्य स्वास्थ्य समिति से चिकित्सकों के साथ अन्य कर्मियों की नियुक्ति की मांग कर रहा है बावजूद बहाली की प्रक्रिया काफी धीमी रहने से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ

– चिकित्सकों की कमी के कारण आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर करने का आदि बन चुका है। जिले की स्वास्थ्य सेवा को पटरी पर लाने के लिए फिलहाल 300 चिकित्सकों की अपेक्षा मात्र 70 चिकित्सक कार्यरत हैं। प्रखंडों के 14 पीएचसी की बात अगर करें तो यहां 24 घंटे कार्य करने के लिए अकेले 241 चिकित्सकों की आवश्यकता है। इसके अलावा सदर व अनुमंडलीय अस्पतालों को जोड़ा जाए तो कुल 300 से अधिक चिकित्सकों की आवश्यकता है। परंतु फिलहाल जिले में मात्र 70 चिकित्सक कार्यरत हैं। साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों का काफी अभाव है।

15 पारा कर्मियों की हुई थी नियुक्ति

– जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से पारा मेडिकल कर्मियों की बहाली की गई थी। बहाली के लिए 108 लोगों ने अपना आवेदन दाखिल कराया था। इनमें से मात्र 15 की ही नियुक्ति हो सकी थी। इनमें से अनारक्षित पद पर पांच पुरूष व तीन महिला, बीसी एक पुरूष व एक महिला, ईबीसी दो पुरूष एक महिला, एससी एक पुरूष व एक महिला शामिल हैं। सभी नियुक्ति प्रक्रिया सिविल सर्जन की देखरेख में पूरी की गई थी।

कहते है अधिकारी

– सीमित चिकित्सकों व कर्मियों के सहारे काम करना मजबूरी है। राज्य स्वास्थ्य समिति से लगातार नियुक्ति के लिए अनुरोध किया जा रहा है। समस्या का समाधान कराने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

डॉ. श्रीनाथ प्रसाद, सिविल सर्जन, नवादा।

संसाधनों का दंश झेल रहा उत्क्रमित उच्च विद्यालय चिरैला

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड के चिरैला गांव स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय में संसाधनों की घोर कमी है। जिसके कारण विद्यालय के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा तीन साल पूर्व मध्य विद्यालय चिरैला को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय बना दिया गया। लेकिन शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई। इस विद्यालय के नवमी व दसवीं के छात्र-छात्राओं को मध्य विद्यालय के शिक्षक पढ़ाते हैं। इसके अलावा विद्यालय में बच्चों के बैठने एवं लैब की व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके विद्यालय के बच्चों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही यहां के बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।

विद्यालय में 195 बच्चों का है नामांकन

– इस विद्यालय में नवमी कक्षा में कुल 70 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। नवमी कक्षा के लिए नामांकन जारी है। वहीं दसवीं कक्षा में कुल 125 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है।

2017-18 में मैट्रिक का मिला कोड

– बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा इस विद्यालय को मैट्रिक परीक्षा फॉर्म भरने के लिए वर्ष 2017-18 में कोड दिया गया। लेकिन विषयवार शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई। इस वर्ष विद्यालय से कुल 128 छात्र-छात्राओं ने फॉर्म भरा था। जिसमें 104 छात्र-छात्रा उत्तीर्ण हुए। प्रथम श्रेणी से 19,द्वितीय श्रेणी से 41 एवं तृतीय श्रेणी से 51 छात्र-छात्राओं ने सफलता हासिल किया।

मैट्रिक की कोड मिलने के बाद मध्य विद्यालय में मात्र दो शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव कुमार एवं शिक्षक उपेंद्र कुमार बच्चों को पढ़ाते हैं। जिसमें प्रभारी प्रधानाध्यापक हिन्दी एवं सोशल साइंस तथा शिक्षक उपेंद्र कुमार हिदी एवं साइंस के विषय पढ़ाते हैं। शिक्षक नहीं रहने के कारण यहां के बच्चे किसी तरह मात्र पास किए हैं।अगर विषयवार शिक्षक रहते तो स्कूल के बच्चे भी और स्कूलों के बच्चों की तरह अपनी प्रतिभा को दिखा सकते थे।

