कर्पूरी जयंती पर विशेष:-
कार्यकर्ता प्रधान राजनीति के नायक थे :- कर्पूरी ठाकुर-
– रामरतन प्रसाद सिंह रत्नाकर
नवादा : लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में जिन कार्यकर्ता से नेता बनने वालों को जाना जाता है और जिनकी सादगी और सच्चाई से प्रेरणा मिलती है वैसे लोगों में जननायक कर्पूरी ठाकुर का नाम गर्व से लिया जाता है। कर्पूरी ठाकुर समाजवादी नेता थे। वे विपक्ष के नेता और मुख्यमंत्री भी हुए लेकिन वे जिन्दगी भर कार्यकर्ता रहे और कार्यकर्ताओं से जुड़े रहे। कर्पूरी ठाकुर को याद इसलिए किया जाता रहेगा कि वे किसी अमीर के पुत्र या परिजन नहीं थे और ना ही उन्हें राजनीति विरासत में मिली थी।
आज जब सामान्य पंचायत प्रतिनिधि भी एक बार मौका मिलने पर चकाचक हो जाता है। आज अर्थात् 21वीं शताब्दी में जब देश में राजनीति सिर्फ राजनेताओं के बेटा-बेटी, प्रोपर्टी एजेंट और धन्नासेठों के पास सिकुड़ती जा रही है, वंशवादी और धनसम्पत्ति वालों का राजनीति पर कब्जा होता जा रहा है। इस क्षरण के दौर में आने वाली पीढ़ियों को इस लुप्त प्रजाति से परिचित कराने के लिए जरूरी है कि कर्पूरी ठाकुर को जानें।
उनका जन्म जिस परिवार या जाति में हुआ था, वह अत्यंत पिछड़े जाति जो सामाजिक, शैक्षिक और धनबल में कमजोर है और जिसके पास संख्या बल भी नहीं है ,फिर भी कर्पूरी ठाकुर बिहारी जनमानस के लिए आदरणीय नेता और बिहार के मुख्यमंत्री हुए थे। सामाजिक शोषण का शिकार कई जाति के लोग रहे हैं । वैसे कई लोग जब राजनीति में थोड़ा आगे हुए तो जलनवादी राजनीति के पैरोकार हो गए, लेकिन कर्पूरी ठाकुर ने कभी जलनवादी भाव को फटकने नहीं दिया और जब सोसलिस्ट पार्टी-प्रसोपा और संसोपा के रूप में विभाजित हुई तो कर्पूरी ठाकुर, रामानन्द तिवारी और कपिलदेव सिंह की जोड़ी ने डॉ. राममनोहर लोहिया के चिंतनधारा कि ”संसोपा ने बांधी गांठ-पीछड़ा पाये सौ में साठ “और अंग्रेजी में काम न होगा फिर से देश गुलाम न होगा के जोरदार समर्थक हो गए।
9 अगस्त, 1965 को पटना के गाँधी मैदान में जब वे मंच पर बैठे- और डॉ. राममनोहर लोहिया पधारने वाले थे, उसी बीच बढ़ती स्कूली फीस के खिलाफ प्रदर्शन से परेशान पुलिस ने छात्रों को पीटा था। बाबा रामानन्द तिवारी ने मुझसे खोलने को कहा और जब हमने शर्ट खोला तो शरीर परेशान लाठी के चोट के चिह्न देखकर बाबा बोले- बचवा को मार दिहलीस और कर्पूरी ठाकुर ने गले लगा लिया। इसके बाद संसोपा का गया जिले का सचिव हुआ और ठाकुर जी से प्रायः मिलने का अवसर भी मिल लेना देना।
कर्पूरी ठाकुर पुस्तक प्रेमी थे तो अखण्ड बिहार के समर्थक थे। एक बार वे नवादा पधारे। कौआकोल में आमसभा में भाग लेना था। एक कार्यकर्ता को कौआकोल पुलिस परेशान कर रही थी इसी क्रम में वे पधारे थे । नवादा में साथ हो गया। एमवेस्डर में कई कार्यकर्ता थे। सड़क खराब थी 35 किलोमीटर का रास्ता तीन घंटे में तय हुआ। इस बीच ठाकुर जी कार्यकर्ताओं से बात करते और कार्यकर्ताओं को हंसाते भी रहे।
ठाकुर जी, शिव जी की चर्चा करने लगे। शिवजी भांग धतूरा खाते हैं। प्रत्येक साल शादी करते हैं का प्रचलन चर्चा में रत्नाकर जी जैसे विद्वानों की देन है। लोग हंसते रहे फिर ठाकुर जी ने कहा रत्नाकर जी तो सोसलिस्ट है तब एक कार्यकर्ता ने लोगों को समझाने के क्रम में कहा ब्राह्मणों की देन है।
