PWC में अतिथि व्याख्यान, निकट भविष्य में सिनेमा को मिलेगी सामाजिक स्वीकार्यता
मुख्य अतिथि बोले- भारतीय फिल्में जीवन का उत्सव हैं
फिल्मों में कई बार संवाद से अधिक अशाब्दिक संचार प्रभावकारी होते हैं
पटनाः पटना विमेंस कॉलेज में जनसंचार विभाग द्वारा शुक्रवार को एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसका विषय “सिनेमा की भाषा और सत्यजीत रे” था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता प्रसिद्ध फिल्म अध्येता प्रशांत रंजन थे।
प्रशांत रंजन ने व्यख्यान की शुरुआत करते हुए हमे बताया की कैसे सिनेमा और सिनेमा की भाषा कैसे हमारे जीवन पर असर डालती है और सिनेमा को कला का सातवां रूप कहा क्यों जाता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हम सिनेमा को एक व्यक्ति और एक फिल्म समीक्षक के रूप में कैसे देखते हैं और उन्हें बहुत उम्मीद है कि निकट भविष्य में सिनेमा को सामाजिक स्वाकार्यता के साथ-साथ वैध व सम्मानजनक उच्च दर्जा मिलेगा।
प्रशांत रंजन ने कहा कि सिनेमा एक ऐसा आईना है जो दुनिया को बदल सकता है। आगे उन्होंने बताया कि अमेरिकी लोगों के लिए सिनेमा एक बिजनेस है और भारतीय लोगों के लिए फिल्म सेलिब्रेशन ऑफ लाइफ है। उन्होंने सिनेमा की मौखिक भाषा और सिनेमा की अशाब्दिक भाषा की व्याख्या की। अशाब्दिक भाषा के आधार पर सिनेमाई संचार को कई रूपों में विभाजित किया जाता है जैसे पैरालैंग्वेज, काइनेसिक्स, हैप्टिक्स, ऑक्यूलिसिक्स, प्रॉक्सिमिक्स इत्यादि। फिल्मों में कई बार संवाद से अधिक अशाब्दिक संचार प्रभावकारी होते हैं। तकनीकी भाषा में इन्हें फिल्म सिमेयोटिक्स कहा जाता है।
अपनी बातों को रखते हुए उन्होंने 200 सेकंड्स मे भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष की यात्रा को रेत कला के वीडियो द्वारा दिखाया। सैंडआर्ट वीडियो की शुरुआत 1913 में आई फिल्म राजा हरिश्चंद्र से हुई आगे 1931 में आलम आरा, 1957 में मदर इंडिया, 1960 में मुग़ल-ए-आज़म, 1995 में डीडीएलजे, 2000 में हेरा फेरी, 2015 मे बजरंगी भाईजान इत्यादि का भी जिक्र था। बाद में उन्होंने फिल्मी भाषा के तत्वों के बारे में बताया जैसे फोटो, लाइट, साइलेंस, म्यूट पिच, समय के महत्व को बताते हुए कहा कि फिल्मों में किस तरह के रियल टाइम, स्टोरी टाइम, प्लॉट टाइम, ज़ीरो टाइम ज़रूरी हैं।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत, जनसंचार की विभागाध्यक्षा मिस रोमा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए किया और मुख्य वक्ता का विस्तार से परिचय कराया। अंत में सहायक प्राध्यापिका मिस दिव्या गौतम ने कॉलेज की प्राचार्य सिस्टर एम रश्मि एसी, विभागाध्यक्षा रोमा, विभाग के सदस्यों एवं छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा “लोंग लीव सिनेमा” और कार्यक्रम का समापन किया।