नयी दिल्ली : राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने मोदी सरनेम वाले नीरव मोदी, ललित मोदी के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए कहा कि इस सरनेम वाले सभी लोग चोर क्यों होते हैं। अब मोदी सरनेम वाली उनकी इस टिप्पणी के लिए दायर मानहानी केस में राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने दोषी करार देते हुए उन्हें 2 साल कैद की सजा सुनाई है। इस फैसले के साथ ही राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर भी तलवार लटकने लगी है।
कोर्ट ने तुरंत दी जमानत, माफी मांगने से इनकार
हालांकि सजा सुनाने के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को तुरंत बेल भी दे दी। उन्हें यह जमानत 30 दिनों के लिए मिली है ताकि वे ऊपरी अदालत में राहत के लिए अर्जी दाखिल कर सकें। मामले में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा कि मेरा इरादा गलत नहीं था। उनके बयान से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है। इसके साथ ही राहुल ने अदालत के सामने अपने बयान को लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया था।
लंदन बयान का भूत भागा नहीं कि हो गई सजा
हाल के लंदन दौरे के दौरान राहुल गांधी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में भारत विरोधी टिप्पणी के लिए पहले ही आलोचनाओं का केंद्र बने हुए हैं, अब यह अदालती सजा उनके लिए बड़ा संकट ला सकती है। उनकी सांसदी भी अब खतरे में पड़ती दिख रही, जबकि भाजपा संसद में लगातार उनको घोर रही है। बीजेपी नेता अश्विनी चौबे ने कहा कि राहुल गांधी कोर्ट के कटघरे में हैं। वे लोकतंत्र के कटघरे में भी हैं और संसद में माफी मांगने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।