पटना : क्या इस बार भी बिहार का कोई लाल ही सीबीआई के निदेशक पद को सुशोभित करेगा? यह प्रश्न बिहार के लोगों के मन में बार—बार उठ रहा है। उठे भी क्यों नहीं? अभी देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी विवादों में घिरी है और इस विवाद के कारण वर्तमान निदेशक आलोक वर्मा को पद छोड़ना पड़ा है। बिहार कैडर के 1984 बैच के राजेश रंजन का नाम संभावित निदेशक पद के दावेदारों में शामिल है। राजेश रंजन अभी सीआईएसएफ के डारेक्टर जेनेरल के पद पर तैनात है। आइऐ जानते हैं सीबीआई डाइरेक्टर के छह प्रबल दावेदारों के बारे में।
1. सुबोध कुमार जायसवाल
इनका संबंध मूल रूप से यूपी और बिहार से है। हालांकि फिलहाल सुबोध कुमार मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद पर कार्यरत हैं। सुबोध कुमार एक बेहद ही काबिल पुलिस अधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं। इनके प्रोफाइल में सबसे मजबूत पक्ष है, भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ में कई सालों तक सफलतापूर्वक कार्य करना। इन्हें ‘जासूसों का मास्टर’ भी कहा जाता है।
2. राजेश रंजन
ये मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। ये एकदम शांत रहकर अपने ऑपरेशन को अंजाम देने वाले अधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं। राजेश रंजन पहले भी सीबीआई में कार्य कर चुके हैं। सीबीआई में इन्होंने तांत्रिक चंद्रास्वामी को गिरफ्तार करने सहित पंजाब की रुचिका छेड़छाड़ मामले की तफ्तीश के बाद पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ की गिरफ्तारी सहित दर्जनों बड़े मामलों को सीबीआई में रहकर सुलझाया है। इसके साथ ही इंटरपोल के पहले असिस्टेंट डायरेक्टर होने का गौरव भी इन्हें प्राप्त है। पढ़ाई-लिखाई की अगर बात करें तो इन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। फिलहाल वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।
3. योगेश चंद्र मोदी
केन्द्रीय जांच एजेंसी एनआईए के डीजी के तौर पर योगेश चंद्र मोदी कार्य कर रहे हैं। ये आईपीएस अधिकारी मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। लेकिन इनका कैडर गुजरात का है। बेहद शांत रहकर अपने कार्य को समझना और उसके बाद उसको अंजाम देना ये बखूबी जानते हैं। एनआईए में डीजी बनने से पहले ये सीबीआई मुख्यालय में ही कार्यरत थे। कहा जाता है कि करीब डेढ़ साल पहले जैसे ही सीबीआई मुख्यालय में आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच आपसी अनबन शुरू हुई, ये चुपके से उस स्थान से निकलकर एनआईए पहुंच गए। क्योंकि योगेश मोदी को इस बात का अंदेशा था कि इस आग की लपटें कई लोगों को लेकर निपटने वाली हैं। लिहाजा समय से पहले ही वहां से निकल जाना ज्यादा सही रहेगा। योगेश चंद्र मोदी का गुजरात कनेक्शन उन्हें आगे ले जा सकता है। फिलहाल 24 जनवरी को होने वाली सेलेक्शन कमिटी की महत्वपूर्ण बैठक पर सबकी नजर टिकी हुई है।
4. रजनीकांत मिश्रा
1984 बैच के रजनीकांत मिश्रा अभी बीएसएफ के डीजी के पद पर नियुक्त हैं। वे यूपी कैडर के आईपीएस हैं और बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले हैं।
5. ओपी सिंह
-1983 बैच के ये अधिकारी वर्तमान में उत्तर प्रदेश के डीजीपी हैं। वे भी सीबीआई के निदेशक पद के प्रबल दावेदार हैं।
6. आरआर भटनागर
ये 1984 बैच के अधिकारी हैं तथा सीआरपीएफ के डाईरेक्टर जेनरल के पद पर आसीन हैं।
गौरतलब है कि पूर्व में बिहार के दो अधिकारी रंजीत सिन्हा एवं अनिल सिंह सीबीआई निदेशक रह चुके हैं। हालांकि रंजीत सिन्हा विवादों में घिरे रहे। जानकारी के अनुसार 24 जनवरी को होने वाली बैठक के लिये 17 अधिकारियों की लिस्ट तैयार की गयी है। छह लोगों का नाम शॉर्टलिस्ट होगा और उनमें कोई तीन नामों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री के अलावे सीजेआई के प्रतिनिधि एवं लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता भी मौजूद रहेंगे।
रमाशंकर