नगर निकाय चुनाव पर फिर असमंजस की स्थिति, राज्य सरकार द्वारा गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की वैधता पर संकट, सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई
नवादा : नगर निकाय चुनाव को लेकर असमंजस फिर गहरा गया है। ऐसा फिर से मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के कारण हुआ है। पिछड़ा वर्ग आयोग गठन कर फिर से चुनाव कराने की सरकार की तैयारियों के बीच मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद निकट भविष्य में चुनाव पर ग्रहण लगता दिख रहा है। 04 अक्टूबर को पटना हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए पिछड़ा वर्ग को 20 फीसद आरक्षण देने के प्रावधानों को गलत बताया था। जिसके बाद चुनाव टल गया था। तब राज्य सरकार की अपील पर 19 अक्टूबर को हाई कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई थी।
जिसमें हाईकोर्ट को सरकार की ओर से आश्वस्त किया गया था कि पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर ट्रिपल टेस्ट करा चुनाव करा लिया जाएगा। जिसपर हाई कोर्ट द्वारा चुनाव कराने की अनुमति दे दी गई थी। इस बीच राज्य सरकार द्वारा नवीन कुमार आर्य की अध्यक्षता में पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था। हाल के दिनों में दिसंबर माह में चुनाव कराने की चर्चा फिर से शुरू हो गई थी। लेकिन, मामला फिर से फंस गया है।
बताया गया कि 19 अक्टूबर को हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद सुनील कुमार नामक व्यक्ति फिर से सुप्रीम कोर्ट चले गए। उन्होंने एसएलपी दायर कर ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को चुनौती दे दी। जिसपर सोमवार 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस माहेश्वरी की अदलत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखते हुए उनके अधिवक्ता ने कहा कि सरकार द्वारा गठित पिछड़ा वर्ग आयोग डेडिकेटिड कमीशन नहीं है। यह राजनीतिज्ञों से युक्त है। पिछड़ा वर्ग के ट्रिपल टेस्ट के लिए अनफिट है। और बिंदुओं को भी रखते हुए पूर्ववत चुनाव की मांग की गई।
इस बारे में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राहुल भंडारी ने बताया कि अपीलकर्ता के अधिवक्ता को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा गठित आयोग के काम काज पर रोक लगा दिया है। साथ ही राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का आर्डर अबतक सामने नहीं आया है। आदेश की प्रति वेबसाइट पर अपलोड होना बाकी है।
वैसे, अधिवक्ता राहुल भंडारी ने कहा है कि पूर्ण आदेश सामने आने के बाद अंतिम रूप से कहा जा सकता है कि आदेश में और क्या है। बहरहाल, अधिवक्ता राहुल भंडारी के हवाले से आई मीडिया रिपोर्ट्स के बाद चुनाव पर संशय के बादल फिर से गहरा गया है। पूरी स्थिति सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद साफ हो सकेगा। अगले एक दो दिनों में ऑर्डर आने की उम्मीद है।
बता दें कि एसएलपी दायर करने वाले सुनील कुमार वही शख्स हैं, जिन्होंने पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अनुपालन नहीं करने को लेकर याचिका दायर किया था। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने मामला हाईकोर्ट को सुनने के लिए भेज दिया था।
29 की जगह मात्र 18 नदी बालू घाटों का हुआ टेंडर, 11 बालू घाटों पर नहीं जुटे बीडर
नवादा : जिले में पिछले एक साल से बंद नदियों से बालू उठाव का रास्ता अब भले ही साफ हो गया है, लेकिन बालू का कीमत भी सोना की तरह कई गुणा महंगे होने की सम्भावना बन गई है। सोमवार को देर शाम तक जिले भर के 29 बालू घाटों का टेंडर समाप्त होने के बाद मात्र 18 नदी बालू घाटों का ही टेंडर हो सका।
