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नीतीश के ‘मिशन’ का क्या होगा? शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने ही कर दी बगावत!

नयी दिल्ली: बिहार सीएम नीतीश के मिशन 2024 के ट्रंप कार्ड और भारत में विपक्ष की राजनीति की धुरी शरद पवार खुद बड़ी मुश्किल में घिर गए हैं। उनके भतीजे अजित पवार की बगावत ने शरद पवार को विपक्षी एकता से पहले अपना घर बचाने की चिंता में डाल दिया है। मामला नयी दिल्ली में हुई एनसीपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का है जिसमें अजित पवार ने बगावती तेवर दिखाते हुए अचानक मंच छोड़ दिया। वे काफी गुस्से में भी दिख रहे थे।

एनसीपी कार्यकारिणी बैठक से चले गए अजित

दरअसल, कार्यकारिणी की बैठक में अजित पवार के सामने जैसे ही जयंत पाटिल को बतौर वक्ता मंच पर बुलाने का ऐलान हुआ, शरद पवार के भतीजे के तेवर गरम हो गए। अजित पवार कार्यकारिणी बैठक छोड़कर बाहर निकल गए। इसके पीछे मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि अजित पवार के बोलने का क्रम जयंत पाटिल के बाद रखा गया था। एनसीपी में अजित और जयंत की अदावत काफी मशहूर है। ऐसे में अजित ने शरद पवार को अपने तेवर दिखा दिये।

मुश्किलों में फंसे पवार को घर में ही टक्कर

स्पष्ट है कि शरद पवार काफी मुश्किल में घिर गए हैं और उनकी अपनी पार्टी एनसीपी में सब ठीक जैसी स्थिति नहीं है। अजित पवार के इस रुख को शरद पवार के लिए बड़ी चुनौती माना जाता है। इससे पार्टी में फूट के भी कयास हैं। हालांकि काफी देर बाद अजित को मना कार वापस लाया गया लेकिन वे तभी लौटे जब पूरी बैठक खत्म हो चली थी और शरद पवार समापन भाषण दे रहे थे। अजित पवार पहले बगावत कर चुके हैं और देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ तक ले चुके हैं। कहा जाता है कि फडणवीस से उनके आज भी काफी अच्छे रिश्ते हैं।

क्या है एनसीपी की गुटबाजी वाली कलह

शरद पवार की पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि आज की एनसीपी में दो गुट हैं। पहले खेमे में तो खुद शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले हैं। इस गुट को जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, दिलीप वलसे पाटिल और छगन भुजबल जैसे कद्दावर नेताओं का समर्थन है। दूसरा गुट अजित पवार का है जिसमें धनंजय मुंडे और सुनील तटकरे जैसे नेता हैं। ये नेता युवा हैं और पब्लिक के बीच भी अच्छी पैठ रखते हैं। एक और बात कि एनसीपी में शरद पवार के बाद अजित पवार जैसा कोई जननेता नहीं। जयंत पाटिल और अजित पवार के बीच अदावत भी काफी रही है जो अब पार्टी को नुकसान दे रही है।