बिहार में तबाही की फिराक में तो नहीं उग्रवादी? आईबी सक्रिय

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पटना : पूर्णिया से बरामद अत्याधुनिक हथियारों की जांच सेंट्रल इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारियों की एक टीम कर रही है। आईबी की टीम इस मोर्चे पर काम कर रही है कि कहीं आतंकी और नक्सली बिहार में तबाही मचाने की फिराक में तो नहीं? खुफिया टीम जेल में बंद तीन तस्करों से भी पूछताछ करेगी। खुफिया जांच एजेंसी का दावा है कि इससे बिहार में हथियार तस्करी के नए रैकेट का खुलासा होगा। हथियार सप्लायरों का ये रैकेट बिहार में नक्सलियों से लेकर रसूखदार और सफेदपोशों को भी एके-47, एके-56 जैसे ऑटोमेटिक हथियारों की सप्लाई करता है। दरअसल बीते सात फरवरी को पूर्णिया पुलिस ने अत्याधुनिक हथियारों की बड़ी खेप पकड़ी थी। तीन हथियार तस्करों में दो काफी लंबे अर्से से इस धंधे में लिप्त हैं।
पूर्णिया में जैसे हथियार पकड़े गए, उन्हें तबाही का सबब माना जा सकता है। पुलिस ने हथियार सप्लायरों की गाड़ी से करीब 18 सौ कारतूस भी बरामद किए थे। हथियारों के इस जखीरे की बरामदगी के साथ ही माना जा रहा था कि इसमें कोई बड़ा गिरोह संलिप्त है।
पूछताछ के दौरान इन तीन तस्करों ने पूर्णिया पुलिस से कई अहम राज उगले। एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि तस्करों को कोर्ट से पांच दिन की रिमाण्ड पर लिया गया है।
एसपी ने कहा कि हवाला के माध्यम से अत्याधुनिक हथियारों का सौदा होता था।
तस्कर पहले भी पटना के मुकेश सिंह और आरा के संतोष सिंह को गोली और एके-47 राइफल की खेप पहुंचा चुके हैं। एसपी के मुताबिक पटना के मुकेश सिंह का संबंध नगालैंड के उग्रवादी संगठन एनएससीएन आईएम से रहा है। मुकेश इन्हीं लोगों से हथियार मंगाकर बिहार, झारखंड समेत कई इलाकों में बेचता था।
ये हथियार आठ से 12 लाख तक में नक्सलियों के हाथों बेचा जाता था। वहीं नगालैंड से हथियार पटना तक पहुंचाने वालों को 10 हजार रुपये अलग से दिये जाते थे। एसपी ने कहा कि तीनों तस्करों को पांच दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। जल्द ही कुछ और मामलों का खुलासा होने की संभावना है। मालूम हो कि पूर्णिया में मिले हथियार की खेप के बाद जिला पुलिस के अलावा पुलिस मुख्यालय समेत आईबी के भी कान खड़े हो गए। पूर्णिया से पहले बिहार के मुंगेर से भी एके-47 राइफल की खेप मिली थी जिसकी तफ्तीश अभी भी चल रही है।

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