पटना : जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं रणनीतिकार प्रशांत किशोर आजकल एनडीए की गुत्थी सुलझाने में बिजी हैं। कभी वे मुबई में उद्धव ठाकरे से मिल आ रहे तो कभी समय—समय पर मीडिया के सामने नरेंद्र मोदी को फिर पीएम बनाने की ताल ठोंकने लग रहे हैं। उनके राहस्यमय चाल—ढाल से ऐसी खबरें भी उड़ने लगी कि वे बहुमत से दूर रहने पर एनडीए में नेतृत्व के विकल्प को लेकर काम कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब नरेंद्र मोदी एनडीए के घोषत पीएम कैंडिडेट हैं, तब प्रशांत किशोर इस मुद्दे पर इतने सक्रिय क्यों हैं? आइए आज सोमवार को पटना में प्रशांत किशोर के प्रेस कांफ्रेंस के जरिए इसे समझने की कोशिश करते हैं। प्रशांत ने मीडिया से आज कहा कि नरेंद्र मोदी एनडीए के निर्विवाद नेता हैं और केंद्र में एक बार फिर मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा जाएगा और दावा किया कि 2019 में मोदी के नेतृत्व में एनडीए की ही सरकार बनेगी।
नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री मैटेरियल के सवाल पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार देश के बड़े नेता हैं। लेकिन उन्हें अभी प्रधानमंत्री के तौर पर पेश किया जाना उचित नहीं। एनडीए के नेता नरेंद्र मोदी हैं और प्रधानमंत्री के भी वही दावेदार हैं। हाल ही में मुंबई में शिवासेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में पीके ने कहा कि एनडीए के घटक दल होने के नाते उद्धव ठाकरे के साथ उनकी औपचारिक मुलाकात हुई थी। इस दौरान वहां उत्तर भारतीयों पर होने वाले हमलों पर भी बातचीत हुई। उद्धव ठाकरे ने इस तरह के हमलों पर रोक लगाने का आश्वासन दिया है।
प्रियंका गांधी पर उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको कितनी सफलता मिलती है, यह तो वक्त ही बताएगा। मात्र दो-तीन महीने में वह कोई जादू कर देंगी, यह सोचना नासमझी होगी। लेकिन वे लंबी रेस का घोड़ा साबित हो सकती हैं, यदि पॉलिटिक्स में लगातार काम करें तो। उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू का पुराना साथ रहा है। रामविलास पासवान भी अहम हैं। उन्होंने बताया कि कौन सी सीट किस दल के खाते में जाएगी इसका फैसला सभी नेता एक साथ बैठकर कर कर लेंगे।