राम का अनुशासन ही वास्तविक गणतंत्र : डॉ. शांति राय

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झंडोतोलन करतीं डॉ. शांति राय

पटना: राम का अनुशासन ही वास्तविक गणतंत्र है। राममंदिर तो बन गया है। लेकिन, जब तक राम हमारे आचरण में नहीं आएंगे, तब तक गणतंत्र के मर्म को अनुभव कर पाना अत्यंत कठिन है। उक्त बातें पद्मश्री से सम्मानित देश की विख्यात ​स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. शांति राय ने कहीं। बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ परिसर के मुख्य कार्यक्रम में शुक्रवार को 75वें गणतंत्र दिवस पर झंडोतोलन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रही थीं। डॉ. राय ने कहा कि चिकित्सकों को भी राम का अनुशासन अपनाने की आवश्यकता है। बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ शिक्षा के क्षेत्र में उच्च आचरण के विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत है।

संस्था के उपसचिव व प्राख्यात शल्य चिकित्सक डॉ. सुरेंद्र राय ने कहा कि देश का गणतंत्र श्रीमद्भागवदगीता से बाहर नहीं है। प्रकृति के सान्निध्य में रहकर व अपने आप को अनुशासित रखकर हम गणतंत्र की रक्षा कर सकते हैं। श्रीराम कर्मभूमि न्यास के अध्यक्ष कृष्णकांत ओझा ने कहा कि भारत के हर नागरिक का मन अपने आप में राममंदिर है। ऐसा भाव आने पर हम भारत को सही अर्थों में गणतांत्रिक बनाकर रख सकेंगे और एक गौरवशाली व समृद्ध राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर सकेंगे।

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बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ के न्यासी श्याम नंदन प्रसाद ने कहा कि 20वीं सदी के उत्तरार्ध से इस संस्था ने शिक्षा के क्षेत्र में ज्योति फैलाने का जो पुनीत कार्य आरंभ किया था, वह 21वीं सदी में भी अनवरत जारी है। निकट भविष्य में यह संस्था शिक्षा के नए सोपान सृजित करेगी, ऐसा हम सबका प्रयास है।

इस अवसर पर न्यासी रामविनोद कुमार प्रसाद, प्रो. सुमन कुमार, राजदेव सिंह, पूर्व प्राचार्य बच्चू सिंह, श्रीमती सुशीला देवी, अधिवक्ता मनोज पांडेय, सत्यपाल श्रेष्ठ समेत कई गणमान्य उपस्थित थे।

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