– समाजसेवी संस्था, डॉक्टर व मिथिलेश पाठक ने पेश की मानवता की मिसाल
बक्सर : यह एक ऐसी महिला की कहनी। जो शरीर से दिव्यांग है और मानसिक रूप से कमजोर भी। यह असहाय महिला स्टेशन पर रहकर किसी तरह अपना जीवन बसर कर रही थी। ऐसी असहाय महिला के साथ किसी ने संबंध बनाया और गर्भवती कर दिया। जब वह सात माह के गर्भ से थी तभी उस पर यथा संभव सेवा संस्थान के युवकों की नजर पड़ी। जो स्टेशन पर भोजन का पैकेट बांटने गए थे। उन लोगों ने उसे सदर अस्पताल में दाखिल कराया।
वहां लगभग एक से डेढ़ माह तक उपचार भी चला।लेकिन, 22 सितंबर को सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने उस वक्त अपने हाथ खड़े कर लिए। जब महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। उनकी मजबूरी थी, महिला की कमजोर हालत, शरीर में खून की कमी और ऑपरेशन। संस्था के युवकों को खबर मिली तो वे उसे लेकर शहर के विश्वामित्र अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर राजीव झा से मिले। वे ऑपरेशन करने को तैयार हो गए और कहा। हम फीस नहीं लेंगे। इतनी मदद मिली तो युवकों का हौसला बढ़ा।
उसे अस्पताल में दाखिल करा दिया गया। लेकिन, उन युवकों ने मदद के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली। जिसे देखकर रात दस बजे के बाद समाजसेवी मिथिलेश पाठक विश्वामित्र अस्पताल पहुंचे। उन्होंने युवाओं को भरोसा दिलाया। ऑपरेशन और उपचार में जो खर्च आएगा मैं वहन करुंगा। और ऑपरेशन हो गया। महिला ने स्वस्थ बालक को जन्म दिया।लेकिन, 22 सितंबर को सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने उस वक्त अपने हाथ खड़े कर लिए। जब महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी।
उनकी मजबूरी थी, महिला की कमजोर हालत, शरीर में खून की कमी और ऑपरेशन। संस्था के युवकों को खबर मिली तो वे उसे लेकर शहर के विश्वामित्र अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर राजीव झा से मिले। वे ऑपरेशन करने को तैयार हो गए और कहा। हम फीस नहीं लेंगे। इतनी मदद मिली तो युवकों का हौसला बढ़ा उसे अस्पताल में दाखिल करा दिया गया। लेकिन, उन युवकों ने मदद के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली। जिसे देखकर रात दस बजे के बाद समाजसेवी मिथिलेश पाठक विश्वामित्र अस्पताल पहुंचे। उन्होंने युवाओं को भरोसा दिलाया। ऑपरेशन और उपचार में जो खर्च आएगा मैं वहन करुंगा। और ऑपरेशन हो गया। महिला ने स्वस्थ बालक को जन्म दिया।