हाजीपुर रेल दुर्घटना : जानिए क्यों बेपटरी हुई सीमांचल एक्सप्रेस?
पटना। हाजीपुर में सहदई बुजुर्ग स्टेशन के समीप जोगबनी से नई दिल्ली जा रही 12487—सीमांचल एक्सप्रेस रविवार तड़के सुबह चार बजे बेपटरी हो गई, जिसमें 7 लोग लोग मारे गए और तीन दर्जन से अधिक घायल हैं। रेलवे द्वारा कराए गए प्राथमिक जांच में यह कहा जा रहा है कि रेल पटरियों में क्रैक आ जाने की वजह से ट्रेन की 11 बोगियां बेपटरी हुईं हैं। कमिश्नर, रेलवे सेफ्टी (पूर्व क्षेत्र) लतीफ खान को जांच का जिम्मा दिया गया है। शुरुआती जांच के बाद यह पता चला है कि ट्रेन का इंजन डब्बों से अगल होकर आगे बढ़ गया, जिससे एक—एक कर डब्बे बेपटरी हो गए। उस समय ट्रेन की रफ्तार की 55 किमी प्रतिघंटे थी।
रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार, ठंड में अमूमन रेल की पटरियां सिकुड़ जातीं हैं, जिससे उनमें दरार आ जाता है। घटनास्थल से के पास से रेल पटरियों के टुकड़े मिलें हैं, जिसके आधार पर यह बात कही जा रही है। उधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हृयदविदारक घटना रेलवे की लापरवाही के कारण हुई है। ठंड में पटरियों का सिकुड़ना कोई नई बात नहीं है। लेकिन, रेलवे के कर्मचारी अगर लगातार पटरियों के रखरखाव पर नजर रखते, तो यह हादसा टल सकता था। दुर्घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे रेलवे व बचाव दल के अधिकारियों पर स्थानीय लोगों ने पत्थर फेंके। लोगों की शिकायत थी कि दुर्घटना के बाद कई गाड़ियों को रद्द किया गया है। ऐसे में प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण यात्रियों को दूर तक पैदल चलना पड़ रहा है। बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टुकड़ी को घटनास्थल पर भेजा गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह चार बजे के ठीक पहले तेज आवाज हुई। शोर सुनकर लोग दौड़े आए, तब तक ट्रेन के डब्बे पटरी से छिटक कर बिखर गए थे। दुर्घटना इतनी भीषण थी, कि बोगियां एक—दूसरे के ऊपर चढ़ गई थीं। यह संयोग है कि कुछ दिनों पहले ही सरकार ने रेलवे सुरक्षा बढ़ने के दावे किए थे। रेलमंत्री पीयुष गोयल ने कहा था कि भारतीय रेलवे के इतिहास में यह सबसे सुरक्षित साल है।