पटना : 2014 में एनडीए ने नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। जबकि बिहार में जनता दल यूनाइटेड ने नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। 2019 में भी एनडीए बिहार में इन्हीं दो चेहरों के नाम पर लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि 2014 में ये दोनों चेहरे अलग-अलग चुनाव लड़े थे जबकि 2019 में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार एक साथ गठबंधन के साथी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। इस बार बिहार लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज़नों से ज्यादा बड़ी-बड़ी रैलियों में नरेंद्र मोदी को नीतीश कुमार के साथ देखा जा सकेगा। उनके साथ लोजपा के रामविलास पासवान भी नज़र आएंगे। इसके अलावा चुनावी पोस्टर-बैनरों में भी ये तीनों नेता एक साथ नज़र आएंगे। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही एक प्राइवेट चैनल को दिए इंटरव्यू में भाजपा के गोपाल नारायण सिंह ने कहा था कि बिहार में जितनी जरूरत भाजपा को जेडीयू की है, उतनी ही जरूरत जेडीयू को भाजपा की भी है। दोनों ही दलों के नेता को जनता पसंद करती है। इसलिए दोनों दलों में कोई भी तुलना करने की जरूरत नहीं है। गोपाल नारायण सिंह ने आगे कहा कि बात चाहे नरेंद्र मोदी की हो या नीतीश कुमार की हो, ये दोनों नेता बेहद ही लोकप्रिय होने के साथ ही अपनी अच्छी छवि के लिए भी जाने जाते हैं। बिहार के उप मुख्यमंत्री सशील कुमार मोदी ने भी कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी ही हमारे चेहरे होंगे और उन्हीं के नेतृत्व में एनडीए के सभी कार्यकर्ताओं की टीम काम करेगी।
(मधुकर योगेश)
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