जिले के बालू घाटों का टेंडर लेने के लिए कुल 82 संवेदकों ने बोली लगाया था, जिसमें 18 बालू घाटों पर सफल टेंडर हो गया। जबकि अन्य 11 बालू घाटों के लिए प्रयाप्त संवेदक नहीं जुटने के कारण इन 11 बालू घाटों का टेंडर नहीं हो सका है। सहायक खान निदेशक सुमन कुमारी ने बताया कि जिन 11 बालू घाटों की बोली नहीं लग सकी है, उसमें एक या दो ही संवेदक शामिल हुए थे। इस वजह से 11 बालू घाटों को अगले आदेश के बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जायेगी।
उन्होंने बताया कि जिले में कुल 33 बालू घाट हैं, जिसमें चार बालू घाटों को उसके समीप के बालू घाटों में समाहित कर दिया गया है। इस वजह से कुल 29 बालू घाटों का ही टेंडर कराया गया। उन्होंने कहा कि डीएम की देखरेख में बालू का टेंडर कराया गया है, हालांकि सहायक खान निदेशक के द्वारा कितनी राशि और किसके नाम से बालू घाटों का टेंडर हुआ बताने से परहेज कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि डीएम के स्तर से ही बालू संवेदकों का नाम व राशि का खुलासा किया जायेगा।
बहरहाल सूत्रों की मानें तो जिन 18 बालू घाटों का टेंडर किया गया है, उसका राशि दो सौ करोड़ से अधिक है। गौरतलब हो कि इसके पूर्व 59 बालू घाटों का टेंडर महज 47 करोड़ 55 लाख रूपये में हुई थी, लेकिन इस बार चार गुणा से अधिक दर पर बालू का टेंडर हुआ है, जिससे आने वाले समय में बालू खरीदना काफी महंगा साबित होने की सम्भावना बनी है।
कौन-कौन नदी में कितने बालू घाटों का हुआ टेंडर
सकरी नदी- गोविंदपुर बालू घाट, करनपुर बालू घाट, लखमोहना-धनवारा बालू घाट, कुंज बालू घाट, जमुआवां-पटवासराय बालू घाट, मिल्की-चिलौंजिया बालू घाट, सुल्तानपुर-विशुनपर बालू घाट तथा दरियापुर बालू घाट शामिल है।
धाधर नदी- प्रतापपुर बालू घाट, मनी डाक बालू घाट तथा पसई बालू घाट शामिल है।नाटी नदी एक मात्र मरपो बालू घाट का टेंडर हुआ है।
खुरी नदी- ननौरा बालू घाट तथा लोहड़ा बालू घाट शामिल है।तिलैया नदी- बहादुरपुर बालू घाट, परोरिया बालू घाट, जलालपुर बालू घाट, डुमरी बालू घाट तथा बिक्कु-नारदीगंज बालू घाट शामिल है।
किस नदी के कौन बालू घाटों का नहीं हुआ टेंडर
नाटी नदी- खड़सारी बालू घाट व महद्दीपुर बालू घाट शामिल है।खुरी नदी- करनपुर-1 बालू घाट व भूपतपुर बालू घाट, बिलासपुर बालू घाट, नाद बालू घाट तथा मलिकपुर बालू घाट शामिल है।तिलैया नदी- मनिहौली बालू घाट, सांख/सांढ़ बालू घाट तथा कहवा बेलदरिया बालू घाट शामिल है।
लोक शिकायत के चार मामलों का डीएम ने किया निष्पादन
नवादा : उदिता सिंह जिला पदाधिकारी ने कार्यालय प्रकोष्ठ में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत् द्वितीय अपील की सुनवाई किया। द्वितीय अपील के तहत 08 परिवादी उपस्थित हुए जिसमें से 04 मामलों का निवारण कर दिया गया। प्रस्तुत द्वितीय अपील कौशल्या देवी, ग्राम-महेशपुर, प्रखंड काशीचक द्वारा पीसीसी रास्ता का अतिक्रमण कर क्षतिग्रस्त करने के संबंध में 11 जून 2022 को लिखित आवेदन दिया गया था।
प्रथम अपीलीय प्राधिकार के द्वारा पारित आदेश से असंतुष्ट होकर बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम 2015 के तहत दिनांक 30.09.2022 को आन लाईन द्वितीय अपील दायर किया गया था। द्वितीय अपील की सुनवाई की गयी जिसमें आवेदिका को अपने घर तक जाने के लिए रास्ता उपलब्ध है, तथा रैयती जमीन से रास्ता की मांग करना उचित नहीं है। साथ ही रैयती जमीन के मालिक द्वारा रास्ता के लिए जमीन देने की सहमती नहीं दी गयी। इस अपीलीय वाद की कार्रवाई समाप्त की गयी।
द्वितीय अपीलवाद मुन्नी पंडित, ग्राम देवरा, मेसकौर प्रखंड के द्वारा बिहार सरकार की भूमि पर निर्मित नाली के उपर बने रास्ता को अतिक्रमण करने के संबंध में प्रथम अपीलीय प्राधिकार के द्वारा पारित आदेश से असंतुष्ट होकर बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 के तहत 29.10.2022 को आन लाईन द्वितीय अपील दायर किया गया था। सुनवाई के क्रम में उपस्थित अपीलार्थी द्वारा बताया गया कि उनके परिवाद का निराकरण हो चुका है। साथ ही उनके द्वारा वाद की कार्रवाई समाप्त करने का अनुरोध किया गया है। इस अपीलीय वाद की कार्रवाई समाप्त की गयी।
