देवघर DC और सांसद निशिकांत दुबे में तीखी बहसबाजी, दोनों ने दर्ज कराई FIR
नयी दिल्ली/रांची: दुमका में ‘लव मर्डर जेहाद’ की शिकार बनी छात्रा अंकिता के परिजनों से मिलने आये भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और उनके बेटों तथा भाजपा के ही एक अन्य सांसद मनोज तिवारी की देवघर के डीसी से तीखी बहसबाजी हुई। इसके बाद देवघर डीसी ने सांसद निशिकांत दुबे, सांसद मनोज तिवारी, निशिकांत दुबे के दोनों बेटों और देवघर एयरपोर्ट निदेशक संदीप ढींगरा समेत कुल 9 लोगों पर कुंडा थाने में एफआई दर्ज करा दी। उधर इस मामले में सांसद निशिकांत दुबे ने भी दिल्ली पहुंचकर देवघर डीसी पर नार्थ एवेन्यू थाने में एक जीरो एफआईआर दर्ज कराई है।
निशिकांत दुबे ने दिल्ली में तो डीसी ने देवघर में किया केस
भाजपा के दोनों सांसद चार्टर्ड प्लेन से देवघर एयरपोर्ट आए थे। वापसी के क्रम में यह सारा विवाद हुआ। निशिकांत दुबे ने पूरे मामले में देवघर एसपी को भी लिखित शिकायत की थी। बाद में उन्होंने देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज करायी। अपनी शिकायत में सांसद निशिकांत ने बताया कि 31 अगस्त की शाम सवा पांच बजे देवघर एयरपोर्ट पर दिल्ली का विमान पकड़ने के लिए वह पहुंचे। उनके साथ भाजपा के सांसद मनोज तिवारी थे। निशिकांत के अनुसार एयरपोर्ट पर विमान का आवागमन नाइट लैंडिंग सुविधा नहीं रहने के कारण बाधित हो रहा है, जिसका केस हाईकोर्ट में लंबित है।
पीएमओ से बिना इजाजत डीआरडीओ क्षेत्र में पहुंच गए डीसी
इस सिलसिले में जानकारी लेने के लिए उन्हें एयरपोर्ट डायरेक्टर के कार्यालय में जाना था। इस क्रम में झारखंड पुलिस के अधिकारी व कर्मचारियों ने उन्हें रोका व उनके दोनों बेटे के साथ गाली-गलौज की। निशिकांत ने आरोप लगाया है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। देवघर डीसी के कहने पर उनके कार्य में बाधा पहुंचाई गई। गोड्डा सांसद ने कहा है कि इसका खुलासा दूसरे दिन हुआ जब डीसी बिना इजाजत देवघर एयरपोर्ट के सुरक्षा क्षेत्र में जो डीआरडीओ का प्रतिबंधित क्षेत्र है, वहां गए। वहां जाने की अनुमति केवल प्रधानमंत्री कार्यालय देता है। वहां एयरपोर्ट डाइरेक्टर ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने।
डीसी ने सुरक्षा मानकों का हवाल देकर कराई प्राथमिकी
उधर देवघर डीसी ने जो एफआईआर सांसदों व अन्य पर दर्ज कराई है उसमें बताया गया है कि एयरपोर्ट में नाइट टेकऑफ और लैंडिंग तथा आईएफआर सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण एटीसी क्लीयरेंस संभव नहीं था। एटीसी कंट्रोल रूम में डायरेक्टर संदीप ढींगरा व पायलट की बात हो रही थी। कर्मियों पर दबाव डालकर बोला जा रहा था कि यात्रियों को आज ही लौटना जरूरी है इसलिए एटीसी क्लीयरेंस दिया जाए। कुछ देर बाद सांसद निशिकांत दुबे व मनोज तिवारी सहित अन्य भी एटीसी रूम में पहुंच गए और जल्द क्लीयरेंस के लिए दबाव बना रहे थे।
इसके बाद उन्हें एटीसी क्लीयरेंस मिल गया व सभी लोग वहां से निकल गए। जांच के क्रम में पता चला कि 31 अगस्त को सुरक्षा मापदंडों का उल्लंघन करते हुए मुकेश पाठक, देवता पांडेय व पिंटू तिवारी एटीसी बिल्डिंग में प्रवेश कर गए थे। डीएसपी ने प्लेन के पायलट, सांसद निशिकांत दुबे, उनके दोनों पुत्रों, सांसद मनोज तिवारी व अन्य पर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करायी है।