कौआकोल की सभा की अध्यक्षता मुझे करना था। सभा में कर्पूरी जी से मिलने पलामू से पूर्व मंत्री पुरनचन्द जी और कोडरमा के पूर्व विधायक विश्वनाथ भेदी पधारे। दोनों अलग प्रदेश के गठन के समर्थक थे। पुरनचन्द जोरदार भाषण करने लगे। तब ठाकुर जी ने मुझसे संक्षिप्त करने को कहा। हमने पुरनचन्द जी के पैर दबाए तो वे नाराज हो गए। आप लोग अलग वनांचल नहीं चाहते हैं। इस पर ठाकुर जी ने कहा शाम होने को है लोगों को घर भी जाना है।
कर्पूरी ठाकुर जब बोलने लगे तो उन्होंने पुरनचन्द और विश्वनाथ मोदी का नाम लेकर कहा कि पुरनचन्द जी जब बिहार से अलग हो जाएंगे तब आपको दिकू कहकर राजनीति से किनारे किया जायेगा। फिर एम्बेस्डर से वापस आने लगा तो गाड़ी के पास खड़े रहे और मुझे पुकारा, फिर साथ हो गए।
बीच में चाहता था, लेकिन बोले नवादा चलिए। नवादा साथ आने पर बीस पुस्तकों का एक सेट जिसमें हिन्दी और अंग्रेजी की पुस्तकें थीं। खासकर मधुलिमये, बी पी कोइराला और चौधरी चरण सिंह, सुरेन्द्र मोहन की पुस्तकें थीं। पुस्तक हाथ लेने पर चिंतित होने लगा आखिर नवादा में इस ढंग की और महंगी पुस्तक कौन लेगा ?
खैर ! पुस्तक कर्पूरी जी के नाम लेकर बेचने में कोई खास परेशानी नहीं हुई और जब पटना पहुँचकर पैसा जमा किया तो वे अतिप्रसन्न हुए और बोले लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए यह करना जरूरी है।
कई भाषा का ज्ञान होना लाभदायक है, लेकिन किसी विदेशी भाषा के कारण छात्र पिछड़ जाएँ यह न्यायसंगत नहीं है। इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने मैट्रिक में अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त कर दी। जब आरक्षण की बात आयी तो सवर्ण जाति के गरीब के लिए भी तीन प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की।
समाजवादी विचारधारा, सामाजिक समता और शोषण विहीन समाज परिकल्पना के समर्थक हैं। यह अलग विषय है कि जातिगत भाव के कारण गैर बराबरी है, लेकिन कर्पूरी ठाकुर ने माना कि सवर्ण जातियों में पैदा होने से कोई बड़ा नहीं हो सकता, इसमें आर्थिक कारण भी है। आर्थिक गैर-बराबरी समाज में असंतोष पैदा करती है और बिना सामाजिक समता के शांति संभव नहीं है।
नेतृत्व की बड़ी सफलता यही है कि नेता की नियति पर सभी वर्ण- वर्ग के लोगों को भरोसा हो और कर्पूरी ठाकुर इस कसौटी पर खरे उतरते हैं और जिन नीतियों का पालन कर्पूरी जी ने किया उसमें सभी के साथ कार्यकर्ताओं की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है। कारण कार्यकर्ता अर्थात् लोक अगर अनजाने बने रहे तब तंत्र अर्थात् नौकरशाही मूल नीतियों से अटकने की स्थिति पैदा कर देती है। लोकतंत्र में कार्यकर्ता नेता-नीति और कार्यक्रम के प्रचारक होते हैं।
राज्य अल्पसंख्यक आयोग सदस्य ने मरहूम मां की वर्षी पर मां-पिता के कब्र पर की चादर पोशी, मांगी दुआ
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविंदपुर प्रखंड मुख्यालय बाजार के गोविंदपुर डीह पर बिहार अल्पसंख्यक आयोग सदस्य अफरोजा खातुन ने अपनी मरहूम मां की 7 वीं वर्षी पर अपने भाई वहन तथा रिश्तेदारों के साथ अपने निवास स्थान गोविंदपुर डीह के कब्रिस्तान पहुंच कर अपनी मरहूम मां संजीदा खातुन एवं पिता मरहूम सहुद आलम की कब्र पर चादर पोशी किया और अपने भाई वहन व रिश्तेदार के साथ नमाज अदा कर अमन चैन की दुआ मांगी।
