पटना : बिहार पुलिस के मुखिया एक्शन मोड में हैं। वो काम में कोताही कतई बर्दास्त नहीं करने के मूड में हैं। शनिवार की देर रात डीजीपी ने राजधानी के दो थानों का औचक निरीक्षण किया तथा दो थानाध्यक्षों को कार्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया। श्री पांडेय ने डीजीपी बनते ही साफ शब्दों में कह दिया था कि वो खुद फिल्ड में निकलेंगे। कभी भी और कहीं भी वो अचानक पहुंच सकते हैं। अगर किसी प्रकार की उन्हें लापरवाही मिली तो दोषी पुलिसकर्मियों को बख्शने वाले नहीं। और अब हुआ भी वही।
गर्दनीबाग थाना हाजत में बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के एक युवक को दोपहर से बन्द करके रखा गया था। डीजीपी ने स्वयं जब उक्त युवक से बात की तो सारा माजरा उनकी समझ में आ गया। दरअसल थानों में अक्सर ऐसा होता है कि मामूली सी बात पर बिना किसी कानूनी प्रक्रिया अपनाए शख्स को हाजत में घंटों बंद कर रखा जाता है। फिर थाने में तैनात पुलिस वाले अवैध वसूली कर उसे छोड़ देते हैं। शायद इसी प्रक्रिया के तहत युवक को थाना हाजत में रखा गया था, जिसे डीजीपी ने पकड़ लिया। इसके बाद डीजीपी साहेब एसके पुरी थाना पहुंचे।
महज एक घंटे के अंदर दोनों थानों का औचक निरीक्षण करते हुये डीजीपी ने एसकेपुरी और गर्दनीबाग के थानेदारों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया। साथ ही ओडी ड्यूटी पर तैनात दो अन्य पुलिसकर्मियों को काम में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया। लापरवाह पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर उन्होंने पुलिवे महकमे को स्पष्ट संदेश दे दिया कि ड्यूटी मुस्तैदी से करना होगा। लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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