पटना: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है की 18 साल से कम उम्र की लड़की से यदि शादी होती है और उसके साथ शारीरिक संबंध कायम किये जाते हैं। तो उक्त व्यक्ति पर रेप और रेप से जुड़े सभी कानून लागू होंगे। आज सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले के प्रचार प्रसार के लिए पटना में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम ‘सेव द चिल्ड्रन’ और ‘कैंपेन अगेंस्ट चाइल्ड लेबर’ के संयुक्त तत्वाधान में बाल विवाह पर किया गया।
इस अवसर पर बिहार सरकार के एडिशनल डीजी, सीआईडी विनय कुमार ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार ने कानून तो बहुत बना रखा है। लेकिन बाल विवाह को खत्म करने के लिए हमे सोशल अवेरनेस के साथ-साथ हर स्तर पर लोगों की काउंसलिंग करने की जरूरत है। क्योंकि कानून को तभी सक्षम बनाया जा सकता है। जब ज्यादा से ज्यादा लोगों का पार्टिसिपेशन हो। उन्होंने कहा कि बाल विवाह का संबंध मानव तस्कर से भी जुड़ा हुआ है। विनय कुमार ने कहा कि ऐसे कई केस को हमलोग हैंडल कर रहे हैं। बिहार सरकार के सालसा के किशोर कुणाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हम स्वागत करते है और बाल विवाह को रोकने के लिए हमारी सरकार और हमारा विभाग पूरी तरह दृढ़संकल्पित है। उन्होंने कहा कि जब तक कानून के तहत लोगों को सज़ा नहीं होगी तब तक इस पर रोक लगाने में कई तकनीकी रुकावाटों का हमे सामना करना पड़ेगा। किशोर कुणाल ने कहा कि बाल विवाह सामाजिक मुद्दा है और इस पर जागरूकता की भी आवश्यकता है। लेकिन जो उपलब्ध कानून है उनको यदि दृढ़ता से लागू करते हुए सज़ा मिले तो ये पूरे समाज के लिए बहुत कारगर साबित होगा।
(मानस द्विवेदी)