अल्पसंख्यक आयोग सदस्य अफरोजा खातून ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अपनी मरहूम मां संजीदा खातुन की वर्षी पर मां मरहूम संजीदा खातुन एवं पिता मरहूम सहुद आलम की कब्र पर चादर पोशी किया और मौलाना से फातिया कराया गया।उसके बाद नमाज अदा किया गया। इसके पूर्व मौलानाओं को फूल व चादर देकर सम्मानित किया। इसके तत्काल बाद गरीबों व बच्चों को भोजन कराया गया। ऐसा करने से उनके मां-पिता के आत्मा को शांति मिलती तो उन्हें आत्मिक संतोष। मौके पर भारी संख्या में मुस्लिम व हिन्दू समाज के लोग मौजूद थे।
डुमरी के ग्रामिणों का पुलिस से उठा भरोसा, करने लगे पलायन
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविन्दपुर प्रखंड क्षेत्र के डुमरी गांव के ग्रामिणों का पुलिस से भरोसा समाप्त हो गया है। बड़ी संख्या में ग्रामीण गांव छोड़ पलायन कर रहे हैं। ऐसा 12 जनवरी की रात ग्रामिणों पर ढाये गये पुलिसिया जुल्म के बाद हुआ है। यहां तक कि विधायक मो. कामरान की ग्रामिणों से गांव न छोड़ने की अपील भी काम नहीं आ रही है।
पुलिसिया तांडव व रजौली एसडीपीओ पंकज कुमार व पुलिस अधीक्षक के अलग अलग विरोधाभासी बयान ने व खनन विभाग तथा थानाध्यक्ष द्वारा अलग अलग ग्रामिणों के विरुद्ध दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के बाद अब पुलिस ने एक नया शिगूफा छोड़ा है।
पहले किसी पुलिसिया तांडव से एसडीपीओ व एसपी ने इंकार करते हुए कार्रवाई को उचित करार दिया था। अब एक नया शिगूफा छोड़ा गया है। कहा जा रहा है कि पुलिसिया कार्रवाई के पूर्व आरोपियों को गिरफ्तार करने गयी पुलिस पर 12 जनवरी की देर रात पुलिस पर हमला किया गया।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब 14 जनवरी को पुलिस अधीक्षक जांच में डुमरी पहुंचे थे तब ऐसा क्यों नहीं कहा? छह दिनों के बाद ऐसा बयान देकर वे क्या सिद्ध करना चाहते हैं? क्या इतने दिनों बाद ग्रामिणों के विरुद्ध एक और प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी? ऐसे बहुत सारे प्रश्न पुलिस के सामने है जिसका जबाब देना होगा? यही कारण है कि ग्रामीण पुलिसिया भय के मारे गांव से पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं तो पुलिस रक्षक के बजाय भक्षक की भूमिका निभा रही है।
राजद के प्रदेश महासचिव ने नारदीगंज व सिरदला में किया क्रिकेट मैच का उद्घाटन
नवादा : राजद के प्रदेश महासचिव और नवादा के भावि सांसद के रूप में बहुचर्चित भाई विनोद यादव का खेल एवं सांस्कृतिक दौरा नारदीगंज और सिरदला प्रखण्ड क्षेत्र के विभिन्न गावों में हुआ। लोकप्रिय खेल क्रिकेट मैच का उद्घाटन किया गया। नारदीगंज प्रखंड के भट्ट बीघा और भलुआ के बीच क्रिकेट मैच का उद्घाटन राजद के प्रदेश महासचिव भाई विनोद यादव ने किया। भलुआ टीम और भट्ट बीघा टीम के बीच दिलचस्प मुकाबले में भलुआ टीम ने शानदार विजय प्राप्त की।