हरदिया गांव निवासी दिलीप साव कहते हैं कि मात्र दो शिक्षकों के सहारे चल रहे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने विद्यालय में शिक्षक व संसाधनों की व्यवस्था करने के लिए विभागीय अधिकारियों से मांग की है ।

जर्जर सड़क से आवागमन हुआ मुश्किल

नवादा : मामला पकरीबरावां प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत दतरौल मुख्यालय का है। जहां एक वर्ष में लगभग एक दर्जन से अधिक वाहन दुर्घटना घट चुकी है। बावजूद जिला प्रशासन का ध्यान आज तक इस संपर्क पथ की ओर नहीं जा सका है। इतना ही नहीं इस गांव के संपर्क पथ पर आज तक जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान नहीं जा सका है। जिससे इस गांव का संपर्क पथ उपेक्षा का शिकार बना पडा़ है।

महज पकरीबरावां-कौवाकोल मुख्य मार्ग से 5 किलोमीटर दूरी पर बसा यह गांव बिल्कुल असुविधाओं का दंश झेल रहा है। गांव के संपर्क पथ इतने जर्जर हो चुके हैं कि इस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। सड़कों पर छोटी वाहन हिचकोले खाते आए दिन मुख्य मार्ग पर आ रही हैं। परंतु हर लोगों के मन में यह आशंका जरूर बनी रहती है कि कब सड़क दुर्घटना घट न जाए। गांव की छात्राएं सपना कुमारी, अमीषा कुमारी, खुशबू कुमारी तथा स्मिता भारती सहित कई अन्य छात्रा बताती हैं कि गांव के संपर्क पथ निर्माण नहीं होने के कारण गांव की कई छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित है। पथ जर्जर रहने के कारण लड़कियां पैदल पकरीबरावां बाजार नहीं आती।

जिसके कारण कई लड़कियों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं। सबसे ज्यादा परेशानियां रोगियों को उठाना पड़ता है। किसी तरीके से गांव के लोग मुख्यालय आ रहे हैं।

ग्रामीण यह भी बताते हैं कि वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रदीप कुमार ने पूर्व में संपर्क पथ बनाए जाने का आश्वासन दिया था। उसके बाद पुनः वर्तमान विधायिका अरुणा देवी ने भी जल्द से जल्द पथ बनाए जाने का आश्वासन अपने चुनाव के समय में दिया था। उसके बाद से उनका दर्शन दुर्लभ हो गया और आज तक पथ का निर्माण नहीं कराया जा सका है।

ग्रामीण बताते हैं कि जब भी चुनाव का समय आता है, जनप्रतिनिधि जल्द से जल्द पथ निर्माण कराए जाने का आश्वासन देकर चले जाते हैं फिर उनकी बात मानो हवा हवाई हो जाती है।

7 मई को मनाई जाएगी अक्षय तृतीया, जानिए शुभ मुहूर्त

नवादा : इस साल अक्षय तृतीया 7 मई को मनाई जायेगी। मान्यता के अनुसार यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है। अक्षय तृतीया का मतलब है कि जिसका कभी नाश ही नही होता है।

हिन्दू शास्त्र के अनुसार बैशाख महीने का काफी महत्व माना जाता है। इस महीने शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है, अक्षय तृतीया के दिन जप ,तप, दान करने से अक्षय फल प्रदान होता है। जो साधक इस दिन विधि विधान से पूजा करके माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करता है उसके घर मे देवी लक्ष्मी का वास हमेशा होता है।

कौन सी वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है

इस शास्त्र के मुताबिक विशेष रूप से सोने से बनी चीजें या आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है।

अक्षय तृतीया पर करे ये काम

इस दिन सोना खरीदने के अलावा उपवास और दान का भी अपना अलग महत्व माना गया है ।इस दिन कोई चीज का अभाव नही रहता है। लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पापो से मुक्त हो जाते है। और दान से पुण्य मिलता है।

