नवादा : बात उन दिनों की है जब आजादी के बाद देश में पहला आम चुनाव हुआ। वर्ष 1951-52 के प्रथम आम चुनाव में लोकसभा व विधान सभा का चुनाव एक साथ कराया गया था। उस वक्त कांग्रेस के पास न हाथ था न बसपा के पास हाथी। तब हाथ छाप पर फॉरवर्ड ब्लॉक व हाथी छाप पर शेड्यूल कास्ट फेडरेशन ने चुनाव लड़ा था। इस समय अब शिड्यूल कास्ट फेडरेशन का अस्तित्व समाप्त हो चुका है तो फॉरवर्ड ब्लॉक को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हो चुका है। कांग्रेस का चुनाव चिन्ह जोड़ा बैल के कंधे पर पालो था और फॉरवर्ड ब्लॉक के पास हाथ। आज हाथ कांग्रेस के पास हाथ तो हाथी बसपा के पास है।
1951-52 के पहले आम चुनाव में 14 राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्रदान किया गया था। इसके लिए उन्हें विशिष्ट चुनाव चिह्न का आवंटन प्रदान किया गया था। आज 68 वर्ष बाद जब देश में 17वां लोकसभा चुनाव हो रहा है तो पूर्व के 14 राष्ट्रीय दलों में से कई राजनीतिक दलों का वजूद ही समाप्त हो चुका है। इनमें से कई ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो दिया है। पुरानी पार्टी में से मात्र दो ही अपना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बचाए रखने में सफल रही है। 1951 में निम्न दलों के पास निम्न चुनाव चिन्ह था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-जोड़ा बैल कंधे पर पालो, फॉरवर्ड ब्लॉक-हाथी, ऑल इंडिया शिड्यूल कास्ट फेडरेशन-हाथ।