इसके बाद काफिला सिरदला प्रखंड के लौंद बाजार की ओर कूच किया जहाँ हाई स्कूल के मैदान में क्रिकेट मैच का फाइनल मुकाबला हुआ। रमन डीह और पथरा टीम के बीच दिलचस्प मुकाबला हुआ जिसमें पथरा टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 72 रन बनाकर ऑल आउट हुआ। निर्धारित लक्ष्य का पीछा करते हुए रमन डीह टीम ने चार विकेट खोकर जीत हासिल की और खिताब जीत लिया।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक राजू कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। फाइनल मैच के मुख्य अतिथि भाई विनोद यादव एवं विशिष्ठ अतिथि रजौली विधानसभा के विधायक श्री प्रकाश वीर ने खिलाडियों से हाथ मिलाकर परिचय प्राप्त किया और खेल के महत्व को रेखांकित करते हुए शुभकामनायें दी। मौके पर राजद के वरिष्ठ नेता प्रिंस तमन्ना, शकील अहमद, एनएसडी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश सैनी, सपना यादव, मुकेश यादव , लौंद के मुखिया धर्मेंद्र जी आदि उपस्थित रहे।
विधि व्यवस्था संधारण के लिये जिले में निकाला गया फ्लैग मार्च
नवादा : जिले में विधि व्यवस्था संधारण करने के लिए जिलाधिकारी आशुतोष कुमार वर्मा एवं पुलिस अधीक्षक अंम्बरिष राहुल के द्वारा संयुक्त आदेश जारी किया गया है। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा प्रस्तावित है ।इस अवसर पर मंदिरों में पूजा पाठ धार्मिक अनुष्ठान ,शोभा यात्रा का आयोजन हो सकती है ।
इस अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण के लिए जिले के 170 से अधिक स्थलों पर दंडाधिकारी, पुलिस अधिकारी और काफी संख्या में सशस्त्र पुलिस वालों की प्रतिनियुक्ति की गई है। समाहरणालय में जिला नियंत्रण कक्ष संचालित है,जिसका दूरभाष संख्या 06324 21 2261 है। इसके अलावे जिले के सभी अनुमंडल कार्यालय में भी नियंत्रण कक्ष संचालित है।
पुलिस नियंत्रण कक्ष नवादा 06324 _21 22 63 अनुमंडल कार्यालय नवादा 06324 21 22 38 रजौली अनुमंडल 94 31870496 ,स्वास्थ्य विभाग 06324 21 7472 स्वास्थ्य विभाग रजौली 7903777730 अग्निशमन दस्ता नवादा 06324 21 25 86 ,विद्युत प्रमंडल नवादा 70 33095 811 ,विद्युत प्रमंडल रजौली 8736900 1361 मदध् निषेध नवादा का 8 544424181 आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला नियंत्रण के पास अग्निशाम दस्ता, चिकित्सा टीम आदि की व्यवस्था की गई है।
असामाजिक तत्वों पर से निपटने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई है। सभी अनुमंडल ,प्रखंड मुख्यालय एवं अति संवेदनशील स्थलों पर अनुमंडल अधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदधिकारी अंचल अधिकारी थाना अध्यक्ष आदि के द्वारा फ्लैग मार्च निकाला गया है, लोगों को संदेश दिया जा रहा है कि शांतिपूर्ण ढंग से धार्मिक अनुष्ठान आदि करें। अफवाह फैलाने वालों पर जिला प्रशासनिक द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी जिले के सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी की जा रही है।अधिकारियों को निर्देश दिया गया है की अफवाह फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई करें और तत्काल ऑफर का खंडन करना सुनिश्चित करें।
देर शाम जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल अधिकारी सदर के साथ अन्य अधिकारियों के द्वारा नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न चौक चौराहों , सड़कों पर फ्लैग मार्च निकला गया और लोगों से अपील किया गया कि शांतिपूर्ण एवं भाईचारे के वातावरण में अपना धार्मिक अनुष्ठान करें।