अक्षय तृतीया पर दुर्लभ योग

हिन्दू पंचांग के मुताबिक इस बार चार बड़े ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग 2003 में देखने को मिला था। पुनः यह संयोग 16 साल के बाद दुबारा मिला है। इन चार बड़े ग्रहों में सूर्य,चंद्र,राहु , शुक्र उच्च राशि मे उपस्थित रहेंगे। सभी ग्रहों की एक साथ उपस्थित बेहद शुभ मानी जाती है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

सुबह 5 बजकर 40 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 37 मिनट तक

सोना खरीदने का मुहूर्त

सुबह 6 बजकर 26 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 47 मिनट तक अक्षय तृतीया को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

ईंट भट्ठे पर नवजात की मौत

नवादा : जिले के नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र के पनछेका गांव स्थित ईंट भट्ठा पर नवजात शिशु की मौत हो गई। मृतक चनाचतार निवासी मिथिलेश चौहान का 8 माह का पुत्र बताया जा रहा है। मृतक के परिजनों ने बताया कि हमलोग सपरिवार इस ईंट भट्ठा पर काम कर रहे थे,बच्चा भूमि पर सोया हुआ था,तभी अचानक घोड़ागाड़ी से ईंट ले जा रहे बग्घी से एक  ईंट बच्चा के ऊपर गिर पड़ा।

घटना की सूचना मिलने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया जहां  उसकी मौत हो गई। घटना की सुबह की है।थानाध्यक्ष दीपक कुमार राव ने बताया कि घटना स्थल पर पुलिस को भेजकर मामले की जानकारी लिया। घटना के बाद मृतक के परिजनों में मातम छा गया।

इस घटना की जानकारी मिलने पर मुखिया दर्शनिया देवी,समाजसेवी रामधीन चौहान आदि ने  पीडित परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया,और आर्थिक सहायता की।

बाइक व ट्रैक्टर की सीधी टक्कर, तीन जख्मी

नवादा  : जिले के नवादा-जमुई पथ पर पकरीबरांवा मुख्यालय के भगवानपुर गांव के पास रविवार को बाइक व ट्रैक्टर की सीधी टक्कर में तीन युवक घायल हो गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और तीनों युवक हवा में गोता लगाते हुए दूसरी ओर जा गिरे। दुर्घटना में घायल तीनों युवकों को स्थानीय लोगों की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पकरीबरावां ले जाया गया, जहां  प्राथमिक उपचार के बाद नवादा रेफर कर दिया गया। रोहन कुमार नामक युवक की हालत नाजुक बताई जा रही है।

बताया जाता है कि मेघिपुर के रोहन कुमार एवं लालबाबू तथा वारिसलीगंज के मसूदा के रहनेवाले नीतीश कुमार अपाची बाइक पर सवार होकर पकरीबरावां बाजार से वापस मेघिपुर लौट रहे थे, तभी विपरीत दिशा से आ रही अनियंत्रित ट्रैक्टर की टक्कर बाइक से हो गई। टक्कर होते ही जहां बाइक के परखच्चे उड़ गए, वहीं तीनों युवक बुरी तरह घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बाइक भी अपने फुल स्पीड में थी।

इधर, घटना की सूचना मिलते ही पकरीबरावां पुलिस ने मामलें की जांच की। साथ ही ग्रामीणों की मदद से ट्रैक्टर को जब्त कर लिया। ट्रैक्टर चालक मौका देख भाग निकला।

बता दें इस पथ पर चलने वाले अधिकांश ट्रैक्टर चालक ताड़ी के नशे में होते हैं जिसके कारण वे वाहन चलाने के दौरान अपना आपा खो बैठते हैं कि वे वाहन को कंहा चला रहे होते हैं।

