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बिहार के चित्तौड़गढ़ ने दी महागठबंधन की एकता को चुनौती?

पटना : महागठबंधन में सीटों के ऐलान के पूर्व पटना के सदाकत आश्रम परिसर में आज जो हुआ वह शुभ संकेत नहीं हैं। केरल के पूर्व गवर्नर एवं पूर्व सांसद निखिल कुमार के समर्थकों ने जमकर बवाल काटा तथा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर पैसा लेकर टिकेट बेचने का आरोप कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा ही लगाया गया।

औरंगाबाद पर कांग्रेस में महाभारत

औरंगाबाद सीट हम को दिये जाने से राजपूत वोटरों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। एक राजपूत नेता ने तो यहां तक कह दिया की औरंगाबाद अब बिहार का चित्तौड़गढ़ नहीं रहा। यह आरोप तब लगाया जा रहा है जब महागठबंधन किसी तरह एकजुटता कायम रखने में सफल रहा है। इससे ना सिर्फ कांग्रेस की छवि धूमिल हुई, बल्कि महागठबंधन की एकजुटता को भी धक्का लगा है। केरल एवं गोआ के पूर्व गवर्नर निखिल कुमार पूर्व में औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनकी पत्नी श्यामा सिंह भी यहां से सांसद रह चुकी हैं। दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर रह चुके निखिल कुमार, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंन्हा के पुत्र हैं। सत्येंद्र नारायण सिन्हा के परिवार का सक्रिय राजनीति से इस प्रकार गायब कर दिया जाना वाकई सोचने वाली बात है।

हंगामे के बीच सीटों का ऐलान

इस बीच आज पटना में महागठबंधन ने सीट बंटवारे का एलान कर दिया। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने बताया कि आरजेडी 20, कांग्रेस 9, आरएलएसपी 5, हम (सेक्युलर) और वीआईपी 3-3 सीटों पर लड़ेगी। आरजेडी के कोटे से लेफ्ट को एक सीट दी जायेगी। आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि राज्यसभा की एक सीट कांग्रेस को दी जायेगी। हालांकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा वहां मौजूद थे, लेकिन कौन पार्टी किन—किन सीटों पर लड़ेगी, इसका खुलासा नहीं किया गया। हां प्रथम चरण में हो रहें 4 लोकसभा सीटों में से दो-गया और औरंगाबाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी को दी गईं। एक—एक सीट पर आरजेडी एवं आरएलएसपी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।

खटक रही लालू की गैरमौजूदगी

लालू यादव के जेल में रहने का दंश महागठबंधन को झेलना पड़ रहा है। आज भी महागठबंधन के प्रमुख घटक दल के नेताओं की बैठक राबड़ी देवी के आवास पर घंटो चली। आरएलएसपी और हम (सेक्युलर) अपने—अपने हिस्से में ज्यादा से ज्यादा सीट लेने की मशक्कत करते दिखे। मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी को तीन सीटें देना भी चर्चा का विषय बना हुआ है।