अफसर सरकारी खजाने को लगा रहे चूना, मनाही के बाद भी प्राइवेट वाहन का इस्तेमाल

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पटना: बिहार की राजधानी पटना में सरकार बदलने के साथ ही सरकारी आदेश के बावजूद अफसर राजस्व का बड़ा गोलमाल कर सरेआम सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं। मामला राजधानी पटना के डीएम कार्यालय में सरकारी आदेश में मनाही के बावजूद बड़ी संख्या में पदस्थापित अफसरों के प्राइवेट गाड़ियों का इस्तेमाल करने से जुड़ा है। इनमें एडीएम लॉएंड ऑर्डर से लेकर आपदा विभााग के अफसर और सिटी मजिस्ट्रेट तक शामिल हैं।

करीब 30 प्राइवेट वाहनों का हो रहा इस्तेमाल

जानकारी के अनुसार पटना समाहरणालय में ऐसी 30 से 35 गाड़ियों का इस्तेमाल अफसरों द्वारा किया जा रहा है जो प्राइवेट हैं। जबकि सरकारी आदेश गवर्नमेंट वाहन न रहने की सूरत में या इमरजेंसी में केवल कॉमर्शियल गाड़ियों के इस्तेमाल की इजाजत देता है। लेकिन यहां ये अफसर कॉमर्शियल वाहनों की जगह प्राइवेट गाड़ियों का इस्तेमाल कर मनमाना राजस्व ऐसे प्राइवेट वाहन मालिको को अदा कर रहे हैं। इससे सरकारी खजाने को भारी क्षति हो रही है।

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कॉमर्शियल वाहन के उपयोग का ही आदेश

अंदेशा है कि इसी तरह का खेल बाकी जिलों में भी शुरू हो गया हो। यह भी संभावना है कि प्रइवेट वाहन मालिकों से ये अफसर बतौर कमिशन कुछ अपना लाभ भी प्राप्त कर रहे हों। सरकार का आदेश है कि सरकारी काम में भाड़े की गाड़ी का इस्तेमाल तभी किया जा सकता है जब उससे राजस्व की प्राप्ति होती हो। किसी भी अन्य सरकारी काम में प्राइवेट गाड़ी का इस्तेमान नहीं किया जा सकता है।

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