उच्च रक्तचाप व डायबिटीज के मरीज रोजा उपवास में रहें सजग

नवादा : बरकतों का महीना रमजान शुरू हो रहा है। लोग रोजा रखेंगे, लेकिन जो व्यक्ति डायबिटीज, हदय रोग व हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं उन्हें रोजा रखने से पूर्व कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त व्यक्ति रोजे के दौरान कुछ सजगताएं बरतकर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं। जिन व्यक्तियों को डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए दवा की आवश्यकता नहीं पड़ती, वे उसे संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से नियंत्रण में रखते है और रोजे के दौरान परिवर्तनशील जीवनशैली के साथ सामंजस्य स्थापित कर सकते है, वे रोजा रख सकते हैं।

ऐसे व्यक्ति जो डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए दवाएं या इंसुलिन लेते हों, वे रोजा रखने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य लें क्योंकि रोजे के दौरान दवाओं की खुराक एवं समय में परिवर्तन करना पड़ सकता है। यह जरूरी है कि आप दवाएं बंद न करें। इस दौरान दवा की बड़ी खुराक इफ्तार पर लें क्योंकि यह दिन का प्रमुख भोजन कहलाता है, सहरी में दवा की खुराक कम करना ज्यादा लाभदायक है।

जो व्यक्ति डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए मेटफोर्मिन या ग्लिप्टिन ग्रुप की दवाएं लेते हैं, वे सुरक्षित तौर पर रोजे रख सकते हैं । क्योंकि इन दवाओं से हाइपोग्लाइसीमिया होने का खतरा कम होता है  सल्फोनिलयूरिया (ग्लीमीपराइड,ग्लाइक्लाजाइड) ग्रुप की दवाएं लेने वाले व्यक्तियों में रक्त शर्करा सामान्य से नीचे जा सकती है। इसलिए इस दवा की खुराक और समय में परिवर्तन के लिए डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

रोजे से पूर्व डॉक्टर से परामर्श करके दवाओं में बदलाव करना अनिवार्य है।

डायबिटीज के अलावा हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त व्यक्ति रोजे से पूर्व इसकी खुराक में परिवर्तन जरूर करवाएं, क्योंकि गर्मी और पानी न पीने की वजह से इस दौरान डीहाइड्रेशन होने की आंशका बढ़ जाती है। सहरी और इफ्तार के समय आवश्यकता से अधिक न खाएं। अक्सर ऐसा देखा गया है कि गर्मी और थकान भरे दिनों के बाद इफ्तार के समय लोग अधिक कैलोरी वाला चिकनाई और कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार लेते हैं। जैसे तले हुए कबाब, मीट, कचौड़ी, शर्बत, कोल्ड ड्रिंक आदि जिसे खाने से रक्त शर्करा काफी बढ़ जाती है।

रक्त शर्करा और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए धीरे-धीरे अवशोषित होने वाले फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा लाभदायक है। जैसे सब्जियां, सूखे मेवे (बादाम, अखरोट, पिस्ता आदि), फल, चोकर युक्त रोटी, दाल, तंदूरी चिकन या मछली आदि। छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी का सेवन करें व्यायाम करें। उपवास व आहार के अनुसार व्यायाम की अवधि और समय में परिवर्तन करके रक्त शर्करा के स्तर को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है। रोजे के दौरान रक्त शर्करा को नियमित रूप से जांचना भी अनिवार्य है। दिन में 3 से 4 बार रक्त शर्करा की जांच अवश्य करें।

धार्मिक उपवासों में से रमजान के उपवास कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण होते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि रोजा रखने के नियम काफी सख्त हैं और रमजान का महीना भीषण गर्मियों के दौरान पड़ रहा है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि डायबिटीज से ग्रस्त ऐसे व्यक्ति जो रोजा रखना चाहते हैं, वे रोजा शुरू होने से पूर्व डॉक्टर की सलाह जरूर लें और अपनी दवाओं की खुराक और समय में परिवर्तन करवाएं।

