16 मार्च : नवादा की मुख्य ख़बरें

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112 बोतल अंग्रेजी, 182 पाउच देशी शराब के साथ दो गिरफ्तार

नवादा : गोविन्दपुर व रोह पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर छापामारी कर अंग्रेजी व देशी मसालेदार शराब के साथ दो को गिरफ्तार किया है। दोनों के विरुद्ध उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

गोविन्दपुर थानाध्यक्ष ज्योति के अनुसार बाजार के बरतल्ला मोङ के पास वाहन जांच के क्रम में झारखंड राज्य के बासोडीह से शराब की बङी खेप लेकर आ रहे मारूति ओमनी नम्बर जेएच 09 बी पर छापामारी कर 375 एमएल का 112 बोतल अंग्रेजी शराब के साथ एक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान झारखंड स्थित, बोकारो जिला के पेटरवार का रहने वाला धनंजय करमाली के रूप में की गयी है। इस बावत वाहन मालिक अशोक कुमार समेत दोनों को अभियुक्त बनाया गया है। गिरफ्तार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

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दूसरी ओर रोह थानाध्यक्ष कौशलेन्द्र कुमार ने बाजार के दुर्गास्थान के पास छापामारी कर बाज़ार के ही भोला पासवान पिता पुनीत पासवान को गिरफ्तार किया है। उसके पास से झारखंड निर्मित 182 पाउच देशी मसालेदार शराब बरामद किया है। इस बावत उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी संख्या 31/19 दर्ज कर आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

मुकदमा उठाने की धमकी, एसपी से सुरक्षा की गुहार

नवादा : उग्रवाद प्रभावित रजौली थाना क्षेत्र के धमनी पंचायत अंतर्गत कुम्हरूआ निवासी बालमुकुंद मिस्त्री के पुत्र मनीष कुमार शर्मा ने एसपी को आवेदन दे जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। दिए आवेदन में कहा कि बीते साल गांव के ही महेश कुमार यादव ने ट्रैक्टर के लिए हर फार एवं ट्रैक्टर का डाला बनवा लिया था। बनाये गये सामग्री का पैसा मांगने पर वे लोग दबंगई दिखाते हुए गाली गलौज एवं मारपीट किया। जिसके बाद घटना की लिखित आवेदन देकर रजौली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया गया। जिसको ले उसने थाना में काण्ड संख्या 227/2018 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराया है। प्राथमिकी दर्ज कराने के एक साल गुजर जाने के बाद भी अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

अभियुक्त गांव में बेखौफ घूम रहे हैं और उसे उसके परिवार के सदस्यों को मुकदमा उठाने को ले परेशान कर रहे हैं। वे लोग मुकदमा नहीं उठाने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इससे उनका परिवार सहमा हुआ है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने से उनका पूरा परिवार डर के साए में जीने को विवश है। और शहर के साथ कहीं बाहर आने-जाने में भी दुश्वारी महसूस कर रहा है।

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