पटना : पड़ोसी राज्य यूपी की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा ने आज पटना में प्रेसवार्ता कर प्रयागराज में होनेवाले कुम्भ में सभी बिहारवासियों को आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि कुंभ का मेला अपने आपमें सबसे महत्वपूर्ण और अनोखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से प्रयाग राज में लगनेवाले कुम्भ को “विश्व धरोहर” की मान्यता मिली है। प्रधानमंत्री जी के प्रयास से ही यूनेस्को ने कुम्भ मेला को “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत” जैसे सम्मान से नवाजा है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने कुम्भ के आयोजन का व्यापक प्रबंध किया है। इस बार 5000 से ज्यादा प्रवासी भारतीय भी कुंभ में स्नान करने आएंगे। मंत्री ने कहा कि धरती पर मानव का सबसे विशालतम और भव्यतम आयोजन कुंभ में देखने को मिलता है। इस बार कुंभ पर 4300 करोड़ खर्च हो रहे हैं, जबकि पहले की सरकारें मात्र 1200 करोड़ ही खर्च करती थी। प्रयागराज के स्थायी रूप से भी विकास के बड़े-बड़े काम हो रहे हैं जिससे पर्यटकों को बहुत सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 264 सड़कों का चौड़ीकरण किया है। 32 देशों के राजनयिक अपने-अपने देश के झंडे को कुंभ में प्रदर्शित करवा रहे हैं। मेला क्षेत्र में एक नया नगर बनाया जा रहा है जिसमें 250 किमी सड़कें बनेंगी। कुंभ के मेले के अवसर पर विश्व का सबसे बड़ा स्थायी नगर बसाया जा रहा है। इस बार मेले में देश के सभी प्रदेशों के लोगों को वहां लाने का प्रयास किया जा रहा है। बिहार के राज्यपाल, सीएम समेत प्रायः सभी पक्ष एवम विपक्ष के नेताओं को भी कुंभ में आने का न्योता दिया जा रहा है। प्रयागराज को कई शहरों से जोड़ा गया है। वहां एक टेंट सिटी का भी निर्माण करवाया गया है और आवास, भोजन तथा टूर की सुविधाओं को विकसित किया गया है। पहली बार कुंभ को इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल और कमांड सेंटर सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है। 1400 से ज्यादा सीसीटीवी लगाए गए हैं। पहली बार कुम्भ में 1 लाख 22 हज़ार शौचालय बनाया गया है जो कि पहले से दोगुनी है। पिछली बार सिर्फ 34000 शौचालय ही बने थे। इस बार मेले में साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। प्रायः कुम्भ का क्षेत्र हर साल 1700 हेक्टेयर ज़मीन में फैला रहता था लेकिन अब इसका क्षेत्रफल दुगुना कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रो ने जनभावनाओं का ख्याल रखते हुए इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया। उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री ने कहा कि कुम्भ में करोड़ों लोग स्नान करने आते हैं और कल्पवास करते हैं। इलाहाबाद में अक्षयवट नाम का पेड़ है जिसे उत्तर प्रदेश की सरकार ने इसे आम लोंगो के दर्शन के लिए खोलने का फैसला किया है।पहले अक्षयवट का दर्शन सामान्य लोगों को नहीं मिल पाता था। क्योंकि पहले अंग्रज़ों के अधीन रहा फिर बाद में सेना की दरखरेख में रखा गया। लेकिन आप सब इसे अब देख सकेंगे।
(मानस दुबे)