सवर्ण सेना ने केंद्र का जताया आभार, लेकिन समर्थन से किया इनकार

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पटना : आज पटना के आईएमए हॉल में बिहार सवर्ण सेना ने एक प्रेसवार्ता करके भारत सरकार द्वारा 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का स्वागत किया और कहा कि आरक्षण की सीमा और बढ़ाई जाने की जरूरत है। बिहार सवर्ण सेना के अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देर से ही सही लेकिन सवर्णों के बारे में सोचा और उन्हें 10 प्रतिशत का आरक्षण का लाभ दिया। भले ही यह राजनीतिक पंडितों के लिए विवेचना का विषय हो सकता है और इसके लाभ-हानि और अच्छे-बुरे के बारे में वे सोचें, लेकिन प्रधानमंत्री के इस निर्णय का स्वागत हर हाल में किया जाना चाहिए। सुमित सरकार ने आगे यह भी कहा कि यदि जल्द ही सवर्णों के लिए आरक्षण की यह सीमा बढ़ाकर 25 प्रतिशत नहीं की गयी तो सवर्ण सेना पूरे देश में बहुत बड़ा आंदोलन करेगी। जल्द इस विषय पर भी कुछ बरिष्ठजनों के साथ बैठक करेंगे।
वहीं सवर्ण सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी की निश्चित तौर से तारीफ होनी चाहिए कि जिस मांग को लेकर अनेक वर्षों से समाज के विभिन सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संग़ठन संघर्ष कर रहे थे, उसे उन्होंने पूरा कर दिया। 6 महीने पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और बरिष्ठ भाजपा नेता सीपी ठाकुर ने भी हमलोगों की मांगों को जायज कहा था और आश्वासन दिया था कि इस मांग को राष्ट्रीय स्तर पर वो उठाएंगे। कुछ दिनों पूर्व अपने पटना प्रवास के दौरान लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी अगड़ी जाति के लोगो को आरक्षण देने की वकालत की थी। सरोज कुमार ने कहा कि सरकार अगड़ी जाति को 10 प्रतिशत का आरक्षण देकर इस भूल में बिल्कुल भी न रहे कि अब सवर्ण लोग उनको ही वोट देंगे या अपनी उपेक्षा को भूल जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने जा रहा है। सरकार की नीयत यदि साफ होती तो आरक्षण का लाभ अगड़ी-पिछड़ी जाति में बांटकर नहीं देती वल्कि जो सचमुच में गरीब है जिन्हें आरक्षण की जरूत है, उन्हें आर्थिक आधार पर आरक्षण देती। इस तरह के आरक्षण से समाज बंटता है और समाज मे बिखराव होता है। लेकिन सभी राजनीतिक दल अपने फायदे में ये सब नहीं सोचते हैं और महज़ वोट बैंक की राजनीति करना चाहते हैं।
(मानस दुबे)

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