पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक दिन पहले बुधवार को समाधान यात्रा पर बक्सर गए थे। इसी दौरान इटाढ़ी रेलवे क्रॉसिंग पर उनके काफिले को पास कराने के लिए 15 मिनट तक बिहार पुलिस ने ट्रेनें रुकवा दी। इससे कामाख्या एक्सप्रेस और बक्सर-पटना सवारी गाड़ी के यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। अब इसपर आज मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।
अश्विनी चौबे के मौन व्रत से नीतीश परेशान
अब इस मामले पर आज पटना में मौन व्रत पर बैठे केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और भाजपा ने कड़ा विरोध दर्ज कराया और पूछा कि किसके आदेश पर मुख्यमंत्री के काफिले के लिए ट्रेनें रोकी गईं। इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। भाजपा ने मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा को ‘व्यवधान यात्रा’ करार दिया। श्री चौबे ने तो यहां तक कहा कि जहां—जहां सीएम समाधान यात्रा करेंगे, वहां—वहां वे धरना और मौन व्रत रखेंगे।
किसानों-युवाओं पर दमन, सीएम बेपरवाह
अपने इसी ऐलान के तहत अश्विनी चौबे आज पटना में जेपी मूर्ति के नीचे मौन व्रत उपवास पर बैठे। उन्होंने नीतीश सरकार की नीतियों को किसान विरोधी और युवाओं पर दमनकारी बताते हुए कहा कि वे जहां भी समाधान यात्रा पर जा रहे वहां समाधान तो कुछ नहीं कर रहे, उल्टा विवाद और बखेड़ा खड़ा करने का काम कर रहे हैं। बिहार सरकार केंद्र की योजनाओं को लटकाने में लगी है जबकि जनता परेशान है। किसान जुल्म का शिकार है और सीएम बस अपना चेहरा चमकाने का मुहिम चला रहे हैं।