पटना: पटना वीमेंस कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग ने विश्व दर्शन दिवस मनाने के लिए “प्रकृति के संरक्षण के लिए प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों” विषय पर गुरुवार को एक ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया। इसमें प्रथम स्थान जया दीप्ति, पीजी दर्शनशास्त्र विभाग, दूसरा पुरस्कार पीडब्ल्यूसी की नंदिनी सिंह और मगध महिला कॉलेज की जेबा खान ने जीता। तृतीय पुरस्कार पीडब्ल्यूसी की अदिति सिन्हा और मगध महिला कॉलेज की निधि मिश्रा ने संयुक्त रूप से जीता। डॉ. अमिता जायसवाल विभागाध्यक्ष, दर्शनशास्त्र विभाग ने उद्देश्य की व्याख्या की और विषय पर प्रकाश डाला। यूनेस्को की उद्घोषणा के अनुसार विश्व दर्शन दिवस 2002 से नवंबर के तीसरे गुरुवार को मनाया जाता है।
वैश्विक मुद्दों पर दार्शनिक प्रतिबिंब को प्रोत्साहित करने के साथ साथ अकादमी दार्शनिक भाषा का आदान-प्रदान भी होता है। प्रकृति के संरक्षण के लिए हमें सचेत होने की जरुरत है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि पूरी दुनिया पर्यावरण से संबंधित समस्याओं जैसे जनसंख्या प्रदूषण, अपशिष्ट निपटान जलवायु परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग ग्रीनहाउस प्रभाव का सामना कर रही है और यह है प्राकृतिक संसाधनों के निर्मम दोहन की अंधी दौड़ के कारण सतत विकास और मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन की आवश्यकता है और इसके लिए हमें वेद, उपनिषद गीता जैसे प्राचीन भारतीय शास्त्रों के साथ-साथ भारतीय विचारकों के विचारों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। पटना विवि के विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थियों ने इस भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया । उन्होंने मनुष्य और प्रकृति के बीच पवित्र संबंध पर जोर देने के लिए धरती माता, गंगा नदी, देवी तुलसी का उदाहरण दिया। इसमें लगभग 50 प्रतिभागी थे। निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ. दिवाकर पांडे सहायक प्राध्यापक पीपीयू और बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक कुमारी शिवी सिन्हा थे। कार्यक्रम का संचालन विभाग के डॉ. कमलेंद्र कुमार ने किया। विभाग की डॉ. कुमकुम रानी एवं डॉ. कीर्ति चौधरी कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहीं।