महाराणा प्रताप की 422वीं पुण्यतिथि मनाई गई

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छपरा : महाराणा प्रताप की 422वीं पुण्यतिथि पर छपरा में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन दीप जलाकर डॉ हरिमोहन कुमार पिंटू एवं शिक्षक नेता विश्वजीत चंदेल ने किया।
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के संरक्षक शिक्षक नेता विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें राष्ट्र-समाज के लिए त्याग और बलिदान की प्रेरणा देता है। भारत के नौजवानों में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, श्रीकृष्ण से लेकर महाराणा प्रताप और शिवाजी के जीवन चरित्र को शिक्षा के पाठ्यक्रमों में स्थान देने की जरूरत है। जब भी राष्ट्र पर संकट होगा राष्ट्र खतरें में होगा, स्वधर्म एवं देश का स्वाभिमान खतरे में होगा, उस समय महाराणा प्रताप का त्याग बलिदान अमरज्योति का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इतिहासकारों की सोच में भारतीय इतिहास से महाराणा प्रताप की गौरव गाथा को नदारद कर दिया है। आज मानसिंह के प्रतीक तथाकथित सेकुलर राजनीति के मान-मर्दन के लिए महाराणा प्रताप जैसा नायक चाहिए। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता-अखण्डता की आवश्यक शर्त है, देश के गद्दार मानसिंह जैसे लोगों का सर्वनाश। ऐसे लोेगों का सर्वनाश महाराणा प्रताप का जीवन दर्शन ही कर सकता है।
अध्यक्षता कार्यक्रम के संयोजक राम जयपाल महाविद्यालय छपरा के छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष कुमार सिहं ने करते हुए कहा कि आज भारत के नवयुवकों के सामने महाराणा प्रताप जैसे राष्ट्रनायक का जीवन पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रस्तुत न करने के कारण युवाओं में राष्ट्रभक्ति, स्वधर्म के प्रति आग्रह, देश समाज के लिए समर्पण के भाव का अभाव हुआ है। इस अवसर पर मुख्य रूप से परमजीत कुमार, भूषण सिंह, पूजा सिंह, स्नेहा सिंह, अभिषेक यादव, संजय सिंह, विश्वजीत महतो मौजूद थे।

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