15 जनवरी : मधुबनी की मुख्य खबरें

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एनसीसी का मेगा साइक्लोथोन पहुँचा मधुबनी

मधुबनी : एनसीसी की स्थापना के 75वाँ वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में एकता और अनुशासन का संदेश लेकर बिहार एवं झारखण्ड एनसीसी निदेशालय अन्तर्गत मुजफ्फरपुर ग्रुप के सात बटालियनों के कुल 25 कैडेट 1000 किमी की रोमांचक साइकिल यात्रा पर मुजफ्फरपुर से यात्रा प्रारम्भ कर आज मधुबनी ज़िला के सरिसब-पाही स्थित लक्ष्मीश्वर एकेडमी में चल रहे एनसीसी कैम्प में पहुँचे। इस टीम में 34 बिहार बटालियन एनसीसी, मधुबनी के सार्जेंट दयाशंकर शर्मा, लांस कॉर्पोरल गौतम कुमार झा, कैडेट शिवम कुमार सिंह एवं कैडेट जयप्रकाश शर्मा भी शामिल हैं।

यह मेगा साइक्लोथोन सरिसब-पाही से 16 जनवरी को प्रस्थान करेगी और रात्रि विश्राम एसएसबी मुख्यालय, जयनगर में करेगी। पुनः सीमावर्त्ती क्षेत्रों ; यथा – हरलाखी, मधवापुर, सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी, बेतिया, सीवान, छपरा होते हुए हाजीपुर के रास्ते 1 फरबरी को राजभवन पहुँचेगी, जहाँ सभी कैडेट राज्यपाल से मिलेंगे। सरिसब-पाही कैम्प में सभी कैडेटों का स्वागत कैम्प कमान्डेंट ले. कर्नल प्रभाकरण के.पी. एवं सरिसब-पाही (प) के सरपंच श्री संतोष झा ने किया। सरपंच संतोष झा ने कहा कि एनसीसी कैडेट्स आज की विषम परिस्थिति में देश के लोगों को एकता और अनुशासन का संदेश देकर बहुत बड़ा काम कर रहे हैं। विकट परिस्थितियों में धैर्य धारण कर सेना का प्रशिक्षण लेकर देशसेवा का संदेश देते कैडेटों का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।

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देश का भविष्य आपके हाथों में सुरक्षित है। ले. कर्नल प्रभाकरण ने इन कैडेटों की काफी हौसला अफजाई की और राष्ट्रसेवा की ओर प्रेरित किया। मेगा साइक्लोथोन में कैडेटों के साथ नायब सूबेदार जीतेन्द्र कुमार सिंह, हवलदार रमेश कुमार एवं एएनओ संजीव कुमार भी साथ चल रहे हैं। दूसरी ओर सरिसब-पाही में कैम्प कमान्डेंट के साथ सूबेदार मेजर वाई.बी.थापा, ट्रेनिंग जेसीओ सूबेदार संजय कुमार, सूबेदार महेश थापा,नायब सूबेदार उज्जर थापा, एएनओ संतोष कुमार, पीआई स्टाफ, जीसीआई निधि आदि सभी सैनिक एवं सिविल स्टाफ मौजूद थे।

बलुआटोल में शिवचर्चा कार्यक्रम का आयोजन, भजन कीर्तन से माहौल हुआ भक्तिमय

मधुबनी : जिला के जयनगर के बलुआटोल निवासी भोगेन्द्र पूर्वे के आवास पर साप्ताहिक शिव चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें दिन 1 बजे से 4 बजे तक शिवचर्चा का आयोजन किया गया। शिव भक्तों ने शिव महिमा के बारे में लोगों को बताया और चर्चा की।भजन, कीर्तन और संगीत से पूरा इलाका भक्तिमय हो गया।

वक्ताओं ने कहा सभी के गुरु एकमात्र शिव हैं। शिव भक्ति और चर्चा करने से जीवन के सभी दु:ख व कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि शिव शिष्य बनने से मनुष्य का जीवन सफल हो जाता शिव चर्चा में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। शिव चर्चा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भगवान शिव त्रिकालदर्शी, अंतर्यामी, अजर अमर अविनाशी हैं। वे सारे संसार के गुरु है।

शिव को गुरु बनाने के तीन सूत्र हैं। भगवान शिव से दया मांगना कि, हे शिव हम पर दया करे तथा हमें अपने शरण में ले। अपने इष्ट मित्रों से शिव चर्चा करना 108 वार ओम नमः शिवाय का जाप करना। भगवान शिव बड़े कृपालु हैं। वे सबों पर दया करते हैं। शिव चर्चा में काफी संख्या में महिलाएं शामिल हुई। इस मौके पर भोगेन्द्र पूर्वे, उषा देवी, पंकज पूर्वे, मनीषा पूर्वे, राज कुमारी देवी, सोनाली वर्मा,प्रेम कुमार,मीरा देवी सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।

