पटना : अब बिहार भी टेक्निकल मामलों में पीछे नहीं रहेगा। बिहार उधमी संघ बिहार में पूर्वी भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सेंटर ऑफ एक्ससेलेन्स खोलने जा रहा है। बिहार उधमी संघ इसके लिए बहुत दिनों से प्रयास कर रहा था। पिछले छ महीने के दौरान संघ ने दुनिया के ग्लोबल संगठनों में काम कर रहे ऐक्सपर्ट से इस बाबत संपर्क कर रहा था।
बिहार उधमी संघ के सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि सबसे पहले तो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के कांसेप्ट को क्लियर करना होगा। बिना इसको समझे और जाने इसके खूबियों को नहीं समझा जा सकता है। कृषि से लेकर रक्षा तक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बहुआयामी उपयोग हैं। अभिषेक सिंह ने कहा कि इतना ही नहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उपयोगिता का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत और व्यापक है। विज्ञापन, शिक्षा, कृषि, वितीय संस्थानों, स्वास्थय देखभाल, दाताओं, प्रदाताओं और सेवाओं, बीमा, मीडिया, चिकित्सा, दूरसंचार, परिवहन और भी कई महत्वपूर्ण क्षेत्रो में अपना चमत्कारी योगदान कर सकता है। अभिषेक सिंह ने बताया कि बिहार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सेंटर में यहां के विद्यार्थियों को हमलोगों ने कोर्स भी करवाने का भी फैसला लिया है। ये कोर्स 4 फेज़ में करवाया जाएगा। पहले फाउंडेशन कोर्स करवाया जाएगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के फायदे ,इसके लाभ आदि के बारे मे बताया जाएगा। दूसरे स्तर में हम शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम करवाएंगे जिसमें बीटेक, बीई, बीसीए, एमसीए के छात्रों को शामिल किया जाएगा। जबकि तीसरे और चौथे स्तर में प्रोडक्ट इनोवेटर कोर्स और स्टार्ट अप कोर्स करवाया जाएगा। अभिषेक सिंह ने कहा कि आनेवाले समय मे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए भारत सरकार की तरफ से एक स्वतंत्र मंत्रालय बनाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी से इसके महत्व को समझा जा सकता है।
आगे अभिषेक सिंह ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को एक पेपर के रूप में मान्यता दे दी है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के कोने-कोने में बिहार के जो लोग टेक्निकल मामलो में ऊंचे पदों पर सेटल्ड हैं ,हमने उनसे अपना समय देने का आग्रह किया है और 5-6 लोग तैयार भी हो गए हैं। नीति आयोग भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर पिछले 5-6 वर्षों से बहुत सारी योजनाओं पर काम कर रहा है। अभिषेक सिंह ने कहा कि बिहार में हमने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के सेंटर को इसलिए खोला ताकि टेक्निकल लोगों का बिहार में आना-जाना बढ़ जाएगा, जिससे बिहार को और यहां के विद्यार्थियों को बहुत बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।
मधुकर योगेश