ऐसे लोग जो किडनी, लिवर या हृदय रोग जैसी जटिलताओं से पीड़ित हैं, उनके लिए रोजे रखना सही नहीं है। टाइप 1 डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति जो पूरी तरह से इंसुलिन पर निर्भर हों, उनके लिए भी रोजा रखना सही नहीं है।

जापानी महिला ने बच्चों के बीच किया वस्त्र वितरण

नवादा : जापान से आयी महिला मेरी सुज़ुकी ने रविवार को अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के कुहिला गांव में महादलित बच्चों के बीच कपङों का वितरण किया । कपङे पाकर बच्चे काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। इसके साथ ही अन्य गावोंके गरीब बच्चों के बीच कपङे बांटने की योजना है।

सुजुकी जापान से प्रति वर्ष बोधगया आती हैं तथा इस क्रम में ककोलत आने से नहीं चुकती। आने जाने के क्रम में इनका इस क्षेत्र से काफी लगाव हो गया है । इनकी योजना पिरौटा पोखर को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की है। इसके लिए ये बिहार सरकार से मिलकर योजना पर कार्य आरंभ की है । जल्द ही योजना धरातल पर उतरने की संभावना है ।

उन्होंने बताया कि गरीबों व किसानों के सेवा कर उन्हें आत्मिक संतुष्टि मिलती है । इसके पूर्व भी वह पिरौटा के गरीब बच्चों को कपङा उपलब्ध करा चुकी है । जापान में उनका बहुत बङा उद्योग धंधा सफलता पूर्वक चल रहा है तथा खुद वहां की स्वयं सेवी संस्था से जुडकर गरीबों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। बोधगया का आध्यात्मिक व अकबरपुर को अपना कार्य क्षेत्र बनाने की योजना पर कार्य कर रही है ।

मौके पर समाज सेवी रंजन कुमार समेत भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

रहमतों और बरकतों का महीना रमज़ान

नवादा : रहमतों और बरकतों का महीना रमज़ान शुरू होने वाला है। आज 5 मई को चाँद निकलता है तो कल 6 मई को पहला रोजा रखा जायेगा. और अगर 6 मई को चाँद निकलता है तो 7 मई को पहला रोजा रखा जायेगा। रमज़ान महीना इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है। चाँद निकलने से ही तरावीह शुरू हो जाएगी।

सेहरी और इफ्तार : सुबह सूरज निकलने से पहले 3 : 41 तक सेहरी खाने का समय है. और शाम में 6:24 पर इफ्तार का समय है। इस तरह इस बार कुल लगभग 15 घंटे का रोजा रखेंगे।

आसमानी किताबें रमज़ान के महीने में ही उतरी :

अल्‍लाह पाक ने सारी आसमानी किताबें रमज़ान के महीने में ही उतारी। कुरान पाक लौहे महफ़ूज से दुनिया वाले आसमान पर पूरा का पूरा इसी महीने में उतारा गया और वहां से 23 साल में हालात के हिसाब से थोड़ा-थोड़ा नाजिल किया गया। हजरत इब्राहिम अलैहिस्‍सलाम के सहीफे इसी महीने की 3 तारीख को उतारे गए।

हजरत दाऊद अलैहिस्‍सालम को ज़ुबूर (कुरान जैसी किताब) 18 या 21 रमजान को मिली और हजरत मूसा अलैहिस्‍सलाम को तौरेत 6 रमजान को अता हुई और हजरत ईसा अलैहिस्‍सलाम को इन्‍जील 12 या 13 रमज़ान के मिली। तो सोचने वाली बात है कि अल्‍लाह को रमज़ान का महीना कितना पसंद होगा कि बड़े-बड़े काम इसी महीने के किए। इसलिए हम भी इसकी एहमियत को समझें और अल्‍लाह की इबादत करके इसका पूरा फायदा उठाएं।

रमज़ान का तीन अशरा

रमज़ान बड़ी बरकतों वाला महीना है। इसमें 29 या 30 दिन होते हैं। इनको तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा रहमत वाला, दूसरा अशरा मग्‍िफरत वाला और तीसरा अशरा जहन्नम की आग से खलासी का है। हर अशरे को 10 दिनों में बांटा जाता है।