शीतलहर के प्रकोप से बचाव को लेकर रेलवे स्टेशन पर गरीब एवं असहाय लोगों के बीच किया गया कम्बल वितरण

मधुबनी : जिले में सदर अस्पताल के कोविड के जिला नोडल व सदर अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ. कुणाल कौशल के द्वारा 50 से अधिक गरीब व बेसहारा लोगों के बीच मधुबनी स्टेशन पर कंबल वितरण किया गया।

इस अवसर डॉ. कुणाल ने कहा की हम सभी लोगों को गरीब, असहाय लोगों की सुविधा का खयाल रखना चाहिए। उन्होंने कहा की जनसरोकार से जुड़े मामलों में हम सभी को बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। लोगों को द्वारा चिन्हित कर वास्तविक जरुरतमंदों के बीच कंबल बांटा गया है। वहीं कंबल पाकर लोगों के चेहरे खिले हुए थे।

जल्द पूरी की जाए जातिगत जनगणना : सचिन कुमार

मधुबनी : वक्त की मांग है जातिगत जनगणना एवं समाज के हित में मेरा मानना है कि तीन कारणों से यह सर्वथा उचित मांग है। पहला कारण यह कि यदि कोई सामाजिक वर्ग वंचना का शिकार है, तो उसे मुख्यधारा में ले आने के लिये सबसे प्राथमिक कार्य है। उसकी वास्तविक स्थिति का अध्ययन किया जाए। यह अध्ययन उनकी वास्तविक संख्या, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति से संबंधित होना चाहिये।

यदि वास्तविक स्थिति का पता ही नहीं होगा, तो उनके उत्थान हेतु नीति-निर्माण कैसे संभव हो पाएगा। यह किसी से छिपा नहीं है कि पिछड़ा अति पिछड़ा एवं निम्न वर्ग सामाजिक अन्याय का लंबे समय से शिकार रहा है। साथ ही, हमें यह भी ज्ञात है कि यदि किसी वर्ग की सामाजिक वंचना को समाप्त करने संबंधी उपायों को अपनाने में बहुत देरी की जाए तो उस वर्ग में असंतोष मुखर होने लगता है, जो कि कभी-कभी हिंसा का मार्ग अपनाने तक चला जाता है। प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहे देश में ऐसा न होने पाए, उसके लिये समय-पूर्व सतर्कता आवश्यक है।

ओ.बी.सी. वर्ग की जाति जनगणना की मांग के पक्ष में दूसरा कारण सामाजिक न्याय व समावेशी विकास से संबंधित है। कोई भी देश एवं प्रदेश सही अर्थों में तभी विकसित व सफल राष्ट्र की श्रेणी में आता है, जब वह समाज के सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करता है। ओ.बी.सी. वर्ग यदि वंचना का शिकार है और यह कहता है कि उसे उसकी आबादी के अनुपात में संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं, तो यह माना जाना चाहिये कि देश के संसाधनों के वितरण में व्यापक असमानता व्याप्त है। संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण से इस तरह की असमानता को समाप्त कर सामाजिक न्याय व समावेशी विकास संबंधी पहल किया जाना देश के उत्तरोत्तर विकास हेतु अति आवश्यक है, जिसकी शुरुआत वंचितों की गणना करने से होनी चाहिये।

इसके अतिरिक्त यह भी कि केवल इस संभावित भय के कारण इसे रोकना उचित नहीं है कि जाति जनगणना देश में जाति आधारित राजनीति को बढ़ावा देगी। भारत की राजनीति में जाति का प्रभाव हमेशा से रहा है और अभी आगे भी बने रहने की संभावना है। हमें यह समझना चाहिये कि यह समस्या लोकतंत्र की व्यवस्था में व्याप्त कमियों को दर्शाती है, जिसका समाधान तलाशा जाना वैचारिकी के स्तर पर अभी बाकी है। ऐसे में लोकतंत्र की विसंगतियों का बहाना बनाकर किसी वर्ग की वंचना की स्थिति को बरकरार रखना कहीं से भी उचित नहीं है। साथ ही जाति जनगणना के बाद आरक्षण की 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा का कोटा बढ़ाए जाने की मांग को समझना भी आवश्यक है।