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम 2015 के तहत किसी भी मामले को दो माह के अन्दर सुनवाई कर निवारण कर दी जाती है। प्रखंडों/ पंचायतों से संबंधित विवाद समस्या को अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय, नवादा सदर/रजौली में कोई भी व्यक्ति अपील कर सकते हैं। जबकि जिला स्तरीय समस्याओं एवं परिवादों के निवारण कराने के लिए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नवादा का कार्यालय समाहरणालय के मुख्य प्रवेश द्वार के दाहिने तरफ लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम भवन में संचालित है।
विवादों के सुनवाई और निवारण में दोनों पक्षों को बुलाकर की जाती है। इसके लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं ली जाती है। शिकायत दर्ज करने एवं निवारण की, निःशुल्क व्यवस्था कार्यालय में की गयी है। आदेश से असंतुष्ट होने पर निःशुल्क कहीं भी अपील दायर की जा सकती है। शिकायत का निवारण अब और आसान हो गया है। अब आनलाईन भी शिकायत /अपील की जा सकती है। आप भी बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अपनी शिकायत दर्ज कराएं और निश्चित समाधान पाएं।
दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के नये मिनी ब्रांच उद्घाटन
नवादा : जिले के अकबरपुर प्रखंड के तेयार पंचायत अन्तर्गत पिथौरी ग्राम में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक माखर शाखा से संबंधित ग्राहक सेवा केंद्र का उद्घाटन किया गया। बैंक और कारपोरेट बीसीओ सीडॉट के द्वारा संचालित है। केंद्र का उद्घाटन विधिवत रूप से डीबीजीबी के अधिकारी आर एम विपुल कुमार, एफआई मैनेजर अभिषेक कुमार एवं अभिजीत कुमार, माखर शाखा बैंक मैनेजर अमित कुमार तथा सीडॉट के जिला कॉर्डिनेटर नवीन कुमार एवं अजय कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।
मौके पर बैंक अधिकारी आर एम विपुल कुमार ने कहा कि भारत सरकार एवं रिजर्व बैंक के नियमानुसार ग्राहकों को सरकार के सभी योजनाओं एवं सुविधाओं का लाभ देना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। एफआई मैनेजर अभिषेक कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा संचालित गरीब से जुड़ी तमाम योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है, जिसमें खाता धारकों को समझाना एवं बैंकिंग प्रणाली की सभी सुविधाएं मुहैया कराना एकमात्र उद्देश्य है। बैंक मित्र केंद्र संचालक राहुल कुमार ने बताया कि ग्राहकों का विश्वास जितना हमारा कार्य होगा। ग्राहकों को बैंकिंग की सभी सुविधा यहां से मिलेगी।
सी डॉट के जिला समन्वयक नवीन कुमार ने कहा सी डाला के माध्यम से ग्राहकों की सुविधानुसार गांवों में मिनी ब्रांच खोला जा रहा है ताकि मुख्य शाखा में भीड़ के कारण ग्राहकों को असुविधा न हो और उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल सके। मुख्य ब्रांच दूर रहने के कारण बैंक का लाभ लेने में लोग सक्षम नहीं हो पाते थे।केंद्र के खुलने से पिथौरागढ समेत आसपास के ग्रामीण इलाके के लोगों को काफी सहूलियत होगी। ग्राहकों को अब मुख्य ब्रांच की तरह बैंक की सारी सुविधा इस केंद्र के माध्यम से कराया उपलब्ध जाएगा। गांव में ब्रांच खुलने से ग्रामीणों में काफी खुशी है। मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
रजौली में आपरेशन के बाद ठंड में जमीन पर सुलाये गये मरीज
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली अनुमंडल अस्पताल का हाल बेहाल है। मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार आम है. ताजा उदाहरण बंध्याकरण के बाद महिलाओं को बेड के बजाय जमीन पर सुलाने का है। रजौली में मंगलवार को बंध्याकरण ऑपरेशन के बाद महिलाओं को कड़ाके की ठंड में बेड के बजाय फर्श पर सुलाया गया। तस्वीरें आपको भी हैरान कर देगी। जब हर सामान्य आदमी ठंड से बचाव के लिए प्रयास करता दिख रहा है, तब अस्पताल में आपरेशन के बाद मरीजों को फर्श पर सोने के लिए मजबूर होना पड़ा। फर्श पर सोने के लिए भी मरीजों के बीच धक्कामुकी वाली स्थिति रही।
