कन्हैया ने तीन दिन में जुटाए 40 लाख, बदले में क्या देंगे?
पटना : बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ रहे सीपीआई प्रत्याशी और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने महज तीन दिनों में 40 लाख रुपए सोशल मीडिया के माध्यम से इकट्ठे कर लिये। फेस बुक के माध्यम से कन्हैया कुमार अपना चुनाव कैंपेन भी शुरू कर चुके हैं। यही नहीं, कन्हैया की मदद करने के लिए गुजरात से जिग्नेश मेवानी भी बेगूसराय पहुंच चुके हैं। यह जानकारी भी कन्हैया कुमार ने फेस बुक के जरिये दी है। अब ऐसे में सोशल मीडिया का उपयोग कर पैसे जुटाने की
चुनाव में पैसे लेंगे बुर्जुआ वर्ग से, फिर गरीबों का भला कैसे करेंगे?
अकाउंटाबिलिटी पर सवाल उठना लाजिमी है। सवाल उठ भी रहे हैं कि जिन्होंने भी कन्हैया कुमार को पैसे दिये, जो कि थोड़े नहीं, बल्कि 40—50 लाख, उन्हें बदले में कन्हैया कुमार क्या देंगे। सोशल मीडिया पर क्या बिहार का गरीब—गुरबा एक्टिव रहता है? क्या कन्हैया सुविधा—संपन्न बुर्जुआ वर्ग के पैसे पर चुनाव लड़ रहे हैं? फिर कम्यूनिस्ट पार्टी से जुड़े गरीबों का क्या होगा?
हालांकि चुनाव आयोग ने पहले ही सोशल मीडिया पर चुनावी गतिविधियों का हिसाब—किताब रखने का ऐलान कर रखा है, लेकिन क्या पैसा देने और उसे लेने वाले के बीच के करार पर कोई निगरानी कायम करने की कोशिश की गई है। यदि नहीं, तो यह गरीबों—पिछड़ों के आधार वाली पार्टी होने का दम भरने वाली सीपीआई का जनता से बड़ा छल होगा।
यहां यह कहा जा सकता है कि कन्हैया ने वही किया जो कहावतों में कहा जाता है कि ‘प्यार और जंग’ में सब जायज है। बहरहाल कन्हैया सोशल मीडिया पर अचानक काफी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने देशभर के अपने चाहने वालों को मदद करने के लिए बेगूसराय पहुंचने की अपील की है। वे लगातार फेसबुक पर अपने नए—पुराने भाषणों को अपलोड करके साझा कर रहे हैं।