हमें सबसे पहले तो यह समझना होगा कि 50 प्रतिशत की यह सीमा कोई अंतिम व आदर्श लकीर नहीं है। इस तथ्य पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है कि राज्यों की आबादी में जातीय भिन्नताएँ व्याप्त हैं। अनुसूचित जाति व जनजाति के संदर्भ में जनगणना होने के कारण यह आसानी से तय कर दिया जाता है कि उक्त राज्य में उनके लिये कितना प्रतिशत आरक्षण होगा, किंतु ओ.बी.सी. की गणना न होने से वे इस लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस संबंध में मध्य प्रदेश का उदाहरण लेना ठीक रहेगा।

यहाँ आदिवासियों की जनसंख्या अधिक होने के कारण उन्हें 20 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत और 50 प्रतिशत के अधिकतम कोटा के कारण ओ.बी.सी. को केवल 14 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, जबकि उनकी राज्य की आबादी में संख्या इससे कहीं अधिक है। अतः समय आ गया है कि केंद्र के स्तर पर भले ही अधिकतम कोटे की सीमा का ध्यान रखा जाए किंतु राज्यों के स्तर पर इस सीमा में आवश्यकतानुसार बदलाव ज़रूरी है। इस बदलाव के लिये यह आवश्यक है कि अब जाति जनगणना में और देरी न किया जाय।

ठंड पर आस्था भारी, मकर संक्रांति पर कल्याणेश्वर मंदिर में उमड़ी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़

मधुबनी : जिले के हरलाखी प्रखंड में मकरसंक्रांति पर्व के दिन ठंड पर आस्था भारी हो गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद लोगों ने विभिन्न जलाशयों में आस्था का डुबकी लगाई। स्नान के बाद लोगों ने विभिन्न शिवालयों में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया, साथ ही लोगों ने तिल गुड़ चूडा-दही खिचड़ी और लकड़ी का दान किया। इस अवसर पर प्रखंड के खिरहर स्थित धरोहर नाथ महादेव मंदिर, कमतौल स्थित मनोकामना महादेव मंदिर, फुलहर गिरिजा माई मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को को मिला।

वहीं पौराणिक कल्याणेश्वर महादेव मंदिर का पट अहले सुबह से ही खोल दिया गया था, जहां सुबह से ही हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कड़ाके की ठंड के बावजूद लोग पहुंचे और मंदिर के सामने पवित्र तालाब में आस्था का डुबकी लगाकर भगवान शिव की दर्शन पूजा व जलाभिषेक किया, साथ ही पूरे दिन भर दान पूण्य का दौड़ चलता रहा। इस दौरान हर हर महादेव की गूंज से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो रहे थे।

मंदिर के मुख्य पुजारी कृष्ण कुमार व हीरा ठाकुर ने बताया कि मकर सक्रांति महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है, क्योंकि इसी दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। इसी दिन से देवताओं का दिन प्रारंभ हो जाता है, जो कि समस्त मांगलिक कार्य के लिए शुभ माना जाता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही सभी तरह के मांगलिक कार्यों की शुरुआत होने लगती है।

खरमास के खत्म होते ही शादी, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते है। सनातन धर्म के अनुसार मान्यता है कि मकर सक्रांति के दिन भीष्म पितामह को मोक्ष मिला था। अतः मकर संक्रांति के दिन स्नान व दान करने पर उसका फल कई जन्मों तक मिलता है, इसलिए आज श्रद्धालुओं ने दान किया है।

महादंगल महोत्सव मेला का आयोजन किया गया

मधुबनी : जिले के खुटौना प्रखंड के झाझपट्टी आशा पंचायत के बिशनपुर गाँव मे महादंगल मेला का आयोजन किया गया। मेला के मुख्य अतिथि राजद बिधायक भारत भूषण मण्डल ने फीता कर मेला का उदघाटन किया गया। मौके पर श्री मण्डल ने कहा खेल के प्रति हर वर्ग के लोगों को आगे रहना चाहिए खेल से शारीरिक और मानसिक में भी इजाफा होता है।

वहीं, मोहम्मद शमशाद ने कहा मेला इसलिए लगाया है कि समाज में युवाओं के प्रति एक अच्छा मैसेज जाएगा युवाओं में खेल के प्रति रुचि बढ़ेगा। इस मेला उद्घाटन में रामानंद बनैता, कलीम अहमद, युसूफ मंसूरी, मुस्तफा, तौहीदआलम, अमीरुद्दीन, कामिल हुसैन, शकील अहमद इत्यादि सभी लोग उपस्थित थे।

