पटना: पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों के आत्मघाती हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान की आर्थिक ढांचे पर प्रहार शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि भारत आतंकियों व उनको पालने वाले पाकिस्तान की रीढ़ पर कार्रवाई करने की दिशा में चल पड़ा है। इस नीति के तहत सबसे पहले भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड स्टेट का दर्जा वापस ले लिया है। वहीं पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त को तत्काल भारत बुला लिया गया है। हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस निर्णय के बाद पाकिस्तान को भारत से होने वाले आयात-निर्यात पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। फिलहाल पाकिस्तान की अर्थिक स्थिति अत्यंत खराब है। पाकिस्तान अपनी रोज-रोज की जरूरतों की चीजों की भी व्यवस्था नहीं कर सकता। उसके पास विदेशी मुद्रा का भंडार एकदम नहीं है। ऐसे में उन्हें भोजन, दवा, पेट्रोल जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं भी उन्हें उपलब्ध नहीं होगी। ऐसे में पाकिस्तान को चीन से कितना सहयोग मिलेगा कहना मुश्किल है क्योंकि चीन से पाकिस्तान तक व्यापार में भौगोलिक कारणों से कई समस्याएं हैं। हलांकि, पूर्व में भी भारत पाकिस्तान से यह दर्जा वापस लेता रहा है। लेकिन, इस बार कुछ ऐसे संकेत दिखाई पड रहे हैं जिससे विश्व समुदाय इस मामले को लेकर गंभीर है। अमेरिका ने अपने नागरिकों को चेताया है कि वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नहीं जाएं। वहां आतंकी हमले की आशंका है। आतंकियों के इस कार्रवाई की भत्र्सना करते हुए अमेरिका, इजराइल, भूटान, बांग्लादेश और ईरान जैसे कई देशों ने इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई को आवश्यक बताया है।
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