शुरू के 10 दिन अल्‍लाह अपने बंदों पर रहमत फरमाता है। जो लोग अल्‍लाह की इस रहमत का शुक्र अदा करते हैं, उनके लिए इस रहमत में इज़ाफा होता है। बीच के 10 दिन मग्‍िफरत के रहते हैं, इसलिए कि रोज़ों का कुछ हिस्‍सा गुजर चुका है। इन दिनों अल्‍लाह अपने बंदों को माफी देता है। आखरी के 10 दिन आग से खलासी के हैं।

रमज़ान में कुरान शरीफ की तिलावत :

सभी आसमानी किताबें जिसमें कुरान शरीफ भी शामिल है, रमज़ान के पाक महीने में उतारी गई। हजरत जिबराइल अलैहिस्‍सलाम हर साल रमजान में पूरा कुरान हजरत मोहम्‍मद सललल्‍लाहू अलैहिवसल्‍लम को सुनाते थे। इससे ये समझ में आता है कि इस महीने में कुरान शरीफ पढ़ने, सुनने-सुनाने की कितनी एहमियत और सवाब है। इस महीने में कम से कम 1 कुरान शरीफ पूरा पढ़ें।

रमजान की तरावीह :

हजरत मोहम्‍मद सल्‍लललाहू अलैहीवसल्‍लम ने फरमाया- अल्‍लाह ने रमज़ान के रोजे़ फर्ज़ किए और तरावीह को सुन्‍नत किया। इससे मालूम हुआ कि तरावीह का इरशाद भी खुद अल्‍लाह की तरफ से है। कई हदीसों में है कि नबी करीम ने फरमाया कि मैंने इसे सुन्‍नत किया, इससे मुराद ताकीद है कि नबी करीम उसकी ताकीद बहुत फरमाते थे।

बहुत से लोगों का ख्‍याल होता है कि जल्‍दी से किसी मस्जिद में 8-10 दिन में कलाम मजीद सुन लें, फिर छुट्टी। यह ध्‍यान रखने की बात है कि तरावीह में दो सुन्‍नतें अलग-अलग हैं। एक सुन्‍नत कुरान शरीफ का सुनना और दूसरी तरावीह का पढ़ना।

अगर कोई 8-10 दिन की तरावीह पढ़कर सोचे कि पूरा सवाब मिल गया तो ऐसा नहीं। कुरान शरीफ तो सुन लिया लेकिन बचे 20 दिन की तरावीह की सुन्‍नत छूट गई। लेकिन जिनको रमज़ान के महीने में सफर (यात्रा) करना हो वो 8-10 दिन की तरावीह पढ़ सकता है।

जिससे एक ही जगह पूरा कुरान श्‍ारीफ सुन लेगा और सफर में दूसरी जगह अगर कुरान आगे-पीछे भी निकल चुका हो तो तरावीह में शामिल हो सकता है।

रमज़ान में गरीबों का हक :

हजरत मोहम्‍मद सल्‍लललाहू अलैहीवसल्‍लम ने फरमाया- रमज़ान सब्र का महीना है यानी रोज़ा रखने में कुछ तकलीफ हो तो इस बर्दाश्‍त करें। फिर आपने कहा कि रमज़ान गम बांटने का महीना है। यानी गरीबों के साथ अच्‍छा व्‍यवहार किया जाए। अगर 10 चीजें अपने रोजा इफतार के लिए लाए हैं तो 2-4 गरीबों के लिए भी लाएं।

असल तो ये है कि अपने से अच्‍छा गरीबों के लिए न ला पाएं तो कम से कम अपने जैसा ही ले पाएं। अपने इफतार व सहर के खाने में गरीबों का भी ध्‍यान रखें। अगर आपका पड़ोसी गरीब है तो उसका खासतौर पर ध्‍यान रखें कि कहीं ऐसा न हो कि हम तो खूब पेट भर कर खा रहे हैं और हमारा बगल का पङोसी भूखा सो रहा है।