15 जनवरी से 21 जनवरी 2023 तक आयोजित होगा भूकंप सुरक्षा सप्ताह

मधुबनी : जिला भूकंप की दृष्टि से जोन 5 के अंतर्गत आता है, जो कि भूकंप के प्रति अत्यंत संवेदनशील जिलों की श्रेणी है। भूकंप एक आकस्मिक रूप से घटित होने वाली प्राकृतिक आपदा है, जिसमें व्यापक स्तर पर संरचनात्मक, पर्यावरण व जानमाल की क्षति होती है। भूकंप से निपटने के प्रमुख उपायों में भूकंप रोधी भवन, अर्थक्वेक रिस्पांस, भूकंप के दौरान की जाने वाली कार्रवाई के प्रति प्रशिक्षित होना व जागरूकता है। इसी दृष्टिकोण से प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिले में भूकंप सुरक्षा सप्ताह 15 से 21 जनवरी 2023 तक मनाया जाना है।

जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को भूकंप सुरक्षा सप्ताह के दौरान विविध जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है। भूकंप सुरक्षा को लेकर एसडीआरएफ की टीम द्वारा दिनांक 16 जनवरी 2023 से 21 जनवरी 2023 तक विभिन्न स्थानों पर मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया जाएगा, जिसका प्रारंभ 16 जनवरी 2023 को 11:00 बजे मधेपुर अंचल कार्यालय से होगा। 21 जनवरी को समाहरणालय परिसर एवं रेलवे स्टेशन मधुबनी में भी मॉकड्रिल का आयोजन किया जाएगा। पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, अभियंताओं, शिक्षकों, भवन निर्माण सामग्री विक्रेताओं, राजमिस्त्रियों, युवा स्वयंसेवकों व अन्य हितभागियों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। जिले के विद्यार्थियों को भूकंप सुरक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिता भी आयोजित किया जाएगा।

आमजन को भूकंप सुरक्षा के प्रति संवेदनशील व सजग बनाने के लिए शिक्षकों, जीविका दीदियों एवं आंगनबाड़ी सेविका- सहायिकाओं के माध्यम से भूकंप सुरक्षा संबंधी पंपलेट वितरित किए जाएंगे तथा जिले के प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग्स/फ्लैक्स के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस दौरान भूकंप सुरक्षा से संबंधित जानकारियों से सुसज्जित भूकम्प जागरूकता रथ, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से भी जागरूकता हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

यंग एलेवन ने विजेता कप पर जमाया कब्जा

मधुबनी : जिले के खजौली के स्थानीय महात्मा गांधी स्मारक प्लस टू उच्च विद्यालय के परिसर में आरसीसी खजौली के तत्वावधान में रविवार को एक दिवसीय टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस क्रम में यांग एलेवन ने लीजेंड एलेवन को 51 रनों से पराजित कर कप पर कब्जा जमा लिया। यंग एलेवन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 141 रन बनाए।

जवाब में लीजेंड एलेवन की टीम 17 ओवर में 90 रन बनाकर आउट हो गई। मैच में बेहतर प्रदर्शन के लिए यंग एलेवन के देवेन्द्र कुमार को प्लेयर ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया। विजेता टीम के कप्तान को समाजसेवी दिलजीत सिंह उर्फ बब्लू के हाथो कप प्रदान किया गया। इस मौके पर राधेश्याम यादव, बलबंत सिंह बिट्टू, सुमीत कुमार सिंह, नीतिन सिंह, अभिजीत सिंह सहित अन्य खेलप्रेमी मौजूद थे।

तीन विद्युत उपभोक्ताओं के विरुद्ध विद्युत चोरी का मामला दर्ज

मधुबनी : जिले के खजौली में नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कनिया अभियंता प्रिय रंजन झा के लिखित आवेदन पर प्रखंड के तीन विद्युत उपभोक्ताओं के खिलाफ विद्युत चोरी को लेकर स्थानीय थाना में मामला दर्ज किया गया है। दर्ज मामले में प्रखंड के गोबरौरा ग्राम निवासी विनोद यादव पर एलटी के मेन तार से टोका फंसाकर विद्युत ऊर्जा की चोरी कर खेतों में पटवन करने का आरोप लगाया गया है।

वहीं मरुकिया ग्राम निवासी सुरेश कुमार यादव एवं राजेन्द्र कुमार यादव पर मीटर के इनपुट टर्मिनल से बाईपास पर विद्युत की चोरी का आरोप लगाया गया है। थानाध्यक्ष अजीत प्रसाद सिंह ने बताया कि आवेदन के आलोक में मामला दर्ज किया गया है। मामले की छानबीन की जा रही है।

सुमित कुमार की रिपोर्ट

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