नयी दिल्ली : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा भारत में प्लांट किये गये खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को आज रविवार की सुबह पंजाब पुलिस ने एक गुरुद्वारे से धर दबोचा। करीब 36 दिनों से भगोड़ा अमृतपाल मोगा में जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव में स्थित एक गुरुद्वारे में छिपा हुआ था। वह आईएसआई के ईशारे पर भारत में रहकर भारत विरोधी गतिविधियां चला रहा था। गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल को एक विशेष विमान से असम के डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया है जहां केंद्रीय एजेंसियां उससे पूछताछ करेंगी।
भिंडरावाले के गांव स्थित गुरुद्वारे से पकड़ा गया
खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह को पुलिस ने रोडेवाल सिंह सभा गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया। हालांकि पहले गरुद्वारे के ज्ञानि के हवाले से यह खबर उड़ी कि उसने सरेंडर किया है। अमृतपाल ने भी अपने सरेंडर का नाटक करने की कोशिश की। लेकिन थोड़ी ही देर में पुलिस ने साफ कर दिया कि एक इनपुट के आधार पर की गई छापेमारी में उसे दबोचा गया है। अमृतपाल सिंह अब तक खुद को ‘भिंडरावाले 2.0’ के रूप में प्रचारित कर रहा था। जबकि वह पिछले कई वर्षों से दुबई में रहकर ट्रांसपोट में ड्राइवर के तौर पर काम कर रहा था। वहीं वह आईएसआई की जाल में फंसा और उसका ब्रेनवाश कर भारत में 6—7 महीने पहले ही प्लांट किया गया।
डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया, एजेंसियां करेंगी पूछताछ
सूत्रों ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में ही अमृतपाल ने पुलिस के सामने सारे राज खोल दिये हैं। हालांकि इस बारे में मीडिया को कुछ नहीं बताया गया। लेकिन कहा जा रहा कि उसने पुलिस के सामने भारत विरोधी षडयंत्र के सारे देशी—विदेशी धागे खोल दिये हैं।