देवगुरु बृहस्पति को ज्योतिष में पृथ्वी पर जीवन का कारक माना जाता है। आज शनिवार 22 अप्रैल की प्रातः 5.14 बजे से गुरु ग्रह स्वराशि मीन से निकलकर मेष राशि में प्रवेश कर गए हैं। जब बृहस्पति ने मेष राशि में प्रवेश किया तो वहां पहले से ही राहु स्थित है। और इन दोनो के प्रभाव से गुरू-चंडाल का प्रभाव भी दिखाई देगा। यह राशि परिवर्तन देश-दुनिया के साथ-साथ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में भी कुछ उतार-चढ़ाव देगा। गुरू का मेश राशि में गोचर के दौरान मौसम में अचानक बदलाव होगा। देश में कई जगहों पर बारिश होगी। अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। स्वास्थ्य, रिसर्च और धर्म के क्षेत्र में भारत तरक्की करेगा। कुछ प्राकृतिक आपदा से जुड़ी घटनाओं की संख्या बढ़ेगी। संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ेगा। देश के उच्च एवं सर्वोच्च न्यायालय से कुछ ऐतिहासिक निर्णय जनहित में सुनाये जायेगें। विश्व में भारत का परचम लहरायेगा
विभिन्न राशियों पर देवगुरु वृहस्पति का प्रभाव
मेष : गुरू का मेष राशि में गोचर आपकी जन्म राशि के ऊपर से ही रहेगा। गुरू का जन्मराशि के ऊपर से गोचर इस राशि वाले जातकों के लिए शुभ रहेगा। बाधाएँ कुछ हद तक दूर होंगी।
वृष : यह गोचर वृष राशि वालों के लिए मिश्रित फलदायक रहेगा। अनावश्यक खर्च बढ़ेगा। आरोप-लांछन आदि लगने की आशंका रहेगी। अत: वाणी व्यवहार एवं आचरण में संयम बरतें।
मिथुन : एकादश भाव में गुरू का यह गोचर आपके लिए शुभ रहेगा। कार्यो में प्रगति, विचारों में सकारात्मकता, जोश एवं पराक्रम में वृद्धि इत्यादि शुभ फल प्राप्त होंगे।
कर्क : मेष का गुरु आपके लिए मिलेजुले फल की प्राप्ति का कारक रहेगा। जोखिमपूर्ण धन निवेश से बचें। नियमों एवं कानूनों का उल्लंघन न करें।
सिंह : मेष का गुरु आपके लिए शुभ रहेगा। सामाजिक मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। परिजनों के साथ स्नेह, प्रेम एवं सौहार्द में वृद्धि होगी।
कन्या : अष्टम भाव का गुरु संघर्ष में वृद्धि करेगा। खर्च में वृद्धि होगी। अनावश्यक वाद-विवाद से दूर रहें। उधार देने से बचें। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।
तुला : मेष राशि में गुरु का गोचर आपके लिए शुभ रहेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। उत्साह एवं जोश में वृद्धि होगी। आर्थिक लाभ संभव है।
वृश्चिक : गोचर में गुरू का छठे भाव में संचार आपके संघर्ष में वृद्धि करेगा। समाजिक मान-प्रतिष्ठा की दृष्टि से सावधानी बरतें। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही नहीं बरतें।
धनु : गुरु का पंचम भाव में संचार आपके लिए शुभ रहेगा। जीवन के प्राय: सभी क्षेत्रों में शुभ फल की प्राप्ति होगी।
मकर : मेष का गुरु आपके लिए मिश्रित फलदायक रहेगा। विवाह एवं कैरियर की दृष्टि से शुभ फल की प्राप्ति होगी। पारिवारिक संघर्ष बढ़ सकता है।
कुंभ : तृतीय भाव में गुरु का संचार आपके संघर्ष में वृद्धि करवायेगा। नकारात्मक सोच एवं मानसिक अशांति आदि में वृद्धि हो सकती है।
मीन : आपकी राशि से दूसरे भाव में गुरु का गोचर आपके लिए शुभ रहेगा। उत्साह एवं पराक्रम चढ़ा-बढ़ा रहेगा। मन की अभिलाषा पूर्ण होगी।
नोट : गोचर के साथ ही जन्मकुंडली में दशाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। अत: फल कथन में दशाओं पर भी ध्यान देना अत्यन्त जरूरी है।
ज्योतिर्विद
नीरज मिश्र