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उमंग एप से जुड़ेगी बिहार की विभिन्न योजनाएं

पटना : हम सब सूचना प्रौद्योगिकी के ज़माने में जी रहे हैं। ये बात सिर्फ भारत पर ही नहीं पूरे दुनिया पर लागू होती है। कुछ वर्षों पहले तक भारत इसमें पिछड़ा था लेकिन आज की तारीख में दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले देशों में भारत का नाम शीर्ष पर आता है। सवा सौ करोड़ की आबादी वाले इस देश में स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करनेवाले लोगों की 80 करोड़ से ऊपर हो गई है। फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्ट्राग्राम, टेलीग्राम आदि का प्रयोग हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है। सूचना क्रांति की सबसे बड़ी खासियत है कि एक सामान्य व्यक्ति से लेकर देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी इसका इस्तेमाल करते हैं। राजधानी पटना में बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से एक अवेरनेस कार्यक्रम रखा गया था। कार्यक्रम में बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के सरकारी कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन और इसके मुख्य वक्ता उमंग एप (बिहार चैप्टर) के संजय अग्रवाल ने किया। उन्होंने कहा कि इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि सूचना क्रांति के प्रभाव से कोई भी व्यक्ति अछूता है। चाहे इनकम टैक्स भरने की बात हो या बैंक से पैसे निकालने की बात हो ये सारे काम घर बैठे ऑनलाइन किया जा सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी दुनिया को एक दूसरे से जोड़ दिया है। माउस के एक क्लिक पर जिस तरह की जानकारी चाहिए आपके सामने हाज़िर हो जाता है।

संजय अग्रवाल ने उमंग एप के बारे में बताते हुए कहा कि आनेवाले वर्षो में उमंग एप में हज़ारो तरह की सर्विसेज उपलब्ध होने जा रही है। हज़ारो सर्विसेज जब जुड़ जाएगी तो इस एप की उपयोगिता और प्रासंगिकता और भी बढ़ जाएगी। इस एप भारत सरकार ने नवंबर 2017 को लांच किया था। मकसद था लोगों को सरकार के विभिन्न योजनाओं के बारे में बैठने और उन योजनाओं से जुड़े सर्विसेज को जनता तक पहुंचाने का। आज डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग इस एप का प्रयोग कर रहे हैं। 15- 20 हज़ार लोग रोज़ ही उमंग एप को डाउनलोड करते हैं। भारत सरकार की योजनाओं के अलावे कुछ राज्य सरकारों ने भी अपनी योजनाओं को इस एप से जोड़ दिया है। इससे लोंगो को केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों की योजनाओं की सभी सर्विसेज एक साथ मिल जाती है। संजय अग्रवाल ने कहा कि अब बिहार सरकार भी अपनी कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं की सेवा इसके माध्यम से देना चाहती है। यह प्रस्ताव अभी बिहार सरकार के विचाराधीन है। इसी बात को समझाने के लिए आज का यह कार्यक्रम रखा गया है। सरकारी कर्मचारियों को इस एप की सभी तकनीकियों से परिचित कराया गया है, ताकि वे इसके लाभ को जान जाएं और लोगों को भी इसके बारे में बताएं।

(मानस द्विवेदी)