पटना : शनिवार को पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में महिला बेरोजगारी और महिला प्रवासन (migration) की बढ़ती समस्या के ऊपर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। व्याख्यान की मुख्य वक्ता प्रो. इंद्राणी मजूमदार ने कहा कि प्रवसन अध्ययन में पुरुषों को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि आवश्यकता महिला केंद्रित अध्ययन की है।
कार्यक्रम का आयोजन टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस के तत्वावधान में किया गया। प्रोफेसर इंद्राणी मुखर्जी, सेंटर फॉर वीमेंस डेवलपमेंट स्टडीज में कार्यरत हैं। उन्होंने महिलाओं से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत चर्चा की। उनका मानना है कि महिलाओं की भागीदारी, उनकी पारिश्रमिक और कार्यस्थल पर उनकी भूमिका अब एक अहम विषय है। इसे प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इससे समतामूलक समाज की स्थापना का रास्ता तय होगा।
अक्सर समाज में महिलाओं की बेरोजगारी और महिला वर्ग के प्रवासन को कमतर आंका जाता है। पुरुषों को इसमें प्राथमिकता मिलती है। लेकिन यह स्थिति देश के सम्पूर्ण उत्थान के लिए सही नहीं।
कार्यक्रम में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस के निदेशक प्रो.पुष्पेंद्र, पटना विवि के प्रो.एनके चौधरी, प्रो.संजय पांडे, मगध महिला कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल पद्मलता ठाकुर और अन्य शिक्षक व बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्राचार्य तपन शांडिल्य ने की।
सत्यम दुबे