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खरना के साथ आज से 36 घंटे का निर्जला उपवास, जानें शुभ मुहूर्त

पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ में आज का दिन काफी अहम है। आज शनिवार को छठ का खरना पूजन है और इसी के साथ इस महापर्व का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा। फिर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य और सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व की समाप्ति होगी। बाजारों में आज शनिवार को छठ सामग्री की खरीदारी के लिए भारी भीड़ उमड़ी हुई है।

क्या है खरना का शुभ मुहूर्त

छठ महापर्व में खरना का बहुत ज्यादा महत्व होता है। आज पूरे दिन छठ व्रती निर्जला उपवास रहेंगे। छठ व्रती और उसके परिवार वाले पूरी शुद्धता के साथ पटना के गंगा घाटों पर जाकर सुबह से ही गंगाजल लाने के लिए वहां जुट गए हैं। आज के प्रसाद में गंगाजल का विशेष महत्व है। खरना के लिए पटना सिटी के ज्योतिषाचार्य पंडित जुगलकिशोर ने बताया कि शनिवार को सूर्यास्त के बाद खरना कर सकते हैं। शनिवार सुबह 10.28 बजे कार्तिक शुक्ल पंचमी चढ़ रही है। उस दिन शाम 5. 25 बजे के बाद पटना में सूर्यास्त हो रहा है। इसके बाद खरना किया जा सकता है। शाम 5.38 बजे से शाम 7.15 बजे तक लाभ का चौघरिया होने के कारण खरना के लिए अमृत कारक योग बन रहा है। इस मुहूर्त में खरना लाभदायी होगा। इस बीच व्रती पूजन के बाद चांद को अर्घ्य देंगी।

आज किस तरह होगी पूजा?

खरना के दिन आज दूध और गंगाजल, गुड़ एवं अरवा चावल मिलाकर खीर बनाई जाती है। गुड़ की खीर के अलावा शुद्ध रूप से पिसा हुआ गेहूं के आटे की रोटी बनती है। सभी प्रसाद आम की लकड़ी की आग पर बनाया जाता है। छठ व्रती पूरे दिन उपवास कर शाम में गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद बनाती हैं। शाम में सूर्य अस्त होने के बाद जैसे ही अंधेरा होता है उस वक्त भगवान भास्कर और छठी मां की पूजा करते हैं। खरना की पूजा पर पहले भगवान को अलग से प्रसाद चढ़ाया जाता है जो केले के पत्ते पर रखना शुभ माना जाता है। पौराणिक परंपरा के अनुसार खरना का प्रसाद केले के पत्ते पर ही खाना चाहिए, लेकिन अधिकांश जगहों पर केला का पत्ता मिलना संभव नहीं होता है तो मिट्टी के बर्तन में भगवान सूर्य को खरना का प्रसाद निकाला जाता है। छठ व्रती द्वारा खरना करने के बाद सूर्य देव के लिए निकाला गया प्रसाद घर के सभी सदस्यों को दिया जाता है। खरना के बाद छठ व्रती लगभग 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखते हैं।

कई सालों बाद बना ऐसा शुभ योग

पंचांग के अनुसार आज के खरना के दिन बहुत ही शुभ योग बताया गया है जो काफी सालों बाद बन रहा है। आज सूर्योदय सुबह 6:25 बजे है, जबकि सूर्यास्त शाम 5:35 बजे। शाम 5.38 बजे से शाम 7.15 बजे तक लाभ का चौघरिया होने के कारण खरना के लिए अमृत कारक योग बन रहा है। इस मुहूर्त में खरना लाभदायी होगा। इस बीच व्रती पूजन के बाद चांद को अर्घ्य देंगी। आज के दिन किसी भी प्रकार का कोई भी शुभ कार्य या पूजन करने पर सिद्धि होती है और कोई सच्चे मन से उस कार्य को करता है हर मनोकामना पूरी होती है।