22 महिला और चार पुरुषों का हुआ था आपरेशन
रजौली में मंगलवार को परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत आपरेशन का कैंप लगाया गया था। इसमें डॉक्टर बीएन चौधरी के द्वारा 22 महिला और 4 पुरुष का नसबंदी का ऑपरेशन किया गया।
लगाया लापरवाही का आरोप
ऑपरेशन के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक कमरे में बिना बेड उपलब्ध कराए हुए सभी को फर्श पर बेड डालकर लेटने को कह दिया गया। लोगों का यह भी कहना है कि आपरेशन के बाद इनकी देखरेख के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का एक भी कर्मी इनकी देखरेख के लिए वहां पर उपस्थित नहीं था।
एक घंटे बगैर स्टाफ के रहा अस्पताल
लोगों के मुताबिक मंगलवार की रात 10 बजे से 11 तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का कोई कर्मी उपस्थित नहीं था। अपने स्वजन का बंध्याकरण ऑपरेशन कराने आई प्रखंड के धमनी गांव की संध्या देवी ने बताया कि अपनी बच्ची का ऑपरेशन करायी हूं। बेड नहीं मिलने के कारण जमीन पर सुला दिया गया है।
बेड उपलब्ध नहीं होने का दिया हवाला
झीझो गांव से अपनी पत्नी का बंध्याकरण ऑपरेशन कराने आए विकास कुमार ने बताया कि बेड नहीं उपलब्ध कराया गया। इस वजह से जमीन पर सुलाना पड़ा। हम लोगों ने बेड के बारे में पूछा तो बताया गया कि बेड उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। जिसके बाद इसकी जानकारी एसडीओ आदित्य कुमार पीयूष को दी गई तो उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी।
दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के नये मिनी ब्रांच उद्घाटन
नवादा : जिले के अकबरपुर प्रखंड के तेयार पंचायत अन्तर्गत पिथौरी ग्राम में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक माखर शाखा से संबंधित ग्राहक सेवा केंद्र का उद्घाटन किया गया। बैंक और कारपोरेट बीसीओ सीडॉट के द्वारा संचालित है। केंद्र का उद्घाटन विधिवत रूप से डीबीजीबी के अधिकारी आर एम विपुल कुमार, एफआई मैनेजर अभिषेक कुमार एवं अभिजीत कुमार, माखर शाखा बैंक मैनेजर अमित कुमार तथा सीडॉट के जिला कॉर्डिनेटर नवीन कुमार एवं अजय कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।
मौके पर बैंक अधिकारी आर एम विपुल कुमार ने कहा कि भारत सरकार एवं रिजर्व बैंक के नियमानुसार ग्राहकों को सरकार के सभी योजनाओं एवं सुविधाओं का लाभ देना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। एफआई मैनेजर अभिषेक कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा संचालित गरीब से जुड़ी तमाम योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है, जिसमें खाता धारकों को समझाना एवं बैंकिंग प्रणाली की सभी सुविधाएं मुहैया कराना एकमात्र उद्देश्य है। बैंक मित्र केंद्र संचालक राहुल कुमार ने बताया कि ग्राहकों का विश्वास जितना हमारा कार्य होगा। ग्राहकों को बैंकिंग की सभी सुविधा यहां से मिलेगी।
सी डॉट के जिला समन्वयक नवीन कुमार ने कहा सी डाला के माध्यम से ग्राहकों की सुविधानुसार गांवों में मिनी ब्रांच खोला जा रहा है ताकि मुख्य शाखा में भीड़ के कारण ग्राहकों को असुविधा न हो और उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल सके। मुख्य ब्रांच दूर रहने के कारण बैंक का लाभ लेने में लोग सक्षम नहीं हो पाते थे। केंद्र के खुलने से पिथौरागढ समेत आसपास के ग्रामीण इलाके के लोगों को काफी सहूलियत होगी। ग्राहकों को अब मुख्य ब्रांच की तरह बैंक की सारी सुविधा इस केंद्र के माध्यम से कराया उपलब्ध जाएगा। गांव में ब्रांच खुलने से ग्रामीणों में काफी खुशी है। मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।