सहरसा : बुधवार को अधिवक्ता कल्याण मंच के बैनर तले मुख्यमंत्री को वकीलों की सुरक्षा से संबंधित एक ज्ञापन भेजा गया। संयोजक आदित्य ठाकुर के नेतृत्व में अनुमंडल अधिवक्ता संध, सिमरी वख्तियारपुर के अध्यक्ष किशोरी प्रसाद केशरी, पूर्व सचिव मनोरंजन कुमार सिंह, अधिवक्ता विरेन्द्र कुमार उपाध्याय आदि के शिष्टमंडल ने अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम से 12 सूत्री मांगों वाला ज्ञापन भेजा। मौके पर आदित्य ठाकुर ने कहा कि अंग्रेजों के समय अधिवक्ता बहुत सहजता से अपनी दलील रखते थे। लेकिन समय के साथ अब सोच बदली है। आज दलील को दलील मानने का विचार समाज से गायब हो चला है। विचार को वैचारिक मतभेद के रूप मे देखने का नजरिया समाज से लुप्त प्रायः हो चला है। कुछ तबके मनमाफिक निर्णय पाने के लिए व्यवस्थाओं को प्रभावित कर रहे हैं जिससे सबसे ज्यादा प्रभावित ईमानदारी से काम करने वाले वकील हैं जो लिटिगेशन में अपने पक्षकार की तरफ उपस्थित हो न्यायालय को लिटिगेशन के सत्य—सत्यता से अवगत कराते हैं। उनके इस कार्य से प्रभावित पक्षकार की भावनाएं आहत होना भी स्वभाविक है। वे अधिवक्ता पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। अतः आज समय की मांग है कि सरकार वकील को सुरक्षा की गारंटी दे। तभी निष्पक्ष व गुणवत्तापूर्ण न्याय सार्थक होगा।
12 सूत्री मांगों में बिहार में “अधिवक्ता सुरक्षा एवं क्षतिपूर्ति अधिनियम” पारित करने, अधिवक्ताओं पर चल रहे आपराधिक एवं दिवानी मामलों की त्वरित कारवाई करने, 30 वर्षों से कार्यरत् सीनियर अधिवक्ताओं हेतु पेंशन आदि की मांग शामिल है।
